जबलपुर. शासन ने खरीफ विपणन वर्ष 2025.26 में समर्थन मूल्य पर धान और मोटा अनाज बेचने वाले पंजीकृत सिकमी, बटाईदार व वन पट्टाधारी किसानों के सत्यापन की प्रक्रिया तेज कर दी है. ई-उपार्जन पोर्टल पर अनुबंध दस्तावेज अपलोड न होने और फर्जी पंजीयन की आशंका के बाद यह विशेष अभियान शुरू किया गया है.
शासन के निर्देशानुसार ऐसे सभी पंजीकृत किसानों का सत्यापन कार्य 12 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा. इस प्रक्रिया के लिए खाद्यए सहकारिता और राजस्व विभाग के अधिकारियों का एक संयुक्त दल पंजीयन केंद्रों पर जाकर जांच करेगा. यह दल किसानों द्वारा प्रस्तुत अनुबंध दस्तावेजों का पोर्टल पर दर्ज रकबे और फसल विवरण से मिलान करेगा. साथ ही मूल भूमि स्वामी से संपर्क कर भूमि के वास्तविक उपयोग और बटाई, सिकमी की पुष्टि की जाएगी. वन पट्टाधारी किसानों के दावों की जांच वन विभाग के माध्यम से होगी.
धान उपार्जन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और किसानों की आड़ में अनुचित लाभ उठाने वालों पर लगाम लगाने के लिए जबलपुर जिले में एक नई पहल की गई है. कलेक्टर राघवेंद्र सिंह के निर्देश पर जिले में सिकमी पर पंजीयन कराने वाले किसानों की सूची सार्वजनिक की जाएगी. इसे कलेक्टर जबलपुर के फेसबुक पेज पर अपलोड किया जाएगा. किसान इस सूची का अवलोकन कर सकते हैं और यदि उन्हें कोई पंजीयन गलत या फर्जी लगता है तो इसकी शिकायत कलेक्टर जबलपुर के सीयूजी मोबाइल नंबर 6269113327 अथवा संयुक्त कलेक्टर ऋषभ जैन के मोबाइल नंबर 6269113387 पर कर सकते हैं. जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि गलत या फर्जी पंजीयन की शिकायत करने वाले व्यक्तियों के नाम पूर्णत: गोपनीय रखे जाएंगे.
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