दमोह-जबलपुर हाईवे पर मैरिज गार्डन की मनमानी, जानलेवा बनी एंबुलेंस फंसी, गंभीर मरीज़ घंटों तड़पता रहा, 6 आयोजकों पर FIR दर्ज

दमोह-जबलपुर हाईवे पर मैरिज गार्डन की मनमानी, जानलेवा बनी एंबुलेंस फंसी, गंभीर मरीज़ घंटों तड़पता रहा, 6 आयोजकों पर FIR दर्ज

प्रेषित समय :19:51:49 PM / Sun, Nov 23rd, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जबलपुर. जबलपुर और दमोह को जोड़ने वाले व्यस्ततम स्टेट हाईवे पर शनिवार रात को मैरिज गार्डन संचालकों और आयोजकों की घोर लापरवाही के कारण एक भयावह मंजर देखने को मिला। विवाह समारोह के चलते हाईवे की मुख्य सड़क को पार्किंग और मेहमानों की आवाजाही के लिए इस्तेमाल किया गया, जिसके परिणामस्वरूप कई किलोमीटर लंबा भीषण जाम लग गया। इस जानलेवा जाम में न केवल सामान्य यातायात घंटों तक रुका रहा, बल्कि एक गंभीर मरीज़ को लेकर जा रही एंबुलेंस भी फँस गई, जिससे मरीज़ का जीवन खतरे में पड़ गया। प्रशासन ने इस गंभीर आपराधिक लापरवाही पर सख्त रुख अपनाते हुए मैरिज गार्डन से संबंधित छह आयोजकों और जिम्मेदारों के खिलाफ तत्काल प्राथमिकी (FIR) दर्ज कर ली है। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि किस तरह निजी आयोजनों की मनमानी सार्वजनिक सुरक्षा और जीवन के अधिकार पर भारी पड़ सकती है।

घटना दमोह-जबलपुर स्टेट हाईवे (NH-34 या संबंधित स्टेट हाईवे) के उस हिस्से में हुई जो शहर के बाहरी किनारों से गुजरता है, जहाँ कई बड़े मैरिज गार्डन और बैंक्वेट हॉल स्थित हैं। देर शाम को, एक बड़े विवाह समारोह के चलते मेहमानों और उनके वाहनों की भीड़ बढ़ने लगी। स्थानीय रिपोर्टों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मैरिज गार्डन के पास पर्याप्त पार्किंग व्यवस्था न होने या उसका उपयोग न किए जाने के कारण, सैकड़ों वाहनों को सीधे हाईवे की लेन पर खड़ा कर दिया गया। इसके अलावा, मेहमानों के स्वागत और समारोह के अन्य कार्यक्रम सड़क के किनारे तक फैल गए, जिससे हाईवे की एक पूरी लेन अवरुद्ध हो गई। देखते ही देखते, यातायात की गति थम गई और दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं, जिसने जल्द ही एक भीषण और अभूतपूर्व जाम का रूप ले लिया।

जाम की गंभीरता तब कई गुना बढ़ गई, जब एक गंभीर रूप से बीमार मरीज़ को लेकर जबलपुर की ओर जा रही एक एंबुलेंस भी इस भीड़ में फँस गई। एंबुलेंस चालक ने लगातार सायरन बजाया और रास्ता देने के लिए गुहार लगाई, लेकिन वाहनों की अराजक स्थिति और आयोजकों की अव्यवस्था के कारण एंबुलेंस को आगे बढ़ने के लिए जगह नहीं मिल पाई। सूत्रों के अनुसार, मरीज़ की हालत नाज़ुक थी और उसे तत्काल उच्च चिकित्सा सहायता की आवश्यकता थी। महत्वपूर्ण 'गोल्डेन आवर' (Golden Hour) में एंबुलेंस का इस तरह फँस जाना मरीज़ के परिजनों के लिए एक अत्यंत कष्टकारी अनुभव था। स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने खुद आगे बढ़कर ट्रैफिक हटाने और एंबुलेंस के लिए रास्ता बनाने की कोशिश की, लेकिन अव्यवस्था इतनी अधिक थी कि घंटों तक कोई समाधान नहीं निकल पाया। गंभीर मरीज़ को लेकर जा रही एंबुलेंस की असहायता इस पूरे मामले का सबसे हृदय विदारक पहलू रही, जिसने सार्वजनिक लापरवाही के गंभीर परिणामों को उजागर किया।

जाम की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और यातायात विभाग के अधिकारी मौके पर पहुँचे। उन्हें इस भारी जाम को खोलने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। कई घंटे की मशक्कत के बाद, अतिरिक्त पुलिस बल की मदद से, जबरन सड़क से वाहनों को हटवाया गया और यातायात को धीरे-धीरे बहाल किया जा सका। अधिकारियों ने पाया कि यह पूरा जाम मैरिज गार्डन संचालकों और विवाह आयोजकों की खुली मनमानी और सुरक्षा मानकों की घोर अनदेखी का नतीजा था। गार्डन प्रबंधन ने न तो अतिरिक्त पार्किंग की व्यवस्था की और न ही सड़क पर यातायात नियंत्रित करने के लिए अपने स्टाफ को तैनात किया।

इस जानलेवा लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए, पुलिस अधीक्षक (Traffic/Rural) के निर्देश पर तत्काल कार्रवाई की गई। पुलिस ने मैरिज गार्डन के मालिक, प्रबंधक और विवाह समारोह के मुख्य आयोजकों सहित कुल छह जिम्मेदार लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। इन धाराओं में सार्वजनिक रास्ते में बाधा डालना, जान जोखिम में डालना और लापरवाही जिसके कारण किसी की जान को खतरा हो जैसी गंभीर धाराएँ शामिल हैं। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में किसी भी निजी आयोजन के कारण सार्वजनिक सड़क पर इस तरह की बाधा उत्पन्न हुई, तो संबंधित आयोजकों और गार्डन संचालकों के खिलाफ ज़ुर्माना लगाने के साथ-साथ उनके लाइसेंस रद्द करने जैसी कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। यह घटना एक कड़ा संदेश देती है कि सड़कों पर होने वाले निजी आयोजनों की जवाबदेही तय करना और सार्वजनिक सुरक्षा को प्राथमिकता देना अत्यंत आवश्यक है। इस हादसे ने हाईवे किनारे स्थित मैरिज गार्डन्स की लाइसेंसिंग और सुरक्षा अनुपालन की प्रक्रिया पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है, जिस पर प्रशासन को अब सख्ती से ध्यान देने की जरूरत है।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-