पटना. बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने की दिशा में एक ऐतिहासिक और महत्वाकांक्षी योजना को हरी झंडी दे दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के किसानों को हाई-टेक खेती की उन्नत तकनीक सीखने के लिए विदेश भेजने की तैयारी शुरू कर दी है। सरकार की इस पहल का मुख्य उद्देश्य किसानों को आधुनिक तकनीकों से लैस करना, जैविक खेती को बढ़ावा देना और सबसे महत्वपूर्ण, कम लागत में अधिक उत्पादन कर उनकी आमदनी को कई गुना बढ़ाना है। यह निर्णय बिहार के कृषि परिदृश्य को पूरी तरह से बदलने की क्षमता रखता है और इसे मुख्यमंत्री की नई सरकार के सबसे बड़े फोकस क्षेत्रों में से एक माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने नए कार्यकाल में कृषि और ग्रामीण विकास को केंद्र में रखते हुए दो बड़ी योजनाओं की घोषणा की है: 'सीएम विश्व कृषि एआई जेनरेटेड भ्रमण योजना' और 'मुख्यमंत्री ग्रामीण हाट विकास योजना'। पहली योजना के तहत, किसानों को विदेश भेजकर उन्नत तकनीक का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा, जबकि दूसरी योजना के माध्यम से ग्रामीण हाटों (बाजारों) को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। कृषि विभाग को इन दोनों योजनाओं का विस्तृत प्रस्ताव अगले पाँच वर्षों को ध्यान में रखकर तैयार करने का निर्देश दिया गया है, जो यह दर्शाता है कि यह पहल केवल एक तात्कालिक घोषणा नहीं, बल्कि एक दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है।
किसानों को हाई-टेक बनाने की विदेश यात्रा
सरकार की इस 'विश्व कृषि परिभ्रमण योजना' के तहत राज्य के किसानों का एक दल हर साल विदेश भेजा जाएगा। इस योजना के लिए खास तौर पर इजरायल को चुना गया है, जो आधुनिक सिंचाई प्रणाली (ड्रिप इरीगेशन) और सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में दुनिया का सबसे अग्रणी और तकनीकी रूप से उन्नत देश माना जाता है। इजरायल अपनी जल प्रबंधन प्रणाली (Water Management) और उच्च उपज देने वाली कृषि विधियों के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है, जो बिहार जैसे कृषि प्रधान राज्य के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकती हैं।
योजना के पहले चरण में, बिहार सरकार 40 किसानों के पहले दल को इजरायल भेजेगी। इन किसानों को वहाँ सब्जी उत्पादन की नवीनतम तकनीकी, कम पानी में सिंचाई के तरीके और जैविक खेती के उन्नत तरीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। सरकार की मंशा है कि इजरायल से खेती सीखकर लौटने वाले ये किसान केवल अपनी खेती का ही कायाकल्प न करें, बल्कि उन्हें 'मास्टर ट्रेनर' के रूप में तैयार किया जाए। ये प्रशिक्षित किसान प्रदेश के दूसरे किसानों को भी इसी हाई-टेक तकनीक से खेती करने की ट्रेनिंग देंगे और उन्हें अधिक लाभ कमाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। यह योजना अगले पाँच वर्षों तक निरंतर जारी रहेगी, जिससे बिहार में उच्च तकनीकी ज्ञान का एक मजबूत आधार तैयार हो सके।
ग्रामीण हाटों का होगा कायाकल्प और महिला किसानों पर विशेष ध्यान
कृषि क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती और महत्वपूर्ण भूमिका को ध्यान में रखते हुए, नीतीश सरकार ने 'मुख्यमंत्री ग्रामीण हाट विकास योजना' को भी शुरू करने की तैयारी की है। यह योजना महिला किसानों को प्रोत्साहित करने और उनके लिए बेहतर व्यापारिक माहौल बनाने पर केंद्रित है। इसके तहत, ग्रामीण हाटों को महिला अनुकूल और आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। योजना के विस्तृत मास्टर प्लान के तहत इन हाट-बाजारों में पक्की सड़कों का निर्माण, खुले और शेल्टर वाले प्लेटफॉर्म मुहैया कराए जाएंगे, ताकि किसान सुरक्षित रूप से अपनी उपज बेच सकें।
हाटों में स्वच्छता और सुविधा पर विशेष जोर दिया गया है; यहाँ शौचालय (शौचालय परिसर) का निर्माण किया जाएगा और साफ-सफाई का पूरा इंतजाम सुनिश्चित किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि महिला किसान बिना किसी असुविधा या सुरक्षा की चिंता के अपने कृषि उत्पादों को बाजार में ला सकें। यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
हाई-टेक निगरानी के लिए कृषि कंट्रोल कमांड सेंटर
कृषि और किसानों को नए स्तर पर ले जाने के लिए सरकार ने एक हाई-टेक 'कृषि कंट्रोल कमांड सेंटर' बनाने की भी तैयारी की है। इस सेंटर का उद्देश्य कृषि और ग्रामीण हाट बाजार से जुड़ी सभी गतिविधियों पर प्रभावी ढंग से निगरानी रखना है। इस कमांड सेंटर से कृषि विभाग से जुड़े सभी एप्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म को एक साथ जोड़ा जाएगा। यह एक एकीकृत मंच के रूप में काम करेगा, जिससे किसानों को मौसम की जानकारी, बाजार भाव, सरकारी योजनाओं की जानकारी और विशेषज्ञों की सलाह सहित हर संभव मदद एक ही जगह पर मुहैया कराई जा सकेगी। यह कमांड सेंटर डेटा आधारित निर्णय लेने में सरकार की मदद करेगा और योजनाओं को अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने में सहायक होगा।
साल 2025 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपराध, अतिक्रमण, रोजगार, निवेश उद्योग के साथ-साथ कृषि क्षेत्र के कायाकल्प की योजनाओं को जिस तेजी से अमली जामा पहनाना शुरू किया है, वह सरकार के बदले हुए रंग और मजबूत इरादों को दर्शाता है। किसानों को विदेश भेजकर आधुनिक तकनीकी ज्ञान दिलाना बिहार के कृषि क्षेत्र में एक क्रांतिकारी परिवर्तन की नींव रखेगा, जिससे यह उम्मीद जगी है कि आने वाले पांच वर्षों में बिहार के किसान न केवल अपनी आमदनी बढ़ाएंगे, बल्कि पूरे देश के लिए आधुनिक और जैविक खेती का एक नया मॉडल भी प्रस्तुत करेंगे।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

