चुनाव आयोग ने SIR फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 11 दिसंबर की, अंतिम चुनावी सूची अब 14 फरवरी 2026 को होगी

चुनाव आयोग ने SIR फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 11 दिसंबर की, अंतिम चुनावी सूची अब 14 फरवरी 2026 को होगी

प्रेषित समय :23:05:12 PM / Mon, Dec 1st, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने रविवार को विशेष गहन संशोधन (SIR) प्रक्रिया के तहत मतदाता फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 11 दिसंबर कर दी है। यह बदलाव नौ राज्यों और तीन केंद्रशासित प्रदेशों में लागू होगा। पहले इस तिथि को 4 दिसंबर तय किया गया था और इसके अनुसार अंतिम चुनावी सूची 7 फरवरी 2026 को प्रकाशित होने वाली थी। अब अंतिम सूची 14 फरवरी 2026 को जारी होगी।

चुनाव आयोग का यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट की हालिया टिप्पणियों के बाद आया है। उच्चतम न्यायालय की पीठ, जिसकी अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत कर रहे थे, ने कहा था कि यदि याचिकाकर्ता विशेष परिस्थितियों के आधार पर समय बढ़ाने का अनुरोध करते हैं तो आयोग को अंतिम सूची की प्रकाशन तिथि बढ़ाने के निर्देश दिए जा सकते हैं। 26 नवंबर को पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में SIR प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि कोई याचिकाकर्ता ठोस मामला प्रस्तुत करता है तो आयोग को तिथि बढ़ाने का निर्देश दिया जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने केरल राज्य निर्वाचन आयोग और चुनाव आयोग से यह भी कहा कि वे केरल में चल रही SIR प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जवाब दें। केरल में स्थानीय निकाय चुनाव 9 और 11 दिसंबर को होने वाले हैं, इसलिए कुछ याचिकाओं में प्रक्रिया स्थगित करने की मांग की गई थी जबकि कुछ ने इसे असंवैधानिक बताया। आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केरल में SIR स्थगित करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

इन तीन राज्यों के अलावा यह प्रक्रिया अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, लक्षद्वीप, मध्यप्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में भी जारी है। SIR की दूसरी चरण की योजना के अनुसार, प्रारंभिक रूप से फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि 4 दिसंबर तय थी और मसौदा सूची 9 दिसंबर को प्रकाशित होनी थी। अब, इन 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पंजीकृत मतदाताओं को फॉर्म जमा करने और बूथ स्तर के अधिकारियों (BLOs) को सौंपने के लिए अतिरिक्त एक सप्ताह मिल गया है। BLOs इसके बाद ECINet पोर्टल पर इन फॉर्मों को अपलोड करेंगे और मसौदा सूची अब 16 दिसंबर को प्रकाशित होगी।

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि जो भी मतदाता 11 दिसंबर तक फॉर्म जमा कर देंगे, वे मसौदा सूची में शामिल होंगे। इसके बाद अंतिम चुनावी सूची 14 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी।

इस निर्णय के पीछे कुछ गंभीर घटनाओं का असर भी माना जा रहा है। रिपोर्टों के अनुसार, इस प्रक्रिया में शामिल कुछ BLOs की मौतें हुई हैं, जिसमें कम से कम पांच आत्महत्या के कथित मामले भी शामिल हैं। कई राज्यों में BLOs पर अत्यधिक कार्यभार और दबाव की शिकायतें सामने आई हैं। इसके अतिरिक्त, कुछ राज्यों ने राज्य सरकार के स्कूल शिक्षक और आंगनवाड़ी सहायकों के रूप में कार्यरत BLOs के खिलाफ ड्यूटी में लापरवाही का मामला दर्ज किया है। उत्तर प्रदेश के नोएडा में 60 BLOs के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।

चुनाव आयोग ने इन 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को लिखे पत्र में नई समय-सारणी भेजते हुए कहा कि यह निर्देश 27 अक्टूबर को जारी किए गए पूर्व के आदेशों को प्रतिस्थापित करेगा। हालांकि आयोग ने इस बदलाव का कोई विशिष्ट कारण स्पष्ट नहीं किया।

सूत्रों के अनुसार, कुछ राज्यों में चुनावी सूची का अंतिम गहन संशोधन की सूची से मिलान पिछड़ गया था। आयोग के निर्देश के अनुसार, जो भी मतदाता पिछले गहन संशोधन सूची से जुड़ा नहीं है, उन्हें नोटिस भेजा जाएगा और आवश्यक दस्तावेज जमा करने के लिए कहा जाएगा।

मसौदा सूची के प्रकाशन के बाद, मतदाताओं को दावा और आपत्ति दर्ज कराने के लिए एक माह का समय मिलेगा। यह अवधि 16 दिसंबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक होगी। जो भी व्यक्ति पिछले गहन संशोधन सूची से अपनी पहचान या किसी रिश्तेदार के माध्यम से लिंक स्थापित नहीं कर पाएगा, उन्हें दस्तावेज 16 दिसंबर 2025 से 7 फरवरी 2026 के बीच प्रस्तुत करने होंगे।

चुनाव आयोग ने रविवार को कहा कि 51 करोड़ मतदाताओं के लिए कुल 99.65% फॉर्म वितरित किए जा चुके हैं और 84.30% फॉर्म डिजिटलाइज्ड किए जा चुके हैं। इसका अर्थ है कि कम से कम 42.96 करोड़ मतदाताओं ने अपना भरा हुआ फॉर्म जमा किया है।

चुनाव आयोग ने 24 जून को बिहार में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर SIR प्रक्रिया शुरू की थी। इस आदेश में, आयोग ने 2003 के बाद पंजीकृत सभी मतदाताओं को 11 दस्तावेजों की सूची के आधार पर जन्मतिथि और जन्मस्थान प्रमाणित करने के लिए कहा था। बिहार में SIR प्रक्रिया के दौरान पंजीकृत मतदाताओं की संख्या में 6 प्रतिशत की कमी आई, जिसे आयोग ने मृत, स्थानांतरित या अनुपस्थित मतदाताओं के कारण बताया।

इसके बाद, 27 अक्टूबर को आयोग ने 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए नई समय-सारणी घोषित की। इसमें फॉर्म जमा करने की अवधि 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक निर्धारित की गई थी। बाकी राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों में इस प्रक्रिया को बाद में लागू किया जाएगा।

SIR आदेश को लेकर विपक्षी नेता, राजनीतिक दल और नागरिक समाज के समूहों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की हैं। ये याचिकाएं विभिन्न राज्यों में SIR प्रक्रिया की वैधता और समयसीमा को चुनौती देती हैं। कोर्ट ने कहा है कि यदि याचिकाकर्ता ठोस प्रमाण प्रस्तुत करते हैं, तो आयोग को समय बढ़ाने का निर्देश दिया जा सकता है।

चुनाव आयोग का यह कदम मतदाता सूची में सुधार करने, मृत और स्थानांतरित मतदाताओं को हटाने और नए मतदाताओं को जोड़ने के उद्देश्य से लिया गया है। अब मतदाता अपने फॉर्म जमा कर अंतिम चुनावी सूची में नाम सुनिश्चित कर सकते हैं। आयोग ने सभी मतदाताओं से अपील की है कि वे निर्धारित तिथि से पहले अपने फॉर्म BLOs को सौंपें और प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की देरी न करें।

इस बार की SIR प्रक्रिया ने मतदाता जागरूकता और चुनावी प्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अंतिम सूची 14 फरवरी 2026 को प्रकाशित होने के बाद ही राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में आगामी चुनावों की तैयारी पूरी तरह से शुरू होगी।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-