ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल ने आईपीएल मिनी नीलामी 2026 से अपना नाम वापस लेकर क्रिकेट जगत में एक बड़ा झटका दिया है और इसके साथ ही उनके आईपीएल करियर के संभावित अंत को लेकर अटकलों का बाज़ार गर्म हो गया है। 'बिग शो' के नाम से मशहूर 37 वर्षीय इस विस्फोटक खिलाड़ी ने 16 दिसंबर को अबू धाबी में होने वाली नीलामी में शामिल न होने का फैसला किया है, जो फैंस और फ्रेंचाइजियों दोनों के लिए एक बड़ा आश्चर्य है। मैक्सवेल, जिन्होंने 2012 से लेकर अब तक लगभग हर सीजन में हिस्सा लिया है, अपने लंबे और महंगे करियर में उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन न कर पाने के बावजूद हमेशा चर्चा का केंद्र रहे।
मैक्सवेल के इस अचानक हटने के फैसले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि उन्होंने अपनी घोषणा में कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया है, लेकिन इंस्टाग्राम पर भावनात्मक पोस्ट लिखकर लीग के प्रति आभार व्यक्त किया है। उन्होंने लिखा कि "आईपीएल में कई यादगार सत्रों के बाद मैंने इस साल नीलामी से नाम वापस लेने का फैसला किया है। यह एक बड़ा फैसला है और लीग से जो कुछ भी मिला है, उसके प्रति कृतज्ञता जताते हुए लिया है।" उन्होंने आगे कहा कि "आईपीएल ने मुझे एक क्रिकेटर और इंसान के तौर पर निखारा है। मैंने कई विश्व स्तरीय खिलाड़ियों और टीमों के साथ खेला और क्रिकेट के लिए असाधारण जुनून रखने वाले दर्शकों के सामने खेला है। ये यादें, चुनौतियां और भारत की ऊर्जा हमेशा मेरे साथ रहेंगी।"
हालांकि, मैक्सवेल ने कोई सीधा कारण नहीं दिया है, लेकिन आंकड़े उनकी महंगी मौजूदगी के औचित्य पर सवाल खड़े करते रहे हैं। अपने 13 आईपीएल सत्रों में, मैक्सवेल ने 141 मैचों में केवल 2819 रन बनाए हैं, और उनका औसत 24 से भी कम रहा है, जो उनकी 'बिग शो' की छवि के विपरीत है। अपनी ऑफ ब्रेक गेंदबाजी से उन्होंने 8.30 की इकोनॉमी रेट से 41 विकेट लिए हैं, जो टी20 क्रिकेट के मानकों के अनुसार सामान्य माने जाते हैं। मैक्सवेल ने अपने करियर में सिर्फ एक बार, 2021 में, 500 रन से अधिक का आंकड़ा पार किया था, जिससे यह साफ होता है कि फ्रेंचाइजियां अक्सर महंगे दामों पर उन्हें खरीदने के बावजूद लगातार अच्छे प्रदर्शन के लिए इंतजार करती रही हैं।
डेटा विश्लेषण के प्रयोग से यह बात बार-बार सामने आई है कि मैक्सवेल को अक्सर उनकी वास्तविक काबिलियत से कहीं ज्यादा दाम मिलते रहे हैं। पिछले सत्र में, वह सात मैच खेलकर अचानक वापस लौट गए थे, और ऑपरेशन सिंदूर (संभवतः एक हास्यप्रद संदर्भ) के बाद आईपीएल बहाल होने पर भी वह टीम में नहीं लौटे थे। मैक्सवेल के लगातार उतार-चढ़ाव वाले प्रदर्शन और बड़े टूर्नामेंटों में उनका महंगे दामों पर बिकना, लेकिन कम रिटर्न देना, अब शायद बड़ी टीमों के लिए उन्हें रिटेन न करने का एक मजबूत कारण बन गया था। ऐसे में, मिनी नीलामी से खुद नाम वापस ले लेना, शायद खुद मैक्सवेल का एक बड़ा और सम्मानजनक फैसला है, ताकि उन्हें किसी भी टीम द्वारा अनदेखा या कम दाम पर न खरीदा जाए। क्रिकेट जगत अब उत्सुकता से यह जानने का इंतजार कर रहा है कि क्या यह फैसला सिर्फ एक सत्र के लिए आराम है या फिर यह उनके अंतरराष्ट्रीय और फ्रैंचाइजी क्रिकेट करियर के अंत की ओर इशारा करता है। फिलहाल, मैक्सवेल का यह कदम मिनी नीलामी के समीकरणों को पूरी तरह से बदल देगा, और फैंस को उनके जैसे मनोरंजन करने वाले खिलाड़ी की कमी ज़रूर खलेगी।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

