AajKaDin: 1 दिसम्बर 2025, उत्तम न्यायाधीश बनना चाहते हैं तो मोक्षदा एकादशी करें!

AajKaDin: 1 दिसम्बर 2025, उत्तम न्यायाधीश बनना चाहते हैं तो मोक्षदा एकादशी करें!

प्रेषित समय :21:49:10 PM / Sun, Nov 30th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

* प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, बॉलीवुड एस्ट्रो एडवाइजर (व्हाट्सएप- 8875863494)
* मोक्षदा एकादशी - 1 दिसम्बर 2025, सोमवार
* पारण का समय - 07:03 एएम से 09:12 एएम (2 दिसम्बर 2025)
* पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - 03:57 पीएम
* गीता जयन्ती - 1 दिसम्बर 2025, सोमवार
* एकादशी तिथि प्रारम्भ - 30 नवम्बर 2025 को 09:29 पीएम बजे
* एकादशी तिथि समाप्त - 1 दिसम्बर 2025 को 07:01 पीएम बजे

* धर्मग्रथों के अनुसार मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष एकादशी के दिन द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को भगवद् गीता का उपदेश दिया था और इसीलिए यह तिथि गीता जयंती के रूप में प्रसिद्ध है.
* तमाम आदर्शों को अपनाने में सबसे बड़ी अड़चन मोह है... इसलिए जो श्रद्धालु सत्य की राह पर चलना चाहते हैं, मोह के बंधन से मुक्ति हो कर सद्कर्म करना चाहते हैं वे नियमितरूप से श्रीकृष्ण को प्रणाम करके गीता पढ़े और मोक्षदा एकादशी करें.
* न्याय के क्षेत्र में जो उत्तम कार्य करना चाहते हैं वे भी मोक्षदा एकादशी करें.
श्री त्रिपुरा सुंदरी दैनिक धर्म-कर्म पंचांग - 1 दिसम्बर 2025
शक सम्वत 1947, विक्रम सम्वत 2082, अमान्त महीना मार्गशीर्ष, पूर्णिमान्त महीना मार्गशीर्ष, वार सोमवार, पक्ष शुक्ल, तिथि एकादशी - 07:01 पीएम तक, नक्षत्र रेवती - 11:18 पीएम तक, योग व्यतीपात - 12:59 एएम (2 दिसम्बर 2025) तक, करण वणिज - 08:20 एएम तक, द्वितीय करण विष्टि - 07:01 पीएम तक, क्षय करण बव - 05:33 एएम (2 दिसम्बर 2025) तक, सूर्य राशि वृश्चिक, चन्द्र राशि मीन - 11:18 पीएम तक, राहुकाल 08:23 एएम से 09:43 एएम, अभिजित मुहूर्त- 12:03 पीएम से 12:46 पीएम 
दैनिक चौघड़िया - 1 दिसम्बर 2025
* दिन का चौघड़िया
अमृत - 07:02 से 08:23
काल - 08:23 से 09:43
शुभ - 09:43 से 11:04
रोग - 11:04 से 12:24
उद्वेग - 12:24 से 01:45
चर - 01:45 से 03:05
लाभ - 03:05 से 04:26
अमृत - 04:26 से 05:46
* रात्रि का चौघड़िया
चर - 05:46 से 07:26
रोग - 07:26 से 09:05
काल - 09:05 से 10:45
लाभ - 10:45 से 12:25
उद्वेग - 12:25 से 02:04
शुभ - 02:04 से 03:44
अमृत - 03:44 से 05:23
चर - 05:23 से 07:03
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, विभिन्न पंचांगों, धर्मग्रथों से साभार ली गई है, स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-