संसद का शीतकालीन सत्र 1 से, आज सर्वदलीय बैठक,सरकार विपक्ष से सहयोग मांगेगी, एसआईआर पर हंगामा संभव

संसद का शीतकालीन सत्र 1 से, आज सर्वदलीय बैठक,सरकार विपक्ष से सहयोग मांगेगी, एसआईआर पर हंगामा संभव

प्रेषित समय :10:25:57 AM / Sun, Nov 30th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. सोमवार 1 दिसंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र से पहले आज रविवार 30 नवम्बर को सरकार ने ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई है. मीटिंग के दौरान पार्लियामेंट्री अफेयर्स मिनिस्टर किरेन रिजिजू संसद में दोनों सदनों की पॉलिटिकल पार्टियों के फ्लोर लीडर्स से बातचीत करेंगे.

सरकार सेशन के दौरान लोकसभा और राज्यसभा का कामकाज ठीक से चले, इसके लिए सभी पॉलिटिकल पार्टियों से सहयोग मांगेगी. सोशल मीडिया पोस्ट में किरेन रिजिजू ने विपक्षी पार्टियों से अपील की कि वे दोनों सदनों की कार्यवाही में पूरी तरह से हिस्सा लें और योगदान दें.

संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से 19 दिसंबर तक चलेगा. 19 दिन में पूरे सत्र के दौरान 15 बैठकें होंगी. एटॉमिक एनर्जी बिल समेत 10 नए बिल पेश हो सकते हैं. उधर विपक्ष एसआईआर मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगी.

संसद के शीतकालीन सत्र में एटॉमिक एनर्जी बिल समेत 10 नए बिल पेश हो सकते हैं. लोकसभा बुलेटिन में शनिवार को यह जानकारी दी गई. एटॉमिक एनर्जी बिल में प्राइवेट कंपनियों को भी न्यूक्लियर पॉवर प्लांट लगाने की अनुमति मिल सकेगी.

ये अहम बिल जो पेश होंगे

न्यूक्लियर सेक्टर के लिए बड़ा बदलाव: लोकसभा बुलेटिन के अनुसार एटॉमिक एनर्जी बिल भारत में परमाणु ऊर्जा के इस्तेमाल, कंट्रोल एंड रेगुलेशन से जुड़े प्रावधानों को नया फ्रेमवर्क देगा. यह पहली बार होगा जब प्राइवेट कंपनियों को न्यूक्लियर क्षेत्र में एंट्री मिल सकेगी. अब प्राइवेट कंपनियां भी न्यूक्लियर पॉवर प्लांट लगा सकेंगी.
हॉयर एजुकेशन कमीशन बनाने वाला बिल भी तैयार: सरकार हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया बिल भी पेश करेगी. इसका उद्देश्य कॉलेज और यूनिवर्सिटी को अधिक फ्रीडम देना और सिस्टम को पारदर्शी बनाना है. (त्रष्ट, ्रढ्ढष्टञ्जश्व, हृष्टञ्जश्व) को खत्म कर उन्हें एक ही कमीशन में जोड़ दिया जाएगा.
हाईवे भूमि अधिग्रहण तेज होगा: नेशनल हाईवे (संशोधन) बिल भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज और अधिक पारदर्शी बनाएगा, ताकि नेशनल हाईवे प्रोजक्ट्स में देरी कम हो सके.
कंपनी कानून और एलएलपी कानून में बदलाव: सरकार कॉरपोरेट लॉ (संशोधन) बिल, 2025 लाने की तैयारी कर रही है. जो कंपनी अधिनियम 2013 और एलएलपी अधिनियम 2008 में बदलाव कर ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को और सरल करेगा.
सभी बाजार कानून एक बिल में: सिक्योरिटीज मार्केट्स कोड बिल, 2025 का उद्देश्य सेबी एक्ट, डिपॉजिटरीज एक्ट और सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स एक्ट को मिलाकर एक सरल कानून तैयार करना है.
संविधान में संसोधन से जुड़ा बिल: संविधान में 131वां संशोधन करने का प्रस्ताव रखा जाएगा. इस बिल के तहत खासकर चंडीगढ़ यूनियन टेरेटरी को संविधान के आर्टिकल 240 के दायरे में लाया जाएगा. आर्टिकल 240 के तहत केंद्र सरकार केंद्रशासित प्रदेशों के लिए रेगुलेशन बना सकती है, जिन्हें कानून का दर्जा प्राप्त होता है.
कंपनियों के खिलाफ विवाद का जल्द निपटारा: कंपनियों और व्यक्तियों के बीच झगड़े अक्सर सालों कोर्ट में लटकते रहते हैं. ऑर्बिट्रेशन एंड कॉन्सीलिएशन (अमेंडमेंट) बिल, 2025 का उद्देश्य है कि मध्यस्थता फैसलों को चुनौती देने की प्रक्रिया सरल हो और झगड़ों का समाधान तेजी से हो सके.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-