आज के डिजिटल युग में, जेन जेड (Gen Z) के डेटिंग पूल में एक नया और खतरनाक ट्रेंड तेज़ी से उभर रहा है, जिसे विशेषज्ञ 'दिखावटी पार्टनर' (Performative Partner) का नाम दे रहे हैं. ये वे लोग हैं जिनका पूरा रिश्ता सोशल मीडिया की चकाचौंध के लिए एक ‘स्टेज शो’ मात्र होता है, और यह दिखावा अक्सर भावनात्मक भ्रम और अंततः दिल टूटने का कारण बनता है.
विशेषज्ञों का कहना है कि एक दिखावटी पार्टनर के साथ डेटिंग करने से रिश्ता किसी नाटक के मंचन जैसा लगने लगता है—एक वास्तविक भावनात्मक जुड़ाव से ज़्यादा यह सार्वजनिक प्रदर्शन बन जाता है. ये पार्टनर वास्तविक भावनाओं की गहराई की जगह सोशल मीडिया पर 'वायरल' होने या 'एस्थेटिक' दिखने की चाहत रखते हैं.
एक कॉलेज के अनुभव को याद करते हुए, मेरी एक दोस्त ऐसे ही एक लड़के को डेट कर रही थी जो अपने इंस्टाग्राम फ़ीड को लेकर जुनूनी था. उसका हर काम, हर पल इतना 'पिक्चर-परफेक्ट' होना चाहिए था कि वह वायरल हो जाए. वह उसे फूल देता, लेकिन तुरंत उसकी स्टोरीज़ पर पोस्ट कर देता. वे डेट्स पर जाते, और उसकी तस्वीरें तुरंत उसकी फ़ीड पर अपलोड हो जातीं. वह अक्सर हमसे कहती थी, "उसे डेट करना ऐसा लगता है जैसे मैं लगातार सार्वजनिक जांच के घेरे में जी रही हूँ."
लेकिन सोशल मीडिया से दूर, उसका व्यवहार पूरी तरह से बदल जाता था. वह कठोर, नियंत्रण करने वाला और लगभग स्त्री-विरोधी था. वह उस 'ग्रीन फ़्लैग' (Green Flag) वाले व्यक्तित्व से कोसों दूर था, जिसे वह प्रोजेक्ट करने की कोशिश करता था. उस समय, 'दिखावटी' जैसे शब्द सोशल मीडिया पर इतने चलन में नहीं थे, इसलिए हमने बस उसे अजीब और ध्यान आकर्षित करने वाला मानकर टाल दिया था.
दुर्भाग्य से, आज का डेटिंग परिदृश्य ऐसे लोगों से भरा हुआ है जो प्रासंगिक बने रहने और इंस्टाग्राम पर अपने लाइक, शेयर और फॉलोअर्स की संख्या बढ़ाने की उम्मीद में ट्रेंडिंग बैंडवैगन्स (Trendy Bandwagons) पर सवार हो रहे हैं. यदि वे भाग्यशाली रहे, तो इस दिखावे के माध्यम से वे एक पार्टनर भी ढूंढ सकते हैं.
मनोवैज्ञानिकों का विश्लेषण है कि दिखावटी पार्टनर अक्सर असुरक्षा (Insecurity) की गहरी भावनाओं से पीड़ित होते हैं. वे अपने रिश्ते की कमियों या अपनी आंतरिक कमज़ोरियों को छिपाने के लिए बाहरी मान्यता (External Validation) पर निर्भर करते हैं. उनका ध्यान अपने साथी को खुश करने के बजाय, अपने फॉलोअर्स को प्रभावित करने पर अधिक होता है. वे महंगे तोहफे या भव्य डेट्स इसलिए देते हैं ताकि वे 'कपल्स गोल्स' (Couple Goals) की तस्वीरें पोस्ट कर सकें, न कि इसलिए कि वे वास्तव में अपने पार्टनर के लिए कुछ खास करना चाहते हैं.
इस तरह के रिश्ते में फँसने वाले जेन जेड के युवा अक्सर भ्रमित महसूस करते हैं. जब कैमरा बंद हो जाता है, तो उन्हें एहसास होता है कि उनके पार्टनर का 'ऑनलाइन' व्यक्तित्व और 'ऑफलाइन' वास्तविकता में ज़मीन-आसमान का अंतर है. यह दोहरी ज़िंदगी उनके भावनात्मक स्वास्थ्य को चोट पहुँचाती है. विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि जब कोई रिश्ता इतना ज़्यादा मंचित या 'स्टेज्ड' महसूस होता है, तो यह स्पष्ट संकेत है कि इसमें प्रामाणिकता (Authenticity) की कमी है.
विशेषज्ञ जेन जेड को सलाह देते हैं कि वे ऐसे पार्टनर्स की पहचान करें जो लगातार अपने रिश्ते को ऑनलाइन 'साबित' करने की ज़रूरत महसूस करते हैं. यह एक रेड फ्लैग (Red Flag) है. वास्तविक जुड़ाव शोर-शराबे में नहीं, बल्कि शांत, निजी पलों में पनपता है. इसलिए, जब कोई पार्टनर आपको सोशल मीडिया पर फूलों का प्रदर्शन करने के बाद, निजी तौर पर आपकी परवाह नहीं करता है, तो यह समय है कि आप उस रिश्ते से दूरी बना लें, क्योंकि दिखावटी पार्टनर का वादा सिवाय भ्रम और दिल टूटने के और कुछ नहीं है. अपनी मानसिक शांति को बनाए रखने के लिए यह पहचानना आवश्यक है कि क्या आपका पार्टनर वास्तव में आपसे जुड़ा हुआ है, या वह सिर्फ अपने डिजिटल दर्शकों से जुड़ा हुआ है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

