एमपी की जेल में साल भर रहा बेगुनाह, कलेक्टर पर दो लाख रुपए का जुर्माना, हाईकोर्ट ने कहा, बाबू आर्डर लिख रहे अधिकारी साइन कर देते हैं

एमपी की जेल में साल भर रहा बेगुनाह, कलेक्टर पर दो लाख रुपए का जुर्माना, हाईकोर्ट ने कहा, बाबू आर्डर लिख रहे अधिकारी साइन कर देते हैं

प्रेषित समय :14:56:52 PM / Wed, Nov 5th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जबलपुर. एमपी हाईकोर्ट ने शहडोल कलेक्टर पर 2 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. कलेक्टर डॉ केदार सिंह ने एक बेगुनाह युवक पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई का आदेश जारी किया था. बेगुनाह युवक को एक साल से ज्यादा समय जेल में गुजारना पड़ा. शहडोल में रहने वाले पीडि़त सुशांत बैस के पिता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. जस्टिस विवेक अग्रवाल और जस्टिस एके सिंह की बेंच ने कहा कि कलेक्टर को यह जुर्माना अपनी जेब से देना होगा.

शहडोल एसपी ने सितंबर 2024 में नीरजकांत द्विवेदी नाम के अपराधी पर एनएसए लगाने की सिफारिश की थी. कलेक्टर ने नीरज की जगह सुशांत बैस के नाम का आदेश जारी कर दिया था. इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. कोर्ट ने पीडि़त के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन मानते हुए कलेक्टर डॉ केदार सिंह पर जुर्माना लगाया. साथ ही गलत दस्तावेज, गलत जानकारी और उसके सपोर्ट में गलत हलफनामा पेश करने पर कंटेम्प्ट की कार्रवाई के आदेश दिए हैं. 25 नवंबर को कलेक्टर को पेश होने के निर्देश दिए.  शहडोल जिले के ब्यौहारी के समन गांव में रहने वाले हीरा मणि बैस की याचिका में वकील ने कोर्ट को बताया कि जेल में रखने के लिए बैड इंटेंशन से एनएसए पास किया गया था.

इसके लिए एक ही दिन में प्रक्रिया पूरी कर दी गई. मामले पर एडीजे कोर्ट ने सुशांत को जमानत दे दी. सुशांत के जेल से बाहर निकलते ही उस पर एनएसए की कार्रवाई कर दी गई. इसके बाद हर तीन माह में सुशांत का एनएसए बढ़ाते गए. एक साल तक जेल में रहने के बाद सितंबर 2025 में वह जेल से बाहर आया. कोर्ट ने यह भी पाया कि एडिशनल चीफ सेक्रटरी ने जो हलफनामा दिया है, उसमें कहा गया कि यह टाइपिंग एरर है.

जो कि उनके क्लर्क राकेश तिवारी की गलती से हुआ है. उसके खिलाफ शोकॉज नोटिस जारी करते हुए विभागीय जांच शुरू कर दी गई है. एडिशनल चीफ सेक्रटरी की इस बात पर हाईकोर्ट ने यह पाया कि यह तो और भी गंभीर बात है कि बाबू ऑर्डर लिख रहे हैं और आप साइन कर देते हैं. अब जब बात आप पर आ गई तो एक क्लर्क को बलि का बकरा बना रहे हैं. इस पूरे मामले पर हाईकोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी को आदेशित किया है कि एसीएस गृह विभाग और कलेक्टर शहडोल के खिलाफ अपने स्तर पर विभागीय जांच करें.
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-