नई दिल्ली. अंबिकापुर एवं छत्तीसगढ़ क्षेत्र में रेल संपर्क को सुदृढ़ बनाने हेतु भारत सरकार द्वारा हाल के वर्षों में रेल अवसंरचना परियोजनाओं को अभूतपूर्व गति प्रदान की जा रही है. यह जानकारी लोकसभा में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने दी. प्रश्न सांसद श्री चिन्तामणि महाराज द्वारा पूछा गया था.
अंबिकापुर क्षेत्र की कनेक्टिविटी को बढ़ाने हेतु दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, बिलासपुर मंडल में कई प्रमुख परियोजनाएं प्रगति पर हैं. बोरिडांड अंबिकापुर (80 किमी) दोहरीकरण पर कार्य प्रारम्भ हो चुका है. अंबिकापुर- रामानुजगंज- बरवाडीह नई लाइन व रामानुजगंज-गढ़वा रोड सहायक लाइन (262 किमी) तथा सरडेगा पत्थलगांव- अंबिकापुर नई लाइन (218 किमी) की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर ली गई है.
छत्तीसगढ़ के लिए रेल बजट आवंटन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है—वर्ष 2009–14 के दौरान औसत वार्षिक आवंटन 311 करोड़ रुपये था, जो 2025–26 में बढ़कर 6,925 करोड़ रुपये हो गया है (22 गुना से अधिक वृद्धि). इसी प्रकार, नई रेल लाइनों का कमीशनिंग 6.4 किमी/वर्ष से बढ़कर 108.1 किमी/वर्ष (15 गुना वृद्धि) हो गया है.
01 अप्रैल 2025 तक राज्य में स्थित 26 रेल परियोजनाएँ (1,931 किमी, लागत 31,619 करोड़ रुपये) स्वीकृत हैं, जिनमें से 1,023 किमी कमीशन किए जा चुके हैं और 16,325 करोड़ रुपये का व्यय किया जा चुका है. पिछले तीन वर्षों व चालू वित्त वर्ष में कुल 26 सर्वेक्षणों (3,901 किमी) को स्वीकृति मिली है.
मंत्री ने बताया कि परियोजनाएँ यातायात मांग, लाभप्रदता, कनेक्टिविटी और सामाजिक-आर्थिक आवश्यकताओं के आधार पर स्वीकृत की जाती हैं, तथा कार्य समय भूमि अधिग्रहण, वन स्वीकृति व अन्य अनुमतियों पर निर्भर करता है. सरकार ने अंबिकापुर से संबंधित सभी महत्वपूर्ण परियोजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन का आश्वासन दिया है.

