मुंबई. भारत की वित्तीय राजधानी का अंतर्राष्ट्रीय द्वार कहे जाने वाला छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (CSMIA) इस बार के शीतकालीन समय सारणी में ऐतिहासिक विस्तार की ओर बढ़ रहा है. मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (MIAL) द्वारा जारी ताज़ा घोषणा के अनुसार, मुंबई अब कुल 129 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों से सीधी हवाई सेवाओं द्वारा जुड़ गया है, जो अपने आप में एक नया कीर्तिमान है. इनमें यूरोप और एशिया के मार्गों पर उड़ानों में उल्लेखनीय 18 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है.
एविएशन सेक्टर के लिए यह विंटर शेड्यूल 26 अक्टूबर 2025 से शुरू हुआ है और 28 मार्च 2026 तक लागू रहेगा. इस अवधि में CSMIA से 60 अंतरराष्ट्रीय और 69 घरेलू गंतव्यों के लिए नियमित उड़ानें संचालित होंगी. बीते वर्ष की तुलना में, यूरोप के लिए 8 से बढ़कर अब 12 सीधी कनेक्टिविटीज़ उपलब्ध होंगी, जबकि एशिया के मार्गों में भी 16 से बढ़कर 19 उड़ानें होंगी. इससे न केवल यात्रियों को अधिक विकल्प मिलेंगे, बल्कि मुंबई की वैश्विक कनेक्टिविटी में भी अभूतपूर्व वृद्धि होगी.
नई अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का आगाज़
इस विंटर शेड्यूल में तीन नए अंतरराष्ट्रीय गंतव्य जोड़े गए हैं—कोपेनहेगन, एथेंस और बाली (डेनपासर). यह पहली बार है जब मुंबई से इन स्थलों के लिए सीधी उड़ानें शुरू की जा रही हैं. पर्यटन और व्यापार दोनों दृष्टियों से ये मार्ग यात्रियों के लिए बेहद आकर्षक माने जा रहे हैं. इसके अलावा, लंदन हीथ्रो, एम्स्टर्डम और पेरिस जैसे व्यस्त यूरोपीय मार्गों पर भी अतिरिक्त उड़ानों की घोषणा की गई है, जिससे इन प्रमुख शहरों के बीच यात्रा पहले से अधिक सुगम और सुलभ हो जाएगी.
एयरलाइंस का बढ़ता दबदबा और प्रतिस्पर्धा
मुंबई हवाई अड्डे से परिचालन करने वाली प्रमुख अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस—एमिरेट्स, एतिहाद और ब्रिटिश एयरवेज—इस शेड्यूल में भी अपनी मज़बूत स्थिति बनाए रखेंगी. वहीं, घरेलू क्षेत्र में इंडिगो, एयर इंडिया और आकासा एयर जैसी कंपनियाँ यात्रियों की पहली पसंद बनी रहेंगी. MIAL के अनुसार, ये प्रमुख एयरलाइंस कुल परिचालन का लगभग 75 प्रतिशत हिस्सा अपने ज़रिए संभालेंगी. एयरलाइन विशेषज्ञों का मानना है कि इस बढ़ती प्रतिस्पर्धा से यात्रियों को किरायों में लचीलापन और बेहतर सेवा गुणवत्ता का लाभ मिलेगा.
यात्री सुविधाओं में डिजिटल विस्तार
MIAL ने यात्रियों की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए हवाई अड्डे पर कई आधुनिक तकनीकी उपाय लागू किए हैं. डिजीयात्रा-सक्षम ई-गेट्स (DigiYatra-enabled e-gates), सेल्फ-बैगेज ड्रॉप (SBD) और सेल्फ चेक-इन कियोस्क जैसी सुविधाएँ अब बड़ी संख्या में यात्रियों के लिए उपलब्ध हैं. इससे यात्रा प्रक्रिया अधिक तेज़, सुगम और संपर्करहित बन गई है.
CSMIA के प्रवक्ता ने कहा, “हम यात्रियों को इस चरम यात्रा सीज़न में सहज और परेशानी-मुक्त अनुभव प्रदान करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. डिजीयात्रा, स्वचालित बैगेज सेवाएँ और डिजिटल चेक-इन जैसी सुविधाएँ यात्रा के अनुभव को नई ऊँचाइयों तक ले जाएँगी.” प्रवक्ता ने यह भी जोड़ा कि MIAL का लक्ष्य मुंबई को दक्षिण एशिया का प्रमुख अंतरराष्ट्रीय हब बनाना है, जहाँ से यात्रियों को दुनिया के लगभग हर कोने के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी मिले.
मुंबई का बढ़ता वैश्विक महत्व
एविएशन विशेषज्ञों के मुताबिक, मुंबई एयरपोर्ट की यह प्रगति भारत की अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा में हो रहे तेज़ विस्तार का प्रतीक है. बढ़ती आर्थिक गतिविधियों और वैश्विक निवेशों के साथ मुंबई का महत्त्व और बढ़ गया है. यूरोपीय मार्गों पर उड़ानों में हुई 18 प्रतिशत की वृद्धि यह दर्शाती है कि भारत से यूरोप के बीच पर्यटन, शिक्षा और व्यापारिक यात्राओं की मांग लगातार बढ़ रही है.
इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) के आंकड़ों के अनुसार, मुंबई यूरोप और एशिया के बीच “गेटवे सिटी” के रूप में उभर रहा है. पिछले वर्ष की तुलना में इस साल अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या में लगभग 22 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है. विशेष रूप से लंदन, दुबई, पेरिस, सिंगापुर और दोहा जैसी प्रमुख उड़ानें यात्रियों की सबसे बड़ी मांग के केंद्र में हैं.
पर्यटन और व्यापार दोनों को लाभ
नए मार्गों की शुरुआत से पर्यटन उद्योग और व्यापारिक समुदाय को दोहरा फायदा मिलेगा. एथेंस और कोपेनहेगन जैसे गंतव्यों से सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जबकि बाली जैसे अवकाश स्थलों के लिए सीधी उड़ानें दक्षिण-पूर्व एशिया में भारतीय यात्रियों की बढ़ती उपस्थिति को और मज़बूती देंगी.
उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि मुंबई से यूरोप की सीधी उड़ानों की संख्या में यह बढ़ोतरी केवल एविएशन सेक्टर की सफलता नहीं, बल्कि भारत की बढ़ती वैश्विक पहुंच का भी संकेत है.
विकास की दिशा में ठोस कदम
MIAL ने यात्रियों के बढ़ते दबाव को ध्यान में रखते हुए हवाई अड्डे के परिचालन ढांचे में भी सुधार किया है. टर्मिनल-2 पर सुरक्षा जांच की क्षमता को दोगुना करने, बैगेज हैंडलिंग सिस्टम को स्वचालित बनाने और वेटिंग लाउंज में स्मार्ट मॉनिटरिंग जैसी नई सुविधाएँ शुरू की जा रही हैं.
इसके साथ ही, CSMIA ने पर्यावरणीय दृष्टि से टिकाऊ उपायों पर भी ध्यान केंद्रित किया है. हवाई अड्डे पर सौर ऊर्जा आधारित पावर सिस्टम और वेस्ट मैनेजमेंट के लिए नई तकनीकों का प्रयोग किया जा रहा है.
अंतरराष्ट्रीय हब बनने की दिशा में कदम
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में मुंबई एयरपोर्ट केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के सबसे व्यस्त और रणनीतिक केंद्रों में शामिल होगा. 129 सीधी उड़ान गंतव्यों के साथ, मुंबई अब दुबई, सिंगापुर और दोहा जैसे वैश्विक हब की सूची में खड़ा दिखाई देता है.
विमानन उद्योग के विश्लेषक मनीष चतुर्वेदी के अनुसार, “यूरोपीय कनेक्टिविटी में 18 प्रतिशत की वृद्धि केवल आँकड़ा नहीं है, यह भारत की अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी में हो रहे वास्तविक परिवर्तन की कहानी है. मुंबई का यह कदम भारतीय विमानन उद्योग को नई दिशा देगा.”
शीतकालीन उड़ान समय सारणी में हुए इस व्यापक विस्तार ने स्पष्ट संकेत दिया है कि मुंबई अब न केवल भारत का आर्थिक केंद्र है, बल्कि वैश्विक यात्रा और वाणिज्यिक कनेक्टिविटी का भी नया केंद्र बन चुका है. नई उड़ानों, डिजिटल सुविधाओं और पर्यावरण-अनुकूल नीतियों के साथ CSMIA भारतीय विमानन के भविष्य की दिशा तय कर रहा है—जहाँ से आसमान अब और भी विस्तृत और सुलभ हो चुका है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

