रांची. भारतीय क्रिकेट के “हिटमैन” रोहित शर्मा ने एक बार फिर अपनी बल्लेबाज़ी की ताकत और समय की नजाकत को मिलाकर ऐसा मुकाम हासिल किया, जिसे आने वाले वर्षों तक याद रखा जाएगा। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ JSCA इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए पहले वनडे मुकाबले में रोहित ने वनडे क्रिकेट में सबसे ज़्यादा छक्के लगाने का नया विश्व रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। इस मैच में जैसे ही उन्होंने अपनी पारी के दौरान अफरीदी के 351 छक्कों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा, पूरा स्टेडियम एक सुर में गूंज उठा—यह वह पल था जिसमें भारतीय क्रिकेट इतिहास के पन्नों पर एक नया अध्याय लिखा गया।
38 वर्ष के रोहित शर्मा इस मैच में पहले से ही 349 छक्कों के साथ उतरे थे। उन्हें अफरीदी का रिकॉर्ड तोड़ने के लिए सिर्फ दो छक्कों की दरकार थी, और यह काम उन्होंने अपनी स्वाभाविक सहजता के साथ ही पूरा किया। जिस अंदाज़ में रोहित बड़े शॉट लगाते हैं, वह लंबे समय से भारतीय क्रिकेट को एक अलग पहचान देता रहा है। रांची के मैदान पर भी कुछ ऐसा ही नज़ारा दिखा, जब उन्होंने पारी संभालते हुए दक्षिण अफ्रीका की गेंदबाज़ी पर पूरी अधिकारपूर्ण तरीके से नियंत्रण स्थापित किया।
मैच के शुरुआती ओवरों में वह थोड़ा सतर्क नज़र आए, लेकिन जैसे ही क्रीज़ पर सेट हुए, उन्होंने वही पुरानी लय पकड़ ली। अफ्रीदी का रिकॉर्ड तोड़ने वाला छक्का एक शॉर्ट-ऑफ-लेंथ गेंद पर लगाया गया बेहतरीन पुल शॉट था—जिसे देखकर यह साफ हो गया कि रोहित के टाइमिंग में आज भी वही चमक बरकरार है। दर्शकों के लिए यह सिर्फ एक शॉट नहीं था, बल्कि विश्व रिकॉर्ड के जन्म का क्षण था।
रोहित शर्मा की यह उपलब्धि उनके लंबे वनडे करियर की निरंतरता और धैर्य का प्रतीक है। 2007 में पदार्पण करने के बाद से वह भारतीय बल्लेबाज़ी का एक मज़बूत स्तंभ रहे हैं। उनकी खासियत सिर्फ रन बनाना नहीं, बल्कि टीम के दबाव वाले क्षणों में बड़े शॉट लगाकर मैच का रुख बदल देना है। यही कारण है कि उन्हें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ सफेद गेंद बल्लेबाज़ों की सूची में हमेशा शीर्ष पर रखा जाता है। इस मैच में भी जब दक्षिण अफ्रीका ने शुरुआती विकेट चटका कर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की, तब रोहित ने दूसरी तरफ खड़े रहते हुए पारी को स्थिरता भी दी और तेज़ी भी।
उनकी पारी का एक महत्वपूर्ण पड़ाव उनका 60वां वनडे अर्धशतक भी था। यह आंकड़ा अपने आप में दर्शाता है कि रोहित सिर्फ एक पावर हिटर नहीं, बल्कि एक क्लासिक बल्लेबाज़ भी हैं, जिनके पास तकनीक और अनुभव दोनों हैं। उन्होंने अपनी पारी को समझदारी से आगे बढ़ाया और ज़रूरत पड़ने पर आक्रामकता दिखाई। उनके हर छक्के पर दर्शकों की प्रतिक्रियाएँ मैदान की दीवारों से टकराकर कई गुना बढ़ जाती थीं। क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह किसी उत्सव से कम नहीं था।
शाहिद अफरीदी का रिकॉर्ड लंबे समय तक अजेय माना जाता रहा है। 1996 से 2015 तक अफरीदी ने लगभग चार सौ मैचों में खेलते हुए 351 छक्के लगाए थे। अफरीदी की पहचान ही उनके विस्फोटक अंदाज़ से थी, और उनके नाम यह रिकॉर्ड होना स्वाभाविक माना जाता था। लेकिन रोहित शर्मा ने लगातार 15 वर्षों तक सफेद गेंद क्रिकेट को जिस उत्कृष्ट स्तर पर खेला है, उसने धीरे-धीरे उन्हें इस ऐतिहासिक मुकाम के करीब ला दिया। कई मौकों पर यह चर्चा भी होती रही कि आधुनिक क्रिकेट में छक्कों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन रोहित की क्षमता सिर्फ आधुनिक खेल शैली की देन नहीं, बल्कि असाधारण टाइमिंग, संतुलन और शांत स्वभाव का परिणाम है।
रांची में खेले गए इस मुकाबले के दौरान मौसम ठंडा था, लेकिन मैदान का माहौल बिल्कुल इसके उलट। दर्शकों का उत्साह हर गेंद के साथ बढ़ता गया। रोहित की पारी के दौरान भारतीय झंडे लहराते हुए दिखे, “हिटमैन” के नारे गूंजते रहे और हर बार जब वह रन बनाते, पूरा स्टेडियम एक साथ उठ खड़ा होता। मैच की प्रगति से कहीं अधिक लोगों की नज़रें इस बात पर थीं कि रोहित कब नया इतिहास बनाएंगे। जैसे ही वह पल आया, कैमरों ने मैदान की ओर से लेकर दर्शकों तक हर प्रतिक्रिया को कैद किया—कुछ लोग खुशी से झूम उठे, कुछ ने अपनी जेब से मोबाइल निकालकर इस ऐतिहासिक क्षण को रिकॉर्ड किया, और कुछ सिर्फ भावनाओं में डूबकर तालियों की गूंज में खो गए।
मैच के बाद ड्रेसिंग रूम में भी जश्न का माहौल था। टीम के युवा खिलाड़ियों ने रोहित को इस उपलब्धि पर बधाई दी और कई ने यह भी माना कि रोहित उनके लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। टीम मैनेजमेंट ने भी उनकी स्थिरता और लंबे समय से जारी योगदान की सराहना की। कप्तान होने के नाते रोहित सिर्फ टीम को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं, बल्कि अपने खेल से भी टीम को मजबूत आधार देते हैं।
इस उपलब्धि का असर सोशल मीडिया पर भी तेजी से देखने को मिला। ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर “#Hitman”, “#RohitSharma” और “#SixesKing” जैसे हैशटैग कुछ ही मिनटों में ट्रेंड होने लगे। क्रिकेट प्रेमियों, पूर्व खिलाड़ियों, विश्लेषकों और सेलिब्रिटीज़ ने रोहित को बधाई देते हुए लिखा कि यह रिकॉर्ड भारतीय क्रिकेट के सुनहरे अध्याय में दर्ज होने योग्य है। कई विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि आने वाले वर्षों में यह रिकॉर्ड और ऊँचाई छू सकता है, क्योंकि रोहित अभी भी अपने करियर के ऐसे पड़ाव पर हैं जहाँ उनका अनुभव और कौशल दोनों शिखर पर हैं।
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच यह मुकाबला भले ही एक सामान्य सीरीज का हिस्सा था, लेकिन रोहित ने इसे अपनी उपलब्धि से असाधारण बना दिया। यह वह पल था जिसे क्रिकेट के इतिहासकार भविष्य में भी संदर्भ बिंदु की तरह इस्तेमाल करेंगे। भारतीय खेल संस्कृति में ऐसे क्षण बहुत कम आते हैं जब एक खिलाड़ी न सिर्फ मैच जीतता है, बल्कि इतिहास का रुख भी बदल देता है।
रोहित शर्मा की यह उपलब्धि सिर्फ एक रिकॉर्ड नहीं, बल्कि उस विरासत की कहानी है जो वह भारतीय क्रिकेट को दे रहे हैं। उनकी बल्लेबाज़ी, नेतृत्व और चरित्र आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का आधार बनेंगे। रांची के इस मैदान पर लिखा गया इतिहास यह याद दिलाता है कि महान खिलाड़ी केवल रन नहीं बनाते, बल्कि खेल की आत्मा को छूकर आने वाले समय को प्रभावित करते हैं।
इस मैच में बनाए गए हर रन, हर छक्के और हर कदम के साथ रोहित ने यह साबित कर दिया कि वह सिर्फ भारतीय क्रिकेट के नहीं, बल्कि विश्व क्रिकेट के भी सबसे बड़े खिलाड़ियों में से एक हैं। और जब भी वनडे क्रिकेट में छक्कों की बात होगी, रांची का यह दिन हमेशा सुनहरी यादों में दर्ज रहेगा.
Source : palpalindia
ये भी पढ़ें :-

