जबलपुर के कथावाचक आशुतोष चैतन्य महाराज छत्तीसगढ़ में गिरफ्तार, सतनामी समाज पर टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर तीखा विवाद

जबलपुर के कथावाचक आशुतोष चैतन्य महाराज छत्तीसगढ़ में गिरफ्तार

प्रेषित समय :19:59:10 PM / Sat, Nov 15th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जबलपुर/रायपुर. जबलपुर को अपनी कर्मभूमि बताने वाले प्रसिद्ध कथावाचक आशुतोष चैतन्य महाराज को सतनामी समाज पर कथित तौर पर विवादित और आपत्तिजनक टिप्पणी करने के गंभीर आरोप में छत्तीसगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. यह गिरफ्तारी ऐसे समय हुई है जब महाराज की टिप्पणी वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसने पूरे देश में धार्मिक सहिष्णुता और सार्वजनिक मंचों पर जिम्मेदारी को लेकर एक तेज प्रतिक्रियात्मक विवाद को जन्म दे दिया है. महाराज की गिरफ्तारी छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले से हुई है.वहीं मामला बढ़ने के बाद अब आशुतोष चैतन्य ने वीडियो जारी कर मांफी मांगी है.

सतनामी समाज ने आरोप लगाया है कि कथावाचक ने एक धार्मिक आयोजन के दौरान उनके संस्थापक और पूज्य गुरु गुरु घासीदास जी के संबंध में ऐसी बातें कहीं, जिन्हें समाज ने घोर अपमानजनक मानते हुए तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की थी. छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश दोनों राज्यों में समाज के सदस्यों में गहरा आक्रोश देखा गया, जिसके बाद विभिन्न जिलों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए और पुलिस थानों में कथावाचक के विरुद्ध प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई गई. समाज के पदाधिकारियों का कहना है कि महाराज ने जानबूझकर करोड़ों लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है और समाज की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया है.

इधर, जबलपुर में महाराज के समर्थक इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बता रहे हैं, जबकि पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने और कानून को अपना काम करने देने की अपील की है.

छत्तीसगढ़ पुलिस ने पुष्टि की है कि महाराज के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 197 के तहत मामला दर्ज किया गया है. यह धारा, जो पूर्व में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 295A थी, जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण ढंग से किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले कृत्यों को दंडनीय बनाती है. पुलिस ने बताया कि धार्मिक भावनाओं से जुड़े मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई की गई. गिरफ्तारी के बाद, उन्हें स्थानीय कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर यह खबर #AshutoshChaitanya#SatnamiSamaj और #ControversialStatement जैसे हैशटैग के साथ टॉप ट्रेंडिंग में बनी हुई है. इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि एक बहुधर्मी समाज में धार्मिक प्रवचन देने वाले व्यक्तित्वों को सार्वजनिक मंचों पर किस प्रकार की भाषा का उपयोग करना चाहिए और धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले बयानों की कानूनी सीमा क्या है. इस मामले की आगे की न्यायिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं आने वाले दिनों में और अधिक राजनीतिक तथा सामाजिक बहस को जन्म दे सकती हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-