अनिल मिश्र/ पटना
किलकारी बिहार बाल भवन, गया के प्रांगण में 6 एवं 7 दिसंबर को आयोजित दो दिवसीय जिला स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता में पहले दिन जिले की बालिकाओं की प्रतिभा, हौसले और खेल के प्रति समर्पण का ऐसा दृश्य प्रस्तुत हुआ, जिसे देखकर दर्शकों, शिक्षकों और अतिथियों ने गर्व का अनुभव किया. यह आयोजन सिर्फ एक प्रतियोगिता भर नहीं था, बल्कि यह साबित करने का मंच था कि गया जिले की बालिकाएँ खेल जगत में भी अदम्य साहस, मानसिक शक्ति और उच्चस्तरीय कौशल के साथ आगे बढ़ सकती हैं.
मौका था किलकारी बिहार बाल भवन गया जी द्वारा आयोजित कबड्डी खेल प्रतियोगिता 2025 का. प्रतियोगिता का शुभ उद्घाटन किलकारी बिहार बाल भवन के प्रमंडल कार्यक्रम समन्वयक श्री राजीव रंजन श्रीवास्तव , बिहार टेक्निकल चेयरमेन बिहार कबड्डी संघ आनंद शंकर तिवारी, कबड्डी एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष कमलेश कुमार, योगाचार्य नवीन आचार्य, सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी आकाश कुमार,लेखा पदाधिकारी गुड़िया कुमारी एवं प्रमंडल संसाधन सेवी सोनम कुमारी ने दीप प्रज्वलित करके किया. प्रतियोगिता के पहले दिन बेटियों की फुर्ती, जज़्बा और जोश का अद्भुत मेल देखने को मिला. पहले दिन अंडर–12 और अंडर–16 बालिका वर्ग की प्रतियोगिताएँ आयोजित हुईं, जिनमें लगभग 20 विद्यालयों से आई करीब 250 बालिकाओं ने भाग लेकर पूरे माहौल को जीवंत बना दिया.मैदान का हर कोना उत्साह से भरा हुआ था,कहीं टीमें अपनी रणनीति बना रही थीं,कहीं रेफरी अपनी तैयारी कर रहे थे, और चारों ओर बच्चों के उत्साहवर्धन की आवाजें गूंज रही थीं.
बालिकाओं ने जिस आत्मविश्वास और तकनीक के साथ खेला, वह इस बात का प्रमाण था कि खेल अब सिर्फ मैदान की बात नहीं रहा, बल्कि बेटियों के सपनों, आत्मविश्वास और नए भारत की ऊर्जा का प्रतीक बन चुका है.फाइनल मैचों में खिलाड़ियों ने ऐसा खेल दिखाया कि दर्शक कई बार अपनी सीटों से उठकर तालियाँ बजाने लगे. खेल‘कबड्डी-कबड्डी’ की पुकार के साथ मैदान में जीत का जज़्बा और भी गहरा होता चला गया. कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद विजेता टीम का चयन हुआ. अंडर 12 में मध्य विद्यालय साहिल पथरा टनकुप्पा विजेता रही और रनरअप आए एवं एलएमसी टिकारी की बच्चियां , तृतीय स्थान पर अपना दबदबा स्थापित किया आरडी पब्लिक स्कूल और शमीर तकिया मध्य विद्यालय की बच्चियां ने. सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए तथा विजेताओं एवं उपविजेताओं को मेडल व मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया.
बच्चों के चेहरों पर चमक और उपलब्धि का गर्व इस आयोजन की सबसे बड़ी सफलता थी. वहीं इस अवसर पर प्रमंडल कार्यक्रम समन्वयक श्री राजीव रंजन श्रीवास्तव ने कहा कि “कबड्डी सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि साहस, रणनीति, संतुलन और टीम-स्प्रीट का अनोखा मिश्रण है. गया की बालिकाओं ने आज यह साबित कर दिया कि अवसर मिले तो वे हर क्षेत्र में चमक सकती हैं.” उपस्थित अतिथियों ने किलकारी बिहार बल भवन के प्रयासों को सराहते हुए इसे बच्चों के समग्र विकास का एक उत्कृष्ट केंद्र बताया. वहीं सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी श्री आकाश कुमार का संबोधन में कहा— “प्रत्येक बच्चा एक अलग कहानी लेकर आता है, और खेल उन्हें अपनी क्षमता को पहचानने का अवसर देता है. इन दो दिनों में जो जोश, अनुशासन और सम्मान बालिकाओं ने दिखाया है, वह अद्भुत है. किलकारी का यह प्रांगण बच्चों के सपनों को आकार देने का केंद्र है और हम इस मिशन को और बड़े पैमाने पर आगे बढ़ाएंगे.”
खेल संगठन के टेक्निकल चेयरमैन श्री आनंद कुमार ने बालिकाओं के प्रदर्शन पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि“कबड्डी हमारे देश की आत्मा से जुड़ा हुआ खेल है. गया की बालिकाओं ने जिस फुर्ती, तकनीक और खेल भावना का प्रदर्शन किया, उससे यह साफ़ है कि यहाँ खेल संस्कृति मजबूत हो रही है. हम ऐसे आयोजन नियमित रूप से होते रहें, इसके लिए पूर्ण सहयोग देंगे.”
किलकारी बिहार बाल भवन वर्षों से कला, संस्कृति, खेल, रचनात्मकता और बाल अधिकारों के क्षेत्र में प्रेरणादायक योगदान देता रहा है. यह कबड्डी प्रतियोगिता भी उसी श्रृंखला का हिस्सा थी, जिसने न केवल प्रतिभा को मंच दिया, बल्कि यह संदेश भी दिया कि—“जब बेटियाँ आगे बढ़ती हैं, तो सिर्फ परिवार नहीं… पूरा जिला गौरवान्वित होता है.अंततः तालियों की आवाजें, खेल का रोमांच, जीत का जश्न और हार से सीखने का हौसला इन सभी ने मिलकर किलकारी के प्रांगण में एक ऐसा माहौल बना दिया, जिसे आने वाले कई वर्षों तक याद किया जाएगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

