चलती ट्रेन के गेट पर बाल्टी लेकर किया 'स्नान' , रील बनाने वाले यात्री ने रेलवे की सुरक्षा और व्यवस्था पर उठाए गंभीर सवाल

चलती ट्रेन के गेट पर बाल्टी लेकर किया

प्रेषित समय :21:32:54 PM / Mon, Nov 10th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. भारतीय रेल का सफर अब केवल यात्रा का माध्यम नहीं रहा, बल्कि कुछ अति उत्साही और सनसनीखेज सामग्री बनाने वालों के लिए एक नया 'रील स्टूडियो' बन चुका है. इसी कड़ी में, पिछले चौबीस घंटों में सोशल मीडिया पर एक ऐसा ही हैरान कर देने वाला वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें एक युवक चलती या रुकी हुई ट्रेन के खुले दरवाज़े के पास बाल्टी और मग लेकर 'स्नान' करते हुए दिख रहा है. यह अजीबोगरीब वीडियो तेजी से इंस्टाग्राम रील्स और एक्स (ट्विटर) पर फैल गया है, जिससे न केवल आम जनता बल्कि रेलवे प्रशासन के बीच भी हड़कंप मच गया है. यात्रियों की सुरक्षा, ट्रेन की स्वच्छता और सार्वजनिक संपत्ति के दुरुपयोग पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए, रेलवे ने तत्काल इस मामले को संज्ञान में लिया है और वीडियो बनाने वाले यात्री के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है.

जानकारी के अनुसार, यह सनसनीखेज वीडियो उत्तर मध्य रेलवे (North Central Railway) के अंतर्गत आने वाले वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन (VGLB) के आसपास रिकॉर्ड किया गया था. वीडियो में दिख रहा है कि ट्रेन के कोच के शौचालय के पास स्थित खुले दरवाज़े पर खड़ा एक युवक, पूरी तैयारी के साथ बाल्टी में पानी भरकर अपनी 'स्नान' की रील बना रहा है. उसका उद्देश्य स्पष्ट रूप से सोशल मीडिया पर 'लाइक' और 'फॉलोअर्स' बटोरना था, जिसके लिए उसने अपनी और अन्य यात्रियों की सुरक्षा को ताक पर रख दिया. यात्री का यह दुस्साहसिक कृत्य लोगों को न केवल हंसा रहा है, बल्कि अधिकांश उपयोगकर्ता इस गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार की कड़ी निंदा कर रहे हैं. #TrainMeinNahana और #RailKaRatan जैसे हैशटैग के साथ यह वीडियो जंगल की आग की तरह फैल चुका है.

वीडियो के वायरल होते ही, रेलवे प्रशासन तुरंत हरकत में आया. रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और उत्तर मध्य रेलवे के अधिकारियों ने वीडियो की गंभीरता को देखते हुए तत्काल इसकी जाँच शुरू की. रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि प्राथमिक जांच में यात्री की पहचान कर ली गई है, हालांकि सुरक्षा कारणों से उसका नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कृत्य रेलवे अधिनियम की धारा 145 (न्यूसेंस फैलाना) और धारा 147 (अतिक्रमण) के तहत आता है, जिसके लिए जुर्माना और जेल दोनों का प्रावधान है. अधिकारी ने कहा, "ट्रेन के दरवाज़े पर इस तरह की खतरनाक हरकत करना न केवल खुद के लिए जानलेवा है, बल्कि यह अन्य यात्रियों के लिए भी असुविधा और खतरा पैदा करता है. रील बनाने की सनक में सार्वजनिक संपत्ति और सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा."

यह घटना एक बार फिर उस बढ़ती हुई प्रवृत्ति को दर्शाती है, जहाँ सोशल मीडिया पर 'वायरल' होने की चाहत में युवा सार्वजनिक स्थलों और परिवहन साधनों पर खतरनाक स्टंट और आपत्तिजनक व्यवहार करने से नहीं हिचकते. पिछले कुछ महीनों में, रेलवे पटरियों पर डांस करने, चलती ट्रेन के सामने खड़े होने और अब ट्रेन के दरवाज़े पर स्नान करने जैसी कई घटनाएं सामने आई हैं. इन सभी मामलों में रेलवे ने सख्त कानूनी कार्रवाई की है, ताकि अन्य लोगों को ऐसा करने से रोका जा सके. यह समझना जरूरी है कि रेलवे परिसर कोई मनोरंजन पार्क या निजी शूटिंग स्टूडियो नहीं है.

रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने यात्रियों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं से अपील की है कि वे इस प्रकार के खतरनाक और गैर-जिम्मेदाराना वीडियो को बढ़ावा न दें. आरपीएफ के एक प्रवक्ता ने कहा, "हम लगातार ऐसे तत्वों पर नज़र रख रहे हैं, जो जानबूझकर रेलवे संपत्ति और यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डालते हैं. ट्रेन के दरवाज़े पर खड़े होकर कोई भी स्टंट करना जान जोखिम में डालने जैसा है. हम जनता से आग्रह करते हैं कि अगर वे ऐसे किसी व्यक्ति को देखें, तो तत्काल रेलवे हेल्पलाइन 139 पर सूचना दें."

इस घटना ने ट्रेन में सुरक्षा प्रबंधन की कमजोरियों को भी उजागर किया है. सवाल यह उठता है कि क्या ट्रेन में मौजूद सह-यात्रियों या रेलवे स्टाफ ने इस युवक को इस तरह की खतरनाक गतिविधि करने से रोका क्यों नहीं? क्या हमारी ट्रेनें अब इतनी असुरक्षित हो गई हैं कि कोई भी यात्री बिना किसी रोक-टोक के सार्वजनिक नियमों का उल्लंघन कर सकता है?

फिलहाल, रेलवे ने यात्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. यह मामला एक सबक के तौर पर देखा जा रहा है ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति 'रील' बनाने के नाम पर सार्वजनिक सुरक्षा और व्यवस्था को बाधित करने की हिम्मत न कर सके. रेलवे को अब इस तरह की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए न केवल जागरूकता अभियान चलाने होंगे, बल्कि ट्रेन के अंदर निगरानी और रेलवे स्टाफ की सक्रियता को भी बढ़ाना होगा. सोशल मीडिया पर अस्थायी प्रसिद्धि पाने की चाहत में लिया गया यह जोखिम अब युवक के लिए स्थायी कानूनी मुसीबत बन गया है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-