नई दिल्ली. भारतीय सर्राफा बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में एक बार फिर तेज़ उछाल दर्ज किया गया है। बहुमूल्य धातुओं में आई इस तेजी ने निवेशकों और आम उपभोक्ताओं दोनों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में मजबूत रुझानों और भारतीय मुद्रा, रुपये के डॉलर के मुकाबले अब तक के सबसे निचले स्तर पर आने जैसे घरेलू और वैश्विक कारकों के मिश्रण ने सोने की कीमतों को नई ऊँचाई पर पहुँचा दिया है।
राजधानी दिल्ली में 24 कैरेट सोने का भाव बढ़कर 1,30,740 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया है। वहीं, देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी 24 कैरेट गोल्ड की कीमत 1,30,590 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई है। लखनऊ, जयपुर और चंडीगढ़ जैसे प्रमुख शहरों में भी 24 कैरेट सोने का दाम 1,30,740 रुपये प्रति 10 ग्राम के साथ दिल्ली के बराबर चल रहा है।
प्रमुख शहरों में सोने का हाल
22 कैरेट और 24 कैरेट सोने की कीमतों में देशभर में वृद्धि दर्ज की गई है, जो विभिन्न शहरों में मामूली अंतर के साथ बिक रहा है।
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दिल्ली और उत्तर भारत: दिल्ली, जयपुर, लखनऊ और चंडीगढ़ में 24 कैरेट सोने की कीमत 1,30,740 रुपये प्रति 10 ग्राम है, जबकि 22 कैरेट सोने का भाव 1,19,860 रुपये प्रति 10 ग्राम है।
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पश्चिमी और दक्षिणी महानगर: मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद, पुणे और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में 24 कैरेट सोने की कीमत 1,30,590 रुपये प्रति 10 ग्राम पर स्थिर है। इन शहरों में 22 कैरेट सोने का भाव 1,19,710 रुपये प्रति 10 ग्राम है।
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मध्य भारत: अहमदाबाद और भोपाल में 24 कैरेट गोल्ड की कीमत 1,30,640 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट गोल्ड की कीमत 1,19,760 रुपये प्रति 10 ग्राम है।
सोने के साथ-साथ चांदी की कीमतों में भी जोरदार बढ़ोतरी दर्ज की गई है, हालांकि लेख में चांदी का सटीक मूल्य नहीं बताया गया है, लेकिन इसकी 'बढ़त' का ज़िक्र स्पष्ट रूप से सोने के बुलियन मार्केट में सकारात्मक माहौल को दर्शाता है।
ग्लोबल फैक्टर्स और फेडरल रिजर्व की भूमिका
सोने की कीमतों में आई इस तूफानी तेजी के पीछे अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार के कारक बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में सोने का हाजिर भाव 4,207.67 डॉलर प्रति औंस के उच्च स्तर पर कारोबार कर रहा है।
बाज़ार विशेषज्ञों के अनुसार, इस तेजी का मुख्य कारण अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की आगामी बैठक से जुड़ी उम्मीदें हैं। बाज़ार में दिसंबर के महीने में फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें प्रबल हो रही हैं। यदि फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) 9-10 दिसंबर को होने वाली अपनी बैठक में ब्याज दरें घटाने का फैसला करती है, तो सोने की कीमतों में और अधिक उछाल देखने को मिल सकता है।
दरअसल, ब्याज दरें घटने से बॉन्ड जैसे अन्य वित्तीय उपकरण कम आकर्षक हो जाते हैं। ऐसे में, निवेशक अपने पूंजी को सोने जैसे सुरक्षित एसेट (सेफ हेवन एसेट) में स्थानांतरित करना शुरू कर देते हैं, जिससे इसकी मांग और कीमत दोनों बढ़ जाती हैं। सोने को हमेशा आर्थिक अनिश्चितता और मुद्रास्फीति के खिलाफ एक विश्वसनीय बचाव (हेज) माना जाता रहा है।
इसके अलावा, डॉलर के मुकाबले रुपये का अब तक के सबसे निचले स्तर पर आना भी घरेलू बाज़ार में सोने की कीमतों को बढ़ाता है। जब रुपया कमज़ोर होता है, तो आयातित सोना भारतीय खरीदारों के लिए महंगा हो जाता है, जिससे स्थानीय कीमतों में वृद्धि होती है।
इन सभी कारकों को देखते हुए, निवेशकों का रुझान एक बार फिर से सोने में निवेश की ओर बढ़ रहा है। ग्रैंड फिनाले के नजदीक होने और वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के कारण सोने और चांदी का भविष्य उज्जवल दिखाई दे रहा है। आने वाले दिनों में फेडरल रिजर्व का फैसला यह निर्धारित करेगा कि क्या सोने की यह तेजी का दौर जारी रहेगा या यह थम जाएगा। फिलहाल, बहुमूल्य धातुएं रिकॉर्ड स्तरों पर अपनी चमक बिखेर रही हैं।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

