जबलपुर. एमपी के जबलपुर में मल्टीलेवल पार्किंग व लायर्स चेम्बर को लेकर हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है. हाईकोर्ट ने कहा कि 6 माह पहले आपने सैद्धांतिक सहमति तो दे दी, आज तक आपकी समिति निर्णय नहीं ले पा रही है. इसे हम यह मानें कि बाकी विभागों के लिए तो आपके पास पैसा है. लेकिन हाईकोर्ट के लिए व्यवस्था नहीं है, क्या हाईकोर्ट अंतिम में है और इसी काम में देरी करना होता है. यदि आपकी ऐसी मंशा है तो कोर्ट अपने क्षेत्राधिकार का आदेश पारित करेगा.
आज सुनवाई के दौरान मल्टीलेवल पार्किंग और आधुनिक लॉयर्स चेंबर को लेकर लगाई गई जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर की. कोर्ट में शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता उपस्थित हुए और बताया कि जल्द ही बिल्डिंग निर्माण का काम शुरू कर दिया जाएगा. मामले पर अगली सुनवाई अब 17 दिसंबर को होगी. करीब 117 करोड़ रुपए की लागत से आधुनिक लॉयर्स चैंबर और मल्टीलेवल पार्किंग के लिए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने 4 मई 2025 को भूमिपूजन किया था. इस कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेके माहेश्वरी, जस्टिस एसी शर्मा, जस्टिस सूर्यकांत शर्मा और मध्यप्रदेश के तत्कालीन चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत मौजूद थे.
वकीलों की असुविधा को देखते हुए राज्य सरकार ने दावा किया था कि जल्द से जल्द मल्टीलेवल पार्किंग और चैंबर तैयार कर दिए जाएंगेए लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हुआए जिसे लेकर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष धन्य कुमार जैन ने जनहित याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि जब सैद्धांतिक रूप से 6 माह पहले अनुमति मिल चुकी है. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इसका भूमिपूजन भी कर दिया है. इसके बाद भी वित्तीय स्वीकृति न देना न सिर्फ गलत है बल्कि बेवजह इस मामले को लटकाया जा रहा है. याचिकाकर्ता का कहना है कि यह मामला जनहित से जुड़ा हुआ है. हाईकोर्ट के सामने रोज जाम लगता है. जिसके चलते लोग परेशान होते हैं. आज सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कहा कि सरकार का कहना है कि प्रशासकीय स्वीकृति के लिए वित्त विभाग को भेज दिया गया हैए जहां पर विचाराधीन है. जल्द से जल्द इस प्रस्ताव को अनुमोदित करते हुए भवन का काम शुरू कर दिया जाएगा. सरकार के इस जवाब पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है.
सुनवाई में चीफ जस्टिस की तल्ख टिप्पणी-
चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के दौरान तल्ख टिप्पणी की. हाईकोर्ट की नाराजगी पर महाधिवक्ता का कहना है कि सरकार अपने वादे पर प्रतिबद्ध है और शीघ्र ही इस पर निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने कोर्ट को बताया कि विधानसभा सत्र की कार्रवाई शुरू होने वाली हैए उस कारण से कुछ समय सीमा स्पष्ट नहीं कि जा रही है. जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा. कोर्ट ने आज सुनवाई को स्थगित करते हुए 17 दिसंबर तक संपूर्ण रिपोर्ट पेश करने को कहा है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने इससे पहले हुई सुनवाई में बताया था कि करीब 117 करोड़ रुपए की लागत से मल्टीलेवल पार्किंग और लॉयर्स चैंबर्स बनने हैं. राज्य सरकार चाहती तो धीरेए धीरे निर्माण कार्य शुरू भी कर सकती पर बहुत ही दुख की बात है कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट जस्टिस के सामने मुख्यमंत्री डॉण् मोहन यादव ने भूमिपूजन किया और आज तक उसका कार्य भी शुरू नहीं हो पाया.

