सुको का बड़ा फैसला: बांग्लादेश भेजी गई गर्भवती महिला और बेटे की होगी वतन वापसी

सुको का बड़ा फैसला: बांग्लादेश भेजी गई गर्भवती महिला और बेटे की होगी वतन वापसी

प्रेषित समय :15:41:53 PM / Wed, Dec 3rd, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में बुधवार 3 दिसम्बर को एक बेहद संवेदनशील मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने बड़ा दिल दिखाते हुए मानवीय आधार पर अहम फैसला लिया है. केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि वह गर्भवती महिला सोनाली खातून और उसके 8 वर्षीय बेटे सबीर को बांग्लादेश से वापस भारत ले आएगी.

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ के समक्ष यह बयान दिया, जिसके बाद कोर्ट ने दोनों की भारत में प्रवेश की अनुमति दे दी. अदालत ने पश्चिम बंगाल सरकार और बीरभूम जिला प्रशासन को मां-बेटे की सेहत और देखभाल के लिए सख्त निर्देश भी जारी किए हैं.

सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने स्पष्ट किया कि सोनाली खातून और उनके बेटे की वापसी पूरी तरह से मानवीय आधार पर की जा रही है. उन्होंने जोर देकर कहा कि इस कदम का केस की मेरिट पर कोई असर नहीं पड़ेगा और सरकार के पास उन्हें निगरानी में रखने के अधिकार सुरक्षित रहेंगे. केंद्र ने यह भी साफ कर दिया कि यह फैसला एक अपवाद है और इसे अन्य मामलों में उदाहरण के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए. दरअसल, बीते सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा था कि क्या गर्भावस्था को देखते हुए महिला को वापस लाया जा सकता है, जिसके बाद सरकार ने निर्देशों का पालन करते हुए अपनी सहमति दे दी.

शीर्ष अदालत ने महिला की गर्भावस्था को ध्यान में रखते हुए पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश दिया है कि वह सोनाली को पूरी तरह से मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराए. इसके लिए बीरभूम के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी गई है. साथ ही, राज्य सरकार को 8 वर्षीय बच्चे सबीर की देखरेख सुनिश्चित करने का भी आदेश दिया गया है. कोर्ट ने कहा कि चूंकि सोनाली को दिल्ली से हिरासत में लिया गया था, इसलिए उन्हें पहले दिल्ली लाया जाएगा. हालांकि, प्रतिवादी पक्ष के वकील ने सुझाव दिया कि उन्हें सीधे बीरभूम भेजा जाना चाहिए, जहां उनके पिता रहते हैं, ताकि उन्हें पारिवारिक सहयोग मिल सके.
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-