MP: इंदौर ट्रक हादसे को लेकर हाईकोर्ट ने की टिप्पणी, कहा मुंबई में ट्रैफिक जवान चौराहों पर रहते हैं, यहां पेड़ के नीचे खड़े होते हैं

MP: इंदौर ट्रक हादसे को लेकर हाईकोर्ट ने की टिप्पणी, कहा मुंबई में ट्रैफिक जवान चौराहों पर रहते हैं, यहां पेड़ के नीचे खड़े होते हैं

प्रेषित समय :15:58:57 PM / Thu, Nov 20th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जबलपुर. एमपी के इंदौर में हुए ट्रक हादसे पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है. सुनवाई में हाईकोर्ट ने इंदौर पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तलब किया और इंदौर में लगातार हो रहे सड़क हादसों पर नाराजगी जताई. इंदौर में एयरपोर्ट रोड पर नो एंट्री में घुसे ट्रक से हुए हादसे पर चीफ जस्टिस संजीव सचदेव और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने स्वत: संज्ञान ले रखा है.

पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से शामिल हुए. उन्होंने बताया कि हाई कोर्ट के स्वत: संज्ञान लेने के बाद हमने 1244 चालान बनाए. यह सुनते ही चीफ जस्टिस ने टोका. बोले, 1244 चालान बनाए, इसका मतलब है, आपने लोगों को पहले नियम तोडऩे का मौका दिया. जैसे ही नियम तोड़ा लपक लिया और चालान बना दिया. चालान की नौबत ही क्यों आती है, मुंबई में जाकर देखें, वहां बीच चौराहे पर जवान नजर आता है. आपके यहां पेड़ के पीछे जवान खड़े रहते हैं. ड्यूटी करने के बजाए सिग्नल तोडऩे वालों के चालान बनाने में लगे रहते हैं. क्या आपको 31 दिसंबर तक का टारगेट मिलता है, निश्चित संख्या में चालान नहीं बनाए तो बड़े अफसर नाराज हो जाएंगे. कलेक्टर, कमिश्नर, आरटीओ ने 75 दिन पहले हाई कोर्ट में एक्शन प्लान दिया था. इसके हिसाब से एक भी काम नहीं हुआ.

सुनवाई में अफसरों ने इंदौर खंडपीठ में दिया प्लान ही चीफ जस्टिस के समक्ष रख दिया. उन्होंने जब इसके बारे में बताना शुरू किया तो जस्टिस सराफ ने कहा आप जो प्लान बता रहे हैं वह अतिक्रमण, लेफ्ट टर्न चौड़ा करने का है. हम यहां नो एंट्री में भारी वाहन घुस आने, आए दिन हो रहे हादसों की बात कर रहे हैं इस विषय पर कोई प्लान नहीं क्या है. सुनवाई शुरू होते ही जस्टिस सराफ ने कहा कि एयरपोर्ट की घटना के बाद भी शहर में भारी वाहनों से एक्सीडेंट हो रहे हैं. प्रतिबंधित समय में भी वाहन घुस रहे हैं. ड्रिंक एंड ड्राइव के मामले सामने आ रहे है, आप लोग क्या कर रहे हैं. पुलिस कमिश्नर ने जवाब दिया कि भारी वाहनों के प्रवेश पर सख्ती जारी है. कलेक्टर ने ट्रांसपोर्ट, जरूरी सेवा वाले बड़े वाहनों को प्रवेश की अनुमति दे रखी है. जागरूकता के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. ट्रैफिक वालिंटियर भी बना रहे हैंए संख्या 600 से ज्यादा हो गई है.

इंदौर खंडपीठ ने भी दिया था हाजिर होने का आदेश-

इधरए इंदौर खंडपीठ ने अफसरों को 27 नवंबर को हाजिर रहने के आदेश दिए हैं. दरअसलए कोर्ट द्वारा बनाई गई महापौर, कलेक्टर, पुलिस कमिश्नर, निगमायुक्त, आरटीओ की हाई लेवल कमेटी ने 75 दिन पहले जो प्लान बनाकर दिया था बावजूद इसके सड़कों पर अतिक्रमण जस का तस है. पुलिस के सिर्फ चालानी कार्रवाई में व्यस्त रहने, चौराहों पर जाम लगे रहने की समस्या को हाई कोर्ट ने भी महसूस किया था. इसके पहले सुप्रीम कोर्ट की कमेटी भी नाराजगी जता चुकी है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-