जबलपुर. बरेला शारदा मंदिर के आस-पास रहने वाले ग्रामीण इन दिनों एक गंभीर और भयावह संकट का सामना कर रहे हैं. क्षेत्र में अचानक कई कुत्तों के पागल होने और उनके द्वारा एक गाय को काटे जाने के बाद, वह गाय भी अब हिंसक हो चुकी है. इस घटनाक्रम ने पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल बना दिया है, जहाँ पागल कुत्ते और गाय दोनों ही लोगों पर हमला कर रहे हैं, जिससे ग्रामीण खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और दहशत के माहौल में जीने को मजबूर हैं. स्थानीय लोगों ने रविवार सुबह 9 बजे इस चिंताजनक स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि एक पागल कुत्ते के काटने से प्रभावित होकर अब गाय भी पागल हो गई है, जिससे यह समस्या और विकराल रूप ले चुकी है.
क्षेत्रीय लोगों के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से यहाँ दो से तीन कुत्तों का व्यवहार असामान्य हो गया था, वे अचानक हिंसक हो उठे थे और राह चलते लोगों और अन्य जानवरों पर हमला कर रहे थे. इसी दौरान इन पागल कुत्तों ने पास ही चर रही एक गाय को बुरी तरह काट खाया, जिसके बाद वह गाय भी रेबीज के लक्षणों के साथ हिंसक और पागल हो गई है. अब यह पागल गाय भी सड़कों पर घूम रही है और कुत्तों के साथ मिलकर लोगों को निशाना बना रही है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह स्थिति इतनी खतरनाक हो गई है कि लोग अपने घरों से बाहर निकलने में भी डर रहे हैं, खासकर बच्चे और बुजुर्ग. क्षेत्र के बाजार और मंदिर जाने वाले रास्तों पर सन्नाटा पसरा हुआ है, क्योंकि लोगों को हर पल इन हिंसक जानवरों के हमले का डर सता रहा है.
स्थानीय प्रशासन और पशु चिकित्सा विभाग को तत्काल इस मामले की जानकारी दी गई है, लेकिन खबर लिखे जाने तक इन हिंसक और पागल जानवरों को पकड़ने या नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई थी, जिससे ग्रामीणों का आक्रोश भी बढ़ रहा है. लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं जानलेवा हो सकती हैं और यदि समय रहते इन जानवरों को आइसोलेट कर इनका इलाज नहीं किया गया, या इन्हें सुरक्षित रूप से हटाया नहीं गया, तो किसी भी समय कोई बड़ा हादसा हो सकता है. रेबीज का खतरा बढ़ने से स्वास्थ्य विभाग की चिंताएँ भी बढ़ गई हैं. पागल जानवरों के काटने से कई ग्रामीण पहले ही मामूली रूप से घायल हो चुके हैं, जिन्हें स्थानीय स्तर पर प्राथमिक उपचार दिया गया है, लेकिन अब स्थिति गंभीर रूप धारण कर रही है. निवासियों ने जिला प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप करने और पशु चिकित्सा दल को मौके पर भेजकर स्थिति को नियंत्रित करने की मांग की है, ताकि बरेला शारदा मंदिर क्षेत्र के निवासियों को इस गंभीर और जानलेवा खतरे से मुक्ति मिल सके और वे सामान्य जीवन जी सकें. प्रशासन की ढिलाई के चलते स्थानीय लोगों को स्वयं ही लाठी-डंडों के सहारे अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा करनी पड़ रही है, जो बेहद जोखिम भरा है.
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