संभाजीनगर. महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में पुलिस ने एक ऐसे सनसनीखेज मामले का खुलासा किया है, जिसने स्थानीय प्रशासन से लेकर केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों तक को चौकन्ना कर दिया है. शहर के एक पांच सितारा होटल में पिछले छह महीनों से फर्जी दस्तावेजों के सहारे रह रही एक महिला को गिरफ्तार किया गया है, जिसके पाकिस्तान और अफगानिस्तान से जुड़े संदिग्ध रिश्तों ने मामले को और गंभीर बना दिया है. गिरफ्तार महिला की पहचान 45 वर्षीय कल्पना त्रिंबकराव भागवत के रूप में हुई है, जो शहर के पडेगांव स्थित चिनार गार्डन इलाके की रहने वाली बताई जाती है. पुलिस की जांच में यह सामने आया कि वह खुद को आईएएस अधिकारी बताकर न सिर्फ लग्जरी लाइफ जी रही थी, बल्कि वीआईपी सुविधाओं का भी बेहिचक इस्तेमाल कर रही थी.
पुलिस ने बताया कि होटल के कमरे की तलाशी के दौरान फर्जी यूपीएससी चयन सूची, नकली नियुक्ति पत्र, संदिग्ध डिजिटल डाटा और कई ऐसे कागजात बरामद हुए, जिनका उपयोग वह अपनी पहचान को वैध साबित करने में कर रही थी. शुरुआती पूछताछ में महिला ने खुद को सीनियर अफसर बताते हुए अधिकारियों पर रौब झाड़ने की कोशिश की, लेकिन दस्तावेजों और फोन की जांच के बाद उसके दावों की पूरी तरह से पोल खुल गई. पुलिस ने उसे सिडको थाने में दर्ज मामले के आधार पर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे दस दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है.
जांच का दायरा तब और बढ़ गया जब पुलिस को महिला के मोबाइल फोन और बैंक स्टेटमेंट में पाकिस्तान और अफगानिस्तान से जुड़े संपर्कों और पैसों के लेन-देन के प्रमाण मिले. पुलिस उपायुक्त प्रशांत स्वामी ने पुष्टि की कि महिला के खाते में 32.68 लाख रुपये संदिग्ध तरीके से जमा हुए हैं, जिनमें से अधिकांश राशि अफगानिस्तान में रहने वाले एक शख्स द्वारा भेजी गई है, जिसे महिला का बॉयफ्रेंड बताया जा रहा है. उस युवक का नाम अशरफ खलील बताया गया है, जो ड्राईफ्रूट का व्यवसाय करता है और अक्सर दिल्ली, जयपुर और उदयपुर की यात्रा करता है. पुलिस का कहना है कि महिला भी लगातार यही ट्रैवल रूट फॉलो कर रही थी, जिससे दोनों की मुलाकात होती थी.
सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह है कि अशरफ खलील के पाकिस्तान में रह रहे भाई आवेद खलील के खाते से भी महिला के बैंक खाते में रकम आई है. यह लेन-देन सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर सवाल खड़े करता है — क्या यह सिर्फ निजी संबंधों के कारण हुआ या इसके पीछे कोई बड़ा नेटवर्क सक्रिय है? इसी आशंका के चलते मामले में एटीएस और आईबी ने भी एंट्री ले ली है और अब जांच का दायरा राष्ट्रीय सुरक्षा के संभावित खतरे तक विस्तारित किया जा रहा है.
होटल के कर्मचारियों के अनुसार, महिला खुद को सीनियर आईएएस अधिकारी बताकर रहती थी और अधिकारियों से बातचीत के तरीके, व्यवहार और दस्तावेजों की प्रस्तुति देखकर किसी को उस पर शक नहीं हुआ. होटल में वह वीआईपी स्तर का कमरा लिए हुए थी और लंबे समय तक रहने के बावजूद उसने कई बार अपनी पहचान गुप्त रखने की कोशिश की. पूछताछ में सामने आया कि वह दावा करती थी कि उसका काम संवेदनशील मंत्रालयों से जुड़ा है और वह किसी विशेष परियोजना पर महाराष्ट्र में तैनात है. इस वजह से होटल प्रशासन ने भी अधिक सवाल पूछने की हिम्मत नहीं की.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

