नई दिल्ली.भारतीय रेलवे ने मालगाड़ियों की सुरक्षा को नए युग में प्रवेश दिलाने वाला कदम उठाया है. शुक्रवार को रेलवे मंत्रालय ने घोषणा की कि देशभर के प्रमुख मालवाहक मार्गों पर अब एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) आधारित “दृष्टि” प्रणाली लागू की जा रही है. यह अत्याधुनिक ताला-मॉनिटरिंग सिस्टम ट्रेनों के दरवाजों की लॉकिंग प्रक्रिया, छेड़छाड़, और अनधिकृत प्रवेश जैसी घटनाओं पर रीयल-टाइम नज़र रखेगा. मंत्रालय के अनुसार, यह प्रणाली मालगाड़ियों की सुरक्षा में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली साबित होगी और चोरी या तोड़फोड़ जैसी घटनाओं को लगभग असंभव बना देगी.
रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि यह परियोजना “मेक इन इंडिया” के तहत विकसित की गई है, जिसमें भारतीय इंजीनियरों और आईटी विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. “दृष्टि” सिस्टम का मुख्य उद्देश्य मालगाड़ियों के दरवाजों और डिब्बों पर लगाए गए स्मार्ट लॉक के माध्यम से डेटा को क्लाउड सर्वर पर भेजना है. जैसे ही किसी ट्रेन के डिब्बे का दरवाजा अनधिकृत रूप से खोला जाएगा, यह सिस्टम स्वतः कंट्रोल रूम को अलर्ट भेज देगा.
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “पिछले कुछ वर्षों में मालगाड़ियों से माल चोरी और डिब्बों की तोड़फोड़ की घटनाएँ रेलवे के लिए गंभीर चिंता का विषय बनी हुई थीं. दृष्टि तकनीक इस चुनौती का तकनीकी समाधान है.”
इस परियोजना का पायलट परीक्षण हाल ही में पश्चिम मध्य रेलवे के नागपुर और इटारसी सेक्शन में किया गया था, जहाँ इसके सकारात्मक नतीजे सामने आए. रेलवे ने बताया कि पायलट रन के दौरान मालगाड़ियों की निगरानी में 80 प्रतिशत तक सुधार दर्ज किया गया. अब इसे चरणबद्ध तरीके से देशभर के प्रमुख रेलमार्गों पर लागू किया जा रहा है.
रेल सुरक्षा से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि यह सिस्टम रेलवे सुरक्षा को डिजिटल युग की जरूरतों के अनुरूप ढालने की दिशा में एक बड़ा कदम है. सुरक्षा विश्लेषक विनोद सक्सेना के अनुसार, “भारतीय रेलवे प्रतिदिन हजारों टन माल देशभर में पहुँचाता है. ऐसे में अगर ताला प्रणाली और निगरानी स्मार्ट और स्वचालित हो जाए, तो रेलवे न केवल राजस्व की हानि रोकेगा, बल्कि उपभोक्ता कंपनियों का भरोसा भी मजबूत करेगा.”
सोशल मीडिया पर भी इस पहल की खूब चर्चा हो रही है. इंस्टाग्राम और फेसबुक पर ‘#IndianRailwaysAI’ और ‘#DrishtiSystem’ जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं. कई यूजर्स ने इसे “भारतीय रेलवे का डिजिटल रूपांतरण” कहा, तो कुछ ने मजाकिया लहजे में लिखा कि “अब चोरों की छुट्टी तय है!” ट्विटर पर एक यूजर ने लिखा, “अगर दृष्टि सिस्टम सही तरीके से काम करता है, तो रेलवे न केवल ट्रेनों की सुरक्षा बढ़ाएगा, बल्कि यात्रियों और माल कंपनियों दोनों का विश्वास भी जीत लेगा.”
रेलवे कर्मचारियों के बीच भी इस तकनीक को लेकर उत्साह देखने को मिल रहा है. भोपाल मंडल के एक कर्मचारी ने कहा, “पहले हमें कई बार संदेहास्पद घटनाओं की जानकारी देर से मिलती थी, जिससे चोरी रोकना मुश्किल होता था. अब रीयल-टाइम अलर्ट से हमारी प्रतिक्रिया तेज़ होगी.”
सूत्रों के अनुसार, दृष्टि प्रणाली का डेटा नियंत्रण और निगरानी के लिए एक केंद्रीकृत सर्वर पर सुरक्षित रहेगा. रेलवे का दावा है कि यह सिस्टम जीपीएस, एआई एल्गोरिद्म और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) तकनीक के संयोजन से काम करेगा. इसकी मदद से न केवल दरवाजे की सुरक्षा की निगरानी होगी, बल्कि यह ट्रेन की लोकेशन, गति, और तापमान जैसे पैरामीटर भी मॉनिटर करेगा.
रेल मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि आने वाले महीनों में इस सिस्टम को सभी प्रमुख मालगाड़ी डिपो — जैसे मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, नागपुर, और लुधियाना — में लागू किया जाएगा. इसके साथ ही सुरक्षा कर्मियों को नए सिस्टम की ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि डेटा की व्याख्या और अलर्ट हैंडलिंग में दक्षता बढ़ाई जा सके.
रेलवे सूत्रों का कहना है कि दृष्टि सिस्टम के लागू होने से निजी लॉजिस्टिक कंपनियों और उद्योगों का विश्वास भी बढ़ेगा. हाल के वर्षों में कई कंपनियों ने रेलवे परिवहन से दूरी बना ली थी क्योंकि माल चोरी की घटनाएं आम हो गई थीं. अब यह तकनीकी बदलाव रेलवे के लिए न केवल सुरक्षा बल्कि व्यावसायिक विश्वसनीयता का भी नया अध्याय खोलेगा.
सोशल मीडिया पर इस कदम को “टेक्नोलॉजी के माध्यम से पारदर्शिता की पहल” बताया जा रहा है. फेसबुक पर एक उपयोगकर्ता ने लिखा — “अब समय आ गया है कि रेलवे सिर्फ ट्रेनों को नहीं, तकनीक को भी चलाए.” वहीं, इंस्टाग्राम पर रेलवे की ओर से जारी ‘दृष्टि’ सिस्टम के डेमो वीडियो को अब तक 10 लाख से अधिक व्यूज़ मिल चुके हैं.
विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में यही तकनीक यात्री ट्रेनों की सुरक्षा व्यवस्था में भी इस्तेमाल की जा सकती है. रेल मंत्री ने एक बयान में कहा है कि “भारतीय रेलवे धीरे-धीरे पूरी तरह डिजिटल और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर की दिशा में अग्रसर है. दृष्टि सिस्टम इसी यात्रा की मजबूत नींव रखेगा.”
इस घोषणा के बाद से ही रेलवे कर्मचारियों, लॉजिस्टिक ऑपरेटरों और आम जनता में उत्सुकता का माहौल है. देश की सबसे बड़ी सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के रूप में भारतीय रेलवे यदि इस तकनीक को सफलतापूर्वक लागू कर लेता है, तो यह न केवल सुरक्षा मानकों को नया आयाम देगा, बल्कि भारत को दुनिया की उन गिनी-चुनी रेल प्रणालियों की श्रेणी में ले आएगा जो पूर्ण रूप से एआई-संचालित निगरानी प्रणाली का इस्तेमाल करती हैं.
इस बीच, सोशल मीडिया पर लोग इस तकनीकी पहल को “भारत के आत्मनिर्भर रेलवे” की दिशा में एक मील का पत्थर बता रहे हैं. जैसा कि एक यूजर ने ट्विटर पर लिखा — “दृष्टि सिर्फ कैमरे की नहीं, एक भरोसे की निगाह है.”
इस नई पहल के साथ भारतीय रेलवे ने न केवल अपनी सुरक्षा प्रणाली को डिजिटल कवच प्रदान किया है, बल्कि यह संदेश भी दिया है कि तकनीक के युग में पारंपरिक संस्थान भी परिवर्तन की राह पर कदम बढ़ा सकते हैं — और भारतीय रेलवे ने यह यात्रा ‘दृष्टि’ से शुरू कर दी है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

