सऊदी बस हादसे में एक ही परिवार के 18 सदस्य मौत के शिकार, हैदराबाद का राशिद टूटा, कहा-साथ न जाने की बार-बार दी थी सलाह

सऊदी बस हादसे में एक ही परिवार के 18 सदस्य मौत के शिकार, हैदराबाद का राशिद टूटा, कहा-साथ न जाने की बार-बार दी थी सलाह

प्रेषित समय :22:31:21 PM / Mon, Nov 17th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

हैदराबाद. सऊदी अरब के मदीना के पास हुए भीषण बस हादसे ने हैदराबाद के एक ही परिवार के 18 सदस्यों की जिंदगी छीन ली। 35 वर्षीय सैयद राशिद के लिए यह दुर्घटना ऐसा घाव बनकर आई है, जिसकी भरपाई संभव नहीं। कुछ दिन पहले तक वह अपने परिवार को हंसी-खुशी उमरा यात्रा के लिए विदा कर रहा था, लेकिन आज वह उसी परिवार के सभी सदस्यों के खोने का दुख समेटे बैठा है। हादसे में राशिद के माता-पिता, भाई, भाभी, उनके बच्चे, अमेरिका में रहने वाले रिश्तेदार और अन्य परिजन शामिल थे।

हादसे में 65 वर्षीय शैक नसीरुद्दीन, जो रेलवे से सेवानिवृत्त थे, और 60 वर्षीय अख्तर बेगम की मौत हो गई। इनके साथ राशिद के 38 वर्षीय भाई, 35 वर्षीय भाभी और उनके तीनों बच्चे भी बस में मौजूद थे। इसके अलावा अमेरिका में रहने वाले सिराजुद्दीन, उनकी पत्नी सना और उनके तीन बच्चे भी इस हादसे में मारे गए। रिश्तेदार अमीना बेगम और उनकी बेटी, शमीना बेगम और उनका बेटा, तथा रिजवाना बेगम और उनके दो बच्चे भी मृतकों में शामिल हैं।

राशिद ने बताया कि उसने 9 नवंबर को खुद हैदराबाद एयरपोर्ट पर अपने पूरे परिवार को उमरा के लिए रवाना किया था। वह बार-बार कहता रहा कि सभी को एक साथ यात्रा नहीं करनी चाहिए, खासकर जब बच्चे साथ हों। लेकिन परिवार ने इसे धार्मिक यात्रा समझकर समूह में ही जाने का फैसला किया। राशिद कहता है, “मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि वह आखिरी बार होगा जब मैंने उन्हें देखा। अगर वे अलग-अलग जाते तो शायद कुछ लोग बच जाते।”

हादसे की पुष्टि होने के बाद परिवारों में मातम का माहौल छा गया। दिनभर हैदराबाद के हज हाउस में पीड़ित परिजन जानकारी जुटाने के लिए जुटे रहे। हर चेहरे पर निराशा, चिंता और उम्मीद का अजीब मिश्रण दिखाई दे रहा था। कई लोग रोते-रोते बेसुध हो रहे थे, तो कुछ इतने सदमे में थे कि बोल भी नहीं पा रहे थे।

एक अन्य परिवार के सदस्य ने बताया कि उसने अपने परिवार के पांच लोगों को इस हादसे में खो दिया है—दो साले, सास और भांजी। वह बताता है कि जब अधिकारियों ने उसे कहा कि बस में कोई भी जीवित नहीं बचा, तो उसका दिल जैसे बैठ गया। उसने सरकार से अपील की है कि सभी शवों को जल्द से जल्द भारत लाने की व्यवस्था की जाए, ताकि सम्मानजनक अंतिम संस्कार किया जा सके।

दूसरी ओर, अल मीना ट्रैवल एजेंसी, जो अल मक्का की सहयोगी संस्था है, ने पुष्टि की कि उनके समूह के 20 लोग 9 नवंबर को भारत से सऊदी अरब के लिए रवाना हुए थे। उनमें से 16 लोग मक्का में इबादत के बाद मदीना लौट रहे थे। हादसे के बाद कुछ समय तक एजेंसी यह बताने में असमर्थ थी कि यात्रियों का क्या हुआ है। बाद में सऊदी अधिकारियों ने पुष्टि की कि बस में बैठे सभी हाजियों की मौत हो चुकी है।

यह हादसा न सिर्फ हैदराबाद बल्कि पूरे देश के लिए गहरा सदमा बनकर आया है। एक ही परिवार के 18 लोगों का एक साथ दुनिया से चले जाना किसी त्रासदी से कम नहीं। उमरा यात्रा की खुशियों के साथ निकले ये लोग अब कभी वापस नहीं लौटेंगे। परिवारों का दुख शब्दों में बयां करना मुश्किल है। हर कोई यही उम्मीद कर रहा है कि सरकार जल्द से जल्द शवों को भारत लाकर अंतिम संस्कार और अन्य औपचारिकताओं की प्रक्रिया पूरी कराने में मदद करे।

इस घटना ने कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं—क्या तीर्थयात्रियों की परिवहन सुरक्षा पर्याप्त है? क्या यात्रियों को छोटे समूहों में यात्रा करने की सलाह देने की जरूरत है? और क्या ट्रैवल एजेंसियों को ऐसी परिस्थितियों के लिए अधिक सतर्क होने की आवश्यकता है? फिलहाल इन सवालों के जवाब हादसे की जांच के बाद ही सामने आएंगे, लेकिन जिन परिवारों ने अपने प्रियजन खो दिए, उनके लिए कोई भी जांच या मुआवजा इस दर्द को कम नहीं कर सकता। यह बस हादसा उन हजारों परिवारों के लिए चेतावनी भी है जो धार्मिक यात्रा पर निकलते हैं कि सुरक्षा को कभी हल्के में न लें और जोखिम को समझते हुए कदम उठाएँ।

फिलहाल हैदराबाद में मातम पसरा है और हर कोई इस त्रासदी के पीड़ितों के लिए प्रार्थना कर रहा है।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-