केंद्र सरकार चंडीगढ़ पर कंट्रोल विवाद पर स्पष्टीकरण, गृह मंत्रालय ने साफ की तस्वीर, बताया सच

केंद्र सरकार चंडीगढ़ पर कंट्रोल विवाद पर स्पष्टीकरण, गृह मंत्रालय ने साफ की तस्वीर, बताया सच

प्रेषित समय :16:52:58 PM / Sun, Nov 23rd, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

चंडीगढ़. चंडीगढ़ के प्रशासनिक स्टेटस को लेकर पंजाब की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से भूचाल आया हुआ है. अटकलें लगाई जा रही थी कि केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में चंडीगढ़ के संविधानिक दर्जे में बड़ा बदलाव करने जा रही है. इन चर्चाओं ने पंजाब सरकार, कांग्रेस और अकाली दल को एक सुर में विरोध करने पर मजबूर कर दिया था. हालांकि, अब केंद्र सरकार ने इन तमाम आशंकाओं को खारिज करते हुए अपना रुख पूरी तरह स्पष्ट कर दिया है.

राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी कि केंद्र सरकार 1 से 19 दिसंबर तक चलने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में एक ऐसा बिल ला सकती है, जिसके तहत चंडीगढ़ को संविधान के आर्टिकल 239 की जगह आर्टिकल 240 के तहत लाया जाएगा. अगर ऐसा होता, तो चंडीगढ़ पूर्ण रूप से एक केंद्र शासित प्रदेश (ञ्ज) बन जाता, जहाँ प्रशासनिक अधिकार सीधे राष्ट्रपति और केंद्र सरकार के हाथों में चले जाते. पंजाब के नेताओं को आशंका थी कि इस बदलाव से चंडीगढ़ पर पंजाब का पारंपरिक और प्रशासनिक नियंत्रण पूरी तरह खत्म हो जाएगा. इसी डर के चलते राज्य के सभी प्रमुख दलों ने इसका कड़ा विरोध जताया था.

विवाद गहराता देख केंद्र सरकार ने आधिकारिक बयान जारी कर स्थिति साफ की है. सरकार ने स्पष्ट किया कि संसद के शीतकालीन सत्र में चंडीगढ़ के स्टेटस को बदलने वाला कोई भी बिल लाने की सरकार की कोई मंशा नहीं है. जो प्रस्ताव अभी केंद्र सरकार के स्तर पर विचाराधीन है, उसका उद्देश्य केवल केंद्र सरकार द्वारा कानून बनाने की प्रक्रिया को सरल बनाना है. इस पर भी अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.

केंद्र ने पंजाब और हरियाणा की चिंताओं को दूर करते हुए कहा कि इस प्रस्ताव में चंडीगढ़ की मौजूदा शासन-प्रशासन व्यवस्था या दोनों राज्यों (पंजाब-हरियाणा) के साथ चंडीगढ़ के परंपरागत संबंधों को बदलने की कोई बात शामिल नहीं है. सरकार ने यह साफ कर दिया है कि चंडीगढ़ के हितों को ध्यान में रखते हुए और सभी हितधारकों से पर्याप्त विचार-विमर्श करने के बाद ही भविष्य में कोई उचित निर्णय लिया जाएगा.

सरकार की ओर से जारी बयान में स्पष्ट शब्दों में कहा गया है- इस विषय पर चिंता की आवश्यकता नहीं है. आने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में इस आशय का कोई बिल प्रस्तुत करने की केंद्र सरकार की कोई मंशा नहीं है. इस स्पष्टीकरण के बाद उम्मीद है कि पंजाब में इस मुद्दे पर गर्माया सियासी माहौल कुछ शांत होगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-