जबलपुर. मध्यप्रदेश की बढ़ती विद्युत आवश्यकताओं को दीर्घकालिक रूप से पूर्ण करने और राज्य में विद्युत उत्पादन क्षमता को सुदृढ़ करने की दिशा में मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कम्पनी लिमिटेड (एमपीपीजीसीएल) ने 660-660 मेगावाट की दो नई ताप विद्युत इकाइयों की स्थापना के लिए गत दिवस भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल-भेल) के साथ विद्युत कम्पनियों के मुख्यालय शक्ति भवन जबलपुर में महत्वपूर्ण अनुबंध हस्ताक्षरित किया. हस्ताक्षरित अनुबंधों का कुल मूल्य 3,600 करोड़ रुपये है.
यह दो नई इकाईयां सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी और अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में स्थापित होंगी. मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के प्रबंध संचालक मनजीत सिंह, डायरेक्टर टेक्निकल सुबोध निगम व डायरेक्टर कॉमर्शियल मिलिन्द भान्दक्कर की उपस्थिति में इस अनुबंध पर मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के मुख्य अभियंता परियोजना विवेक नारद और भेल के महाप्रबंधक जोगेश गुलाटी ने हस्ताक्षर किए. इस अवसर पर भेल की ओर से सहायक प्रबंधक अजय जैन, उप महाप्रबंधक सुधांशु कुमार सहित पावर जनरेटिंग कंपनी के वरिष्ठ अभियंता उपस्थित थे.
दोनों इकाइयां सुपर क्रिटिकल तकनीक से विद्युत उत्पादन करेंगी-सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी व अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में 660-660 मेगवाट की दोनों इकाइयों में विद्युत उत्पादन जून 2030 से प्रारंभ किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. ये दोनों ताप विद्युत इकाइयों अत्याधुनिक, उच्च दक्षता वाली सुपरक्रिटिकल तकनीक पर आधारित रहेंगी. बीएचईएल (भेल) इन इकाइयों हेतु बॉयलर, टरबाइन, जनरेटर एवं अन्य महत्वपूर्ण तकनीकी संरचनाओं की आपूर्ति और निर्माण का कार्य करेगा.
ताप विद्युत उत्पादन क्षमता में 1320 मेगावाट का होगा इज़ाफा-मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के ताप विद्युत गृहों की कुल उत्पादन क्षमता वर्तमान में 4570 मेगावाट है. सारनी व चचाई में 660-660 मेगावाट की इकाइयों की स्थापना के बाद ताप विद्युत उत्पादन क्षमता बढ़कर 5890 मेगावाट हो जाएगी.
सारनी व अमरकंटक की विद्युत क्षमता में होगी बढ़ोत्तरी-उत्पादन सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी की वर्तमान उत्पादन क्षमता 500 मेगावाट है. यहां 250-250 की दो इकाइयां कार्यशील हैं. वहीं अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में 210 मेगावाट की इकाई विद्युत उत्पादन कर रही है. नई इकाइयों की स्थापना के पश्चात् सारनी की उत्पादन क्षमता बढ़कर 1160 मेगावाट व चचाई की 870 मेगावाट हो जाएगी.
अनुबंध दोनों परियोजनाओं के लिए अहम पड़ाव-प्रबंध संचालक श्री मनजीत सिंह ने इस अनुबंध को दोनों परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन की दिशा में एक अहम पड़ाव बताया तथा बीएचईएल की तकनीकी विशेषज्ञता पर विश्वास व्यक्त किया. परियोजना पूर्ण होने पर एमपीपीजीसीएल की ताप व जल विद्युत की संयुक्त उत्पादन क्षमता बढ़कर 6,812 मेगावाट हो जाएगी, जिससे प्रदेश की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को और अधिक स्थिरता एवं मजबूती प्राप्त होगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-



