नए साल में राहू का गोचर बढ़ाएगा इन राशि वालों की टेंशन, जानें किसे कितना असर पड़ेगा

नए साल में राहू का गोचर बढ़ाएगा इन राशि वालों की टेंशन, जानें किसे कितना असर पड़ेगा

प्रेषित समय :20:38:29 PM / Fri, Dec 5th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नए साल की शुरुआत के साथ ही ज्योतिषीय गणनाओं में सबसे अधिक चर्चा जिस ग्रह को लेकर होती है, वह है राहू। कारण साफ है—राहू का गोचर किसी भी वर्ष के सुख-दुख, अवसर-चुनौती और मानसिक संतुलन पर गहरा प्रभाव डालता है। वर्ष 2026 की दहलीज पर खड़े लोग यह जानने को उत्सुक हैं कि आने वाले महीनों में राहू किस पर मेहरबान रहेगा और किन राशियों के लिए यह समय मानसिक दबाव, उलझन और अप्रत्याशित घटनाओं से भरा हो सकता है। पंडितों का कहना है कि राहू का प्रभाव जितना रहस्यमय होता है, उतना ही तीव्र भी। यही वजह है कि उसके गोचर को लेकर आम लोगों में उत्सुकता बढ़ी हुई है।

नए साल में राहू मेष से निकलकर मीन राशि की ओर बढ़ेगा। यह परिवर्तन ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि मीन राशि जल तत्व की है और राहू एक छाया ग्रह होने के कारण इस राशि में प्रवेश करते ही भावनात्मक अस्थिरता, उलझे निर्णय, अनिश्चितता और तेज उतार-चढ़ाव का दौर शुरू कर सकता है। कई राशियों के लिए यह गोचर बड़ी सावधानियों की मांग करता है, क्योंकि राहू जब किसी भाव को प्रभावित करता है, तो वहां भ्रम, छल, अनुचित महत्वाकांक्षा और असामान्य परिस्थितियों की संभावना बढ़ जाती है।

ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार राहू का यह गोचर चार प्रमुख राशियों पर विशेष असर डालने वाला है। पहली राशि है मिथुन। राहू इस राशि के कार्यक्षेत्र में अनिश्चितता ला सकता है। करियर में अचानक बदलाव, नए अवसरों का दिखना लेकिन टिकाऊ न होना, और सहकर्मियों के साथ गलतफहमियों की स्थिति बन सकती है। मिथुन राशि के जातकों के लिए यह साल संयम, धैर्य और सोच-समझकर निर्णय लेने का वर्ष होगा। आर्थिक मामलों में भी जल्दबाजी भारी पड़ सकती है।

दूसरी राशि है कन्या। राहू के गोचर के कारण कन्या राशि वालों के सामने स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियाँ बढ़ सकती हैं। अनियमित दिनचर्या, मानसिक तनाव और पुरानी बीमारियों का उभरना इस साल की प्रमुख चिंताएं बन सकती हैं। पारिवारिक स्तर पर भी गलतफहमियों के योग बन रहे हैं। ज्योतिष में राहू का कन्या राशि की व्यावहारिकता और सूक्ष्मता पर प्रभाव अक्सर विचारों को उलझा देता है, जिससे इस राशि वालों के लिए यह समय आत्मनियंत्रण की कसौटी बन सकता है।

तीसरी राशि जहां सावधानी जरूरी है, वह है धनु। यह वर्ष धनु राशि के लोगों के लिए विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि राहू यहां भाग्य भाव और यात्राओं से जुड़ी परिस्थितियों को प्रभावित करेगा। अनचाही यात्राएँ, योजना में बदलाव और महत्वपूर्ण कामों में देरी की आशंका बढ़ जाती है। कई बार राहू के प्रभाव में लिए गए निर्णय उल्टे पड़ सकते हैं, इसलिए सलाह दी जाती है कि धनु राशि के लोग इस समय किसी बड़े कदम से पहले विशेषज्ञों से परामर्श लें और हर जानकारी को अच्छी तरह परखकर ही कोई निष्कर्ष निकालें।

चौथी और सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाली राशि है मीन। क्योंकि राहू सीधे इसी राशि में प्रवेश कर रहा है, इसलिए यहां परिणाम सबसे तीव्र दिखाई दे सकते हैं। मीन राशि के लोगों के लिए यह साल मानसिक और भावनात्मक संघर्ष लेकर आ सकता है। कई बार बिना वजह चिंता, असुरक्षा की भावना, नींद में कमी और जीवन में अचानक बदलाव जैसी स्थितियाँ सामने आ सकती हैं। कामकाज में उतार-चढ़ाव बढ़ेंगे और रिश्तों में अनावश्यक संदेह पनपने की संभावना है। मीन राशि वालों को अपने निर्णयों में स्पष्टता लाने और अनजाने खतरों से बचने के लिए अनुभवी लोगों की सलाह को महत्व देना होगा।

ज्योतिषियों का कहना है कि राहू जहां भ्रम फैलाता है, वहीं वह बदलाव का संकेतक भी है। इसलिए जिन राशियों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव दिख रहा है, उनके लिए यह समय सीखने, आत्ममंथन करने और भय को छोड़कर आगे बढ़ने का है। राहू व्यक्ति को उसकी कमजोरियों से परिचित कराता है और कई बार उन्हीं कमजोरियों के कारण लिए गए कठोर निर्णय भविष्य में बड़े सुधार का कारण बनते हैं।

नए साल में यह राहू गोचर आ रहा है ऐसे समय में जब दुनिया तकनीक और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के नए दौर का सामना कर रही है। कामकाज, रिश्तों और जीवनशैली में बड़े परिवर्तन हो रहे हैं। ऐसे माहौल में राहू का प्रभाव लोगों के मनोविज्ञान पर भी असर डालता है। विशेषज्ञों के अनुसार इस वर्ष ध्यान, मानसिक स्वास्थ्य, परामर्श और जीवन-शैली में संतुलन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होगी।

हालांकि जिन राशियों के लिए स्थिति चुनौतीपूर्ण है, उनके लिए ज्योतिष जगत कुछ सामान्य उपाय भी सुझाता है—जैसे राहू मंत्र का जाप, शनिवार के दिन दान-पुण्य, सरसों तेल का दीपक, काल भैरव मंदिर दर्शन और अपने व्यवहार में संयम। यह भी कहा जाता है कि राहू तब शांत होता है जब व्यक्ति अपने कर्मों में अनुशासन और सत्यनिष्ठा लाता है।

नया साल राहू की वजह से भले कुछ राशियों के लिए दबाव भरा हो, लेकिन ज्योतिष यह भी कहता है कि ग्रहों का असर स्थायी नहीं होता। राहू चाहे भ्रम पैदा करे या रास्ते को कठिन बनाए, अंततः उसका उद्देश्य व्यक्ति को मजबूत बनाना ही होता है। आने वाले महीनों में जिन राशियों पर राहू का प्रभाव गहरा रहेगा, उनके लिए यह वर्ष धैर्य, समझदारी और जागरूकता की परीक्षा है। और यही परीक्षा भविष्य के बेहतर समय की तैयारी भी साबित होगी।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-