खौफनाक 'लेडी गैंग' का आतंक अपहृत युवतियों से मारपीट कर वीडियो बनाया इंस्टाग्राम पर वायरल

खौफनाक

प्रेषित समय :19:56:34 PM / Sun, Nov 23rd, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जबलपुर. शहर इन दिनों एक ऐसे आपराधिक सिंडिकेट के आतंक से जूझ रहा है, जिसने सोशल मीडिया की चकाचौंध को अपराध के खतरनाक खेल में बदल दिया है। शहर में सक्रिय एक 'लेडी गैंग' ने दहशत का नया अध्याय शुरू कर दिया है। यह गैंग न केवल युवतियों का अपहरण कर रही थी, बल्कि उन्हें बंधक बनाकर उनके साथ बर्बरता से मारपीट भी करती थी और इस पूरी वारदात का वीडियो बनाकर उसे इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल करती थी। पुलिस ने इस हाई-प्रोफाइल मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है, जिनमें दो नाबालिग लड़कियाँ और एक बालिग युवती शामिल है। इस गिरफ्तारी के बाद शहर के कई हिस्सों में राहत की साँस ली गई है, लेकिन इस घटना ने आधुनिक अपराध और युवा पीढ़ी पर सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभाव को लेकर गंभीर चिंताएँ पैदा कर दी हैं।

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस 'लेडी गैंग' के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज हुई थीं, जिनमें अपहरण और गंभीर मारपीट के आरोप लगाए गए थे। गैंग का modus operandi (कार्यशैली) चौंकाने वाला था। वे पहले सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी शिकार युवतियों से दोस्ती करती थीं या उन्हें किसी बहाने मिलने के लिए बुलाती थीं। एक बार जब युवती उनके जाल में फँस जाती थी, तो उसे जबरन किसी सुनसान जगह या अपने ठिकाने पर ले जाया जाता था। वहाँ, गैंग के सदस्य मिलकर उस युवती के साथ मारपीट करते थे। यह मारपीट इतनी बर्बर होती थी कि पीड़ित युवती बुरी तरह घायल हो जाती थी। मारपीट का मुख्य उद्देश्य victim (पीड़िता) को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करना होता था।

इस गैंग की सबसे बड़ी आपराधिक विशेषता यह थी कि ये अपनी क्रूरता का प्रदर्शन करने के लिए मारपीट के दौरान वीडियो बनाती थीं। इन वीडियो को बनाने का एकमात्र मकसद सोशल मीडिया, खासकर इंस्टाग्राम पर 'फेम' हासिल करना और अन्य युवतियों के बीच अपना 'रौब' और 'आतंक' कायम करना था। वीडियो में न सिर्फ मारपीट की घटनाओं को दिखाया जाता था, बल्कि कई बार पीड़ित युवतियों को धमकाते हुए भी रिकॉर्ड किया जाता था, ताकि वे पुलिस या अपने परिजनों से शिकायत न कर सकें। इन वीडियो के वायरल होने के बाद ही पुलिस और प्रशासन हरकत में आए, क्योंकि सोशल मीडिया पर जनता का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा था। वीडियो की फुटेज ने कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे, जिससे पुलिस पर इस गिरोह को जल्द से जल्द पकड़ने का भारी दबाव था।

पुलिस ने एक विस्तृत ऑपरेशन शुरू किया, जिसमें सोशल मीडिया मॉनिटरिंग और तकनीकी सर्विलांस का सहारा लिया गया। साइबर सेल की मदद से इंस्टाग्राम अकाउंट्स और वीडियो के सोर्स की जाँच की गई, जिसके बाद गैंग के सदस्यों की पहचान हुई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए गैंग की तीन मुख्य सदस्यों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार सदस्यों में से दो की उम्र 18 वर्ष से कम है, इसलिए उन्हें जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत कार्रवाई के लिए बाल सुधार गृह भेजा गया है, जबकि बालिग युवती से पूछताछ की जा रही है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस गैंग का कोई सरगना है, या उन्हें किसी बाहरी व्यक्ति का संरक्षण प्राप्त था। साथ ही, यह भी जाँच की जा रही है कि क्या उन्होंने कभी पीड़ितों को ब्लैकमेल करने की कोशिश की या किसी और प्रकार के संगठित अपराध में शामिल थीं।

इस घटना के बाद शहर के सामाजिक और शैक्षणिक हलकों में गंभीर बहस छिड़ गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला केवल अपराध का नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर 'वायरल संस्कृति' और 'खतरनाक फेम' की चाहत का एक भयावह उदाहरण है। यह साफ दर्शाता है कि युवा पीढ़ी किस तरह अपराध को एक 'गेम' या 'एंटरटेनमेंट' का हिस्सा मानकर उसे सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित कर रही है। माता-पिता और शिक्षकों ने इस बात पर चिंता जताई है कि बच्चों को सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभावों से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। शहर के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि इस मामले को एक चेतावनी के रूप में लिया जाए और सोशल मीडिया पर अपराध को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों पर लगाम कसने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जाए।

फिलहाल, पुलिस ने सभी पीड़ितों को सुरक्षा का आश्वासन दिया है और उनसे आगे आकर अपनी शिकायतें दर्ज कराने की अपील की है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे इस पूरे नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और ऐसे तत्वों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कठोरतम कार्रवाई की जाएगी, जो समाज में आतंक फैलाकर सोशल मीडिया पर वाहवाही लूटना चाहते हैं। इस गिरफ्तारी के बाद यह उम्मीद जगी है कि जबलपुर में युवतियाँ अब खुद को ज़्यादा सुरक्षित महसूस करेंगी, लेकिन 'लेडी गैंग' के आतंक की यह कहानी एक कड़वी सच्चाई को उजागर करती है कि समाज में आपराधिक प्रवृत्तियाँ किस तरह नए, डिजिटल और खतरनाक रूप में सामने आ रही हैं।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-