भारत में शुरू हुआ देश का पहला व्यापक डिजिटल पत्रकार प्रमाणन कार्यक्रम, फेक न्यूज़ और भ्रामक सूचनाओं पर कसेगी नकेल

भारत में शुरू हुआ देश का पहला व्यापक डिजिटल पत्रकार प्रमाणन कार्यक्रम, फेक न्यूज़ और भ्रामक सूचनाओं पर कसेगी नकेल

प्रेषित समय :14:41:20 PM / Sat, Nov 8th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. भारत में डिजिटल पत्रकारिता के इतिहास में एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक कदम उठाया गया है. देश में पहली बार डिजिटल पत्रकारों और ऑनलाइन मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए आधिकारिक प्रमाणन प्रणाली शुरू की गई है. यह पहल भारत सरकार के कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय में पंजीकृत संस्था इरास्मस डिजिटल मीडिया काउंसिल (Erasmus Digital Media Council - EDMC) द्वारा की गई है. इसका उद्देश्य डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में बढ़ते फेक न्यूज़, अफवाहों और भ्रामक सूचनाओं के प्रसार को रोकना तथा पत्रकारिता में जवाबदेही, पारदर्शिता और विश्वसनीयता को स्थापित करना है.

भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या पांच सौ मिलियन से अधिक हो चुकी है. स्मार्टफोन और सोशल मीडिया के प्रसार ने सूचना के लोकतंत्रीकरण को नई दिशा दी है, लेकिन इसके साथ ही झूठी खबरों, ग़लत व्याख्याओं और मैनिपुलेटेड कंटेंट की बाढ़ ने डिजिटल पत्रकारिता की साख को चुनौती दी है. इस परिदृश्य में इरास्मस डिजिटल मीडिया काउंसिल की यह पहल मीडिया में विश्वसनीयता और नैतिक मानकों को पुनर्स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है.

काउंसिल द्वारा शुरू किया गया यह प्रमाणन कार्यक्रम न केवल व्यक्तिगत डिजिटल पत्रकारों बल्कि संस्थागत मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स को भी शामिल करेगा. इसके तहत ऑनलाइन न्यूज़ वेबसाइट्स, यूट्यूब चैनल्स, स्वतंत्र डिजिटल न्यूज़ पोर्टल्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स — जैसे इंस्टाग्राम, फेसबुक, लिंक्डइन और एक्स (पूर्व ट्विटर) - पर सक्रिय कंटेंट क्रिएटर्स और समाचार प्रसारक आवेदन कर सकेंगे. काउंसिल का कहना है कि डिजिटल पत्रकारिता का स्वरूप अब पारंपरिक मीडिया संस्थानों तक सीमित नहीं है, इसलिए इस प्रमाणन प्रणाली को आधुनिक मीडिया की विविधता और तकनीकी वास्तविकताओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है.

प्रमाणन प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और सुलभ बनाने के लिए इसे पूरी तरह ऑनलाइन रखा गया है. इच्छुक पत्रकार और मीडिया संस्थान www.newscertification.org वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. आवेदन जमा करने के बाद विशेषज्ञों की एक समिति प्रत्येक आवेदन की गहन समीक्षा करेगी. इस समिति में वरिष्ठ पत्रकार, मीडिया नैतिकता विशेषज्ञ और डिजिटल विश्लेषक शामिल होंगे, जो सामग्री की गुणवत्ता, तथ्य-जांच की प्रक्रिया, स्रोतों की सत्यता और पत्रकारिता के पेशेवर मानकों के आधार पर मूल्यांकन करेंगे. चयनित पत्रकारों और संस्थानों को एक वार्षिक प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा जो उनकी विश्वसनीयता और जिम्मेदार पत्रकारिता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाएगा.

इरास्मस डिजिटल मीडिया काउंसिल के संस्थापक दस्तावेज के अनुसार, संगठन का मुख्य उद्देश्य देश में बढ़ती गलत सूचनाओं और प्रचार तंत्रों के बीच सत्य, संतुलन और जवाबदेही की पत्रकारिता को प्रोत्साहन देना है. काउंसिल का मानना है कि मीडिया की साख केवल सरकारी नियंत्रण या कानूनों से नहीं, बल्कि स्वयं पत्रकारों की नैतिक जिम्मेदारी और आत्म-अनुशासन से बनती है. इसलिए यह पहल किसी दंडात्मक या नियामक ढांचे की बजाय स्वैच्छिक जवाबदेही और पेशेवर निष्ठा के सिद्धांत पर आधारित है, जहाँ पत्रकार सत्यनिष्ठा को अपने पेशे का केंद्रीय मूल्य मानते हैं.

काउंसिल के प्रवक्ता ने बताया कि आने वाले महीनों में देशभर में प्रशिक्षण कार्यक्रम, वेबिनार और कार्यशालाएं आयोजित की जाएगी, जिनमें डिजिटल पत्रकारों और कंटेंट क्रिएटर्स को आधुनिक फैक्ट-चेकिंगडेटा सत्यापनमीडिया एथिक्स, और डिजिटल सुरक्षा से जुड़ी तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इन कार्यक्रमों को प्रभावी बनाने के लिए देश के प्रमुख पत्रकारिता संस्थानों, मीडिया हाउसों, फैक्ट-चेकिंग संगठनों और तकनीकी मंचों के साथ साझेदारी की जा रही है, ताकि प्रशिक्षण व्यावहारिक और उद्योग की जरूरतों के अनुरूप हो.

यह प्रमाणन कार्यक्रम तीन चरणों में लागू किया जाएगा. पहले चरण में मूल्यांकन मानदंड, आवेदन प्रक्रिया और समिति ढांचा तैयार किया जाएगा. दूसरे चरण में एक राष्ट्रीय ऑडिट और सत्यापन प्रणाली विकसित की जाएगी, जो प्रमाणित पत्रकारों और मीडिया संस्थानों के कार्यों की निरंतर समीक्षा करेगी. तीसरे चरण में व्यापक जागरूकता अभियान और प्रशिक्षण के ज़रिए इस पहल को देश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँचाया जाएगा. काउंसिल का कहना है कि यह प्रक्रिया केवल प्रमाणन तक सीमित नहीं, बल्कि एक दीर्घकालिक प्रयास है जो भारत में डिजिटल मीडिया की गुणवत्ता और विश्वसनीयता को नई ऊँचाई पर ले जाएगी.

फेक न्यूज़ और भ्रामक सूचनाओं का प्रसार हाल के वर्षों में लोकतांत्रिक विमर्श और जनमत निर्माण पर गहरा प्रभाव डाल चुका है. कई बार झूठी या अधूरी जानकारी के कारण समाज में भ्रम, विभाजन और अविश्वास की स्थिति पैदा हुई है. इरास्मस डिजिटल मीडिया काउंसिल का यह कदम इस चुनौती का ठोस समाधान प्रस्तुत करता है. प्रमाणन प्रणाली के माध्यम से नागरिकों को यह अवसर मिलेगा कि वे यह पहचान सकें कि कौन से समाचार स्रोत विश्वसनीय हैं और किन पर भरोसा नहीं किया जा सकता. यह पहल केवल पत्रकारों के लिए नहीं, बल्कि आम जनता के लिए भी मीडिया साक्षरता और सूचना की शुद्धता की दिशा में एक सशक्त कदम है.

काउंसिल का मानना है कि पत्रकारिता में सुधार केवल कानूनों या सरकारी नियमों से संभव नहीं, बल्कि इसके लिए मीडिया पेशे में नैतिकता और जिम्मेदारी की भावना का विकास आवश्यक है. यह प्रमाणन केवल एक दस्तावेज़ नहीं बल्कि पत्रकारिता के मूल्यों -सत्य, निष्पक्षता और जिम्मेदारी -को पुनर्जीवित करने का आंदोलन है. कार्यक्रम के तहत प्रमाणित मीडिया संस्थानों को नियमित समीक्षा, जन प्रतिक्रिया और पारदर्शी रिपोर्टिंग प्रक्रिया से भी जोड़ा जाएगा ताकि जनता सीधे तौर पर मीडिया की साख और ईमानदारी को आंक सके.

काउंसिल ने स्पष्ट किया है कि उसका उद्देश्य नियंत्रण नहीं बल्कि सशक्तिकरण है. संगठन का कहना है कि पत्रकारिता की स्वतंत्रता और जवाबदेही को संतुलित करना आज के डिजिटल युग की सबसे बड़ी चुनौती है, और यह पहल उस संतुलन की दिशा में भारत का सबसे बड़ा प्रयास है.

डिजिटल मीडिया आज भारतीय लोकतंत्र की धड़कन बन चुका है. सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स ने समाचारों को तेज़ी से जन-जन तक पहुँचाने का माध्यम तो दिया है, लेकिन इसके साथ यह जिम्मेदारी भी जुड़ी है कि जानकारी सत्य, सटीक और जिम्मेदार हो. इस संदर्भ में इरास्मस डिजिटल मीडिया काउंसिल की पहल न केवल डिजिटल पत्रकारिता को नया आयाम देगी, बल्कि मीडिया के पेशेवर मानकों को भी नई परिभाषा देगी.

“डिजिटल युग में पत्रकारिता का अर्थ केवल सूचना देना नहीं, बल्कि सत्य की रक्षा करना है.”- इरास्मस डिजिटल मीडिया काउंसिल प्रवक्ता

यह पहल भारत को न केवल फेक न्यूज़ से लड़ने की दिशा में सशक्त बनाएगी, बल्कि वैश्विक स्तर पर डिजिटल पत्रकारिता की विश्वसनीयता का उदाहरण प्रस्तुत करेगी. इरास्मस डिजिटल मीडिया काउंसिल का यह कार्यक्रम भारत में जिम्मेदार और सत्यनिष्ठ पत्रकारिता के एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक बन गया है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-