भारतीय ज्योतिषीय पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह आने वाले 'पंचक' काल को अशुभ माना जाता है, और इस बार यह अवधि $27$ नवंबर, गुरुवार को दोपहर $2$ बजकर $7$ मिनट (14:07) पर प्रारंभ होने जा रही है। पंचक यानी वह पांच दिन की अवधि जब चंद्रमा धनिष्ठा नक्षत्र के उत्तरार्ध में प्रवेश करते हुए रेवती नक्षत्र तक रहता है। यह समय ज्योतिषीय दृष्टिकोण से कई प्रकार के शुभ कार्यों और विशेष रूप से पांच प्रकार के कार्यों के लिए वर्जित माना गया है। ज्योतिषी इस दौरान धैर्य बनाए रखने और अनावश्यक जोखिम से बचने की सलाह देते हैं।
ज्योतिष शास्त्र में 'पंचक' का निर्धारण तब होता है जब चंद्रमा कुंभ और मीन राशि में गोचर करता है। $27$ नवंबर को जब चंद्रमा कुंभ राशि के धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण में प्रवेश करेगा, तभी से पंचक काल शुरू हो जाएगा, जो आने वाले पांच दिनों तक जारी रहेगा। चूंकि इस बार पंचक की शुरुआत गुरुवार को हो रही है, इसे 'राज पंचक' कहा जाता है। हालांकि राज पंचक को अन्य पंचकों (जैसे मृत्यु पंचक) की तुलना में कम अशुभ माना जाता है, लेकिन यह फिर भी शुभ कार्यों के लिए वर्जित रहता है और सरकारी या प्रशासनिक कार्यों में सफलता दिला सकता है।
पंचांग और ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, पंचक के दौरान पांच प्रमुख कार्य वर्जित माने जाते हैं, जिसके पीछे यह मान्यता है कि इन कार्यों को करने से अशुभता का खतरा पांच गुना बढ़ जाता है:
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शवदाह: पंचक काल में मृत शरीर का अंतिम संस्कार करना वर्जित है। मान्यता है कि ऐसा करने पर परिवार में पांच और मृत्यु का खतरा उत्पन्न हो सकता है। यदि ऐसा करना अनिवार्य हो, तो किसी योग्य पंडित से पूछकर शव के साथ आटा, कुश और पुतले बनाकर उनका भी अंतिम संस्कार किया जाता है, ताकि पंचक दोष शांत हो सके।
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लकड़ी/ईंधन संग्रह: पंचक के दौरान घर में लकड़ी, ईंधन या घास आदि जमा नहीं करनी चाहिए। इससे अग्नि भय या आग लगने का खतरा बढ़ सकता है।
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छत डालना: पंचक के दौरान मकान की छत डालना या उसका निर्माण शुरू करना शुभ नहीं माना जाता है। इससे उस घर में रहने वालों पर विपत्तियाँ आ सकती हैं।
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पलंग/चारपाई का निर्माण: इस समय अवधि में पलंग, चारपाई या किसी भी प्रकार के फर्नीचर का निर्माण या खरीद भी वर्जित मानी जाती है।
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दक्षिण दिशा की यात्रा: पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की यात्रा को भी अशुभ माना जाता है, क्योंकि यह दिशा यमराज (मृत्यु के देवता) की मानी जाती है।
ज्योतिषियों ने आम जनता को सलाह दी है कि $27$ नवंबर को दोपहर $2:07$ बजे के बाद से शुरू हो रहे पंचक के दौरान किसी भी बड़े निवेश, नए व्यापार की शुरुआत, विवाह, मुंडन या गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्यों को टाल देना चाहिए। यदि कोई कार्य अत्यंत आवश्यक हो, तो किसी विद्वान ज्योतिषी से उचित निवारण और 'मुहूर्त' जानकर ही उसे करना चाहिए।
हालांकि, यह भी सत्य है कि पंचक का प्रभाव सभी कार्यों पर नहीं पड़ता। पंचक में यात्रा, लेन-देन, नौकरी ज्वाइन करना या सामान्य खरीददारी आदि की जा सकती है। केवल ऊपर बताए गए पांच कार्यों से विशेष रूप से बचने की सलाह दी जाती है। इस बार राज पंचक होने के कारण, सरकारी कामकाज और राजनीतिक कार्यों में संलग्न व्यक्तियों के लिए यह समय अनुकूल हो सकता है।
$27$ नवंबर, गुरुवार से शुरू होने वाला यह पंचक कब समाप्त होगा, इसकी सटीक जानकारी भी पंचांग के माध्यम से उपलब्ध होगी, लेकिन उससे पहले पांच दिनों तक लोगों को सावधानी बरतने और धार्मिक अनुष्ठानों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी गई है। यह समय आत्मचिंतन और सात्विक जीवन शैली अपनाने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

