इंडिगो की मुंबई-जबलपुर उड़ान में भारी विलंब पायलट के लापता होने से यात्री बेहाल

इंडिगो की मुंबई-जबलपुर उड़ान में भारी विलंब पायलट के लापता होने से यात्री बेहाल

प्रेषित समय :21:30:33 PM / Wed, Nov 5th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जबलपुर. बुधवार, 5 नवंबर 2025 को मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इंडिगो एयरलाइंस की मुंबई से जबलपुर जाने वाली उड़ान में हुई चार घंटे की भारी देरी ने यात्रियों को गहरे संकट और परेशानी में डाल दिया. यह विलंब किसी तकनीकी खराबी या खराब मौसम के कारण नहीं, बल्कि एक बेहद ही असामान्य और चौंकाने वाले कारण से हुआ—जब उड़ान के निर्धारित पायलट समय पर ड्यूटी के लिए हवाईअड्डे नहीं पहुँचे और एक तरह से 'लापता' हो गए. इस अप्रत्याशित घटनाक्रम के कारण न केवल सामान्य यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ी, बल्कि विमान में सवार कई विशिष्ट व्यक्तियों, जिनमें एक राज्यसभा सांसद भी शामिल थे, को भी इंतजार करना पड़ा, जिसने एयरलाइन प्रबंधन और उसकी आपातकालीन तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

इंडिगो की यह उड़ान सुबह निर्धारित समय पर मुंबई से जबलपुर के लिए उड़ान भरने वाली थी. यात्री समय पर चेक-इन करके बोर्डिंग गेट पर पहुंच चुके थे और विमान में सवार होने का इंतजार कर रहे थे. शुरुआती कुछ मिनटों की देरी को यात्रियों ने सामान्य परिचालन विलंब मानकर नजरअंदाज कर दिया, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया और विमान के उड़ान भरने का कोई संकेत नहीं मिला, यात्रियों के बीच बेचैनी बढ़ने लगी. अंततः एयरलाइन स्टाफ ने घोषणा की कि उड़ान में देरी होगी, लेकिन देरी का स्पष्ट कारण देने में वे आनाकानी करते रहे, जिससे यात्रियों का धैर्य जवाब देने लगा. कई घंटों के बाद, यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि विमान का संचालन करने वाला निर्धारित पायलट ड्यूटी पर उपस्थित नहीं हुआ था. एयरलाइन प्रबंधन के पास इस स्थिति से निपटने के लिए कोई तत्काल बैकअप योजना नहीं थी, जिससे पूरी उड़ान व्यवस्था चरमरा गई. यात्रियों को बोर्डिंग गेट पर ही कई घंटों तक इंतजार करना पड़ा, और इस दौरान एयरलाइन की ओर से उन्हें आवश्यक जलपान या सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था भी नहीं की गई, जिससे यात्रियों का गुस्सा भड़क उठा.

इस विमान में जबलपुर जा रहे राज्यसभा सांसद सहित कई अन्य महत्वपूर्ण हस्तियां भी शामिल थीं, जिन्हें अपने महत्वपूर्ण कार्यक्रमों और बैठकों में समय पर पहुँचना था. सांसद महोदय ने इस पूरी घटना पर गहरा रोष व्यक्त किया और एयरलाइन के अव्यवसायिक रवैये पर कड़ी आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि यह केवल समय की बर्बादी का मामला नहीं है, बल्कि यह विमानन सुरक्षा और यात्रियों के प्रति एयरलाइन की जिम्मेदारी पर भी गंभीर प्रश्न खड़े करता है. उन्होंने सवाल किया कि एक इतने बड़े हवाईअड्डे और प्रतिष्ठित एयरलाइन के पास आपात स्थिति, खासकर 'पायलट के अनुपस्थित' होने जैसी असामान्य स्थिति से निपटने के लिए तत्काल कोई बैकअप व्यवस्था क्यों नहीं थी. यह घटना सोशल मीडिया पर भी तेजी से ट्रेंड करने लगी, जहां यात्रियों ने अपनी आपबीती साझा की और इंडिगो एयरलाइंस को टैग करते हुए अपनी निराशा व्यक्त की.

यात्रियों के बढ़ते हंगामे और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, एयरलाइन प्रबंधन ने अंततः वैकल्पिक व्यवस्थाओं की तलाश शुरू की. काफी देर की मशक्कत और खोजबीन के बाद, जबलपुर जाने वाली इस उड़ान के लिए दूसरे पायलट का इंतजाम किया गया. नए पायलट के आने और उड़ान की अंतिम तैयारियों को पूरा करने में लगभग चार घंटे का अतिरिक्त समय लग गया. निर्धारित समय से लगभग चार घंटे की देरी के बाद, विमान ने आखिरकार मुंबई से जबलपुर के लिए उड़ान भरी, लेकिन इस विलंब के कारण जबलपुर में इंतजार कर रहे यात्रियों के परिजनों और विमान में सवार यात्रियों के आगे के कार्यक्रम बुरी तरह प्रभावित हुए.

एयरलाइन ने विलंब के लिए 'परिचालन कारणों' का हवाला देते हुए खेद व्यक्त किया है, लेकिन पायलट के अचानक ड्यूटी पर नहीं आने और इसके पीछे के सटीक कारणों पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. विमानन नियामक संस्थाओं को इस गंभीर मामले का संज्ञान लेना चाहिए, क्योंकि एक पायलट का अचानक लापता होना न केवल परिचालन में बाधा डालता है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा से भी जुड़ा एक संवेदनशील मामला हो सकता है. फिलहाल, यह घटना एक बार फिर देश में एयरलाइन सेवाओं की विश्वसनीयता और आपातकालीन प्रबंधन की खामियों को उजागर करती है, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त प्रोटोकॉल और दंडनीय प्रावधानों की आवश्यकता महसूस होती है. यात्रियों और सांसद महोदय ने इस मामले में डीजीसीए से सख्त कार्रवाई की मांग की है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-