बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के अंतिम चरण में 67.14 प्रतिशत मतदान, सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम और नेताओं के बड़े दावे

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के अंतिम चरण में 67.14 प्रतिशत मतदान

प्रेषित समय :18:08:03 PM / Tue, Nov 11th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

पटना. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे और अंतिम चरण में मंगलवार को मतदाताओं ने उत्साह के साथ भाग लिया. चुनाव आयोग के अनुसार शाम पांच बजे तक औसतन 67.14 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. राज्य भर में मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ, हालांकि नवादा जिले में एक बूथ के पास झड़प की खबर से हलचल मच गई. भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान हुआ, जहां केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान हर बूथ पर तैनात रहे.

सुबह सात बजे मतदान की शुरुआत के साथ ही विभिन्न जिलों में मतदाताओं की लंबी कतारें देखने को मिलीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता से अधिकाधिक मतदान करने की अपील की. प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार के युवा पहली बार मतदान कर रहे हैं, उन्हें नए कीर्तिमान स्थापित करना चाहिए.

किशनगंज जिले में सबसे अधिक 76.26 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि मधुबनी जिले में सबसे कम मतदान दर्ज किया गया. कटिहार में 75.23 प्रतिशत, पूर्णिया में 73.79 प्रतिशत, सुपौल में 70.69 प्रतिशत और पूर्वी चंपारण में 69.31 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. गया, जमुई और किशनगंज जिलों में भी लोगों ने बड़ी संख्या में अपने मताधिकार का प्रयोग किया.

बिहार के पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने जानकारी दी कि दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाकों के बाद एहतियात के तौर पर बिहार-नेपाल सीमा को पिछले 72 घंटे से सील कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि पुलिस पूरी तरह सतर्क है ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोका जा सके और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित किया जा सके.

मतदान के दौरान मोतिहारी में दो लोगों को बीजेपी के चुनाव चिन्ह दिखाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने इस मामले को लेकर निर्वाचन अधिकारियों से शिकायत की थी.

अंतिम चरण में 122 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ, जिसमें 37 मिलियन से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र थे. इनमें लगभग 1.74 करोड़ महिला मतदाता शामिल थीं. कुल 45,399 मतदान केंद्रों पर वोटिंग संपन्न हुई.

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अश्विनी कुमार चौबे ने दावा किया कि एनडीए को इस बार 180 से अधिक सीटें मिलने जा रही हैं. उन्होंने कहा कि लोग विकास और आत्मनिर्भर बिहार के नाम पर मतदान कर रहे हैं. दूसरी ओर, राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि पहले चरण में जो बदलाव की लहर दिखी थी, वह अब बड़ी लहर बन चुकी है और महागठबंधन बिहार में सत्ता में वापसी करेगा.

दूसरे चरण के मुकाबले में कई दिग्गज उम्मीदवार मैदान में हैं. पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद (कटिहार), पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी (सिकंदरा), पूर्व मंत्री विनय बिहारी (लौरिया), नारायण प्रसाद (नौतन), शमीम अहमद (नरकटिया), राणा रणधीर सिंह (मधुबन), प्रमोद कुमार (मोतिहारी) और सुनील कुमार पिंटू (सीतामढ़ी) जैसे नेता अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी भी इस चरण में मैदान में हैं.

पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को 121 सीटों पर हुआ था, जिसमें रिकॉर्ड 64.66 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था — जो अब तक का सर्वाधिक रहा. इस बार मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण के बाद कुल मतदाताओं की संख्या 7.42 करोड़ कर दी गई है.

दूसरे चरण के साथ ही राजस्थान, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, तेलंगाना, मिजोरम और ओडिशा की आठ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी कराए जा रहे हैं. इनमें राजस्थान की आंटा, झारखंड की घाटशिला, जम्मू-कश्मीर की बडगाम और नागरोटा, तेलंगाना की जुबली हिल्स, पंजाब की तरनतारण, मिजोरम की दांपा और ओडिशा की नुआपाड़ा सीटें शामिल हैं.

वोटिंग समाप्त होने के बाद अब सभी की नजरें आज शाम जारी होने वाले एग्ज़िट पोल पर टिकी हैं. निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार मतदान समाप्त होने के बाद शाम साढ़े छह बजे के बाद ही एग्ज़िट पोल के आंकड़े सार्वजनिक किए जाएंगे. इन परिणामों से बिहार की राजनीति की दिशा का प्रारंभिक अंदाज़ा मिलेगा.

बिहार के इस चुनाव में मुकाबला बेहद दिलचस्प है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जनता दल (यूनाइटेड)-भाजपा गठबंधन की सत्ता में वापसी होगी या तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाला महागठबंधन (इंडिया ब्लॉक) सत्ता पर काबिज होगा, यह 14 नवंबर को मतगणना के बाद स्पष्ट होगा.

चुनाव आयोग के अनुसार इस बार मतदान में युवाओं और महिलाओं की भागीदारी उल्लेखनीय रही. अधिकांश जिलों में बूथों पर सुबह से ही महिलाओं की लंबी कतारें देखी गईं. कई मतदान केंद्रों पर दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी. सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता और प्रशासनिक तैयारी के कारण मतदान का अधिकांश हिस्सा शांतिपूर्ण रहा, जिससे राज्य में लोकतंत्र का उत्सव पूरी गरिमा के साथ संपन्न हुआ.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-