इंडिगो संकट पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, छुट्टी के दिन भी एक्शन में आए सीजेआई, तत्काल सुनवाई वकील को बुलाया

इंडिगो संकट पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, छुट्टी के दिन भी एक्शन में आए सीजेआई, तत्काल सुनवाई वकील को बुलाया

प्रेषित समय :14:56:56 PM / Sat, Dec 6th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. देश में जारी इंडिगो एयरलाइंस के महासंकट ने अब गंभीर रूप ले लिया है और मामला देश की सबसे बड़ी अदालत की दहलीज पर पहुंच गया है. हजारों यात्रियों को हो रही भारी असुविधा और देशभर में मचे हाहाकार को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने के संकेत दिए हैं. स्थिति की गंभीरता और मामले की अर्जेसी (तात्कालिकता) का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) सूर्यकांत ने शनिवार की छुट्टी होने के बावजूद याचिकाकर्ता के वकील को तुरंत अपने आवास पर बुलाया है.

दरअसल, उड़ानों के लगातार रद्द होने और हवाई अड्डों पर यात्रियों के फंसने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है. इस याचिका में मौजूदा हालात को मानवीय संकट करार देते हुए अदालत से तत्काल सुनवाई की गुहार लगाई गई थी. इसी मांग पर त्वरित संज्ञान लेते हुए सीजेआई ने वकील को तलब किया है, ताकि आज ही एक विशेष बेंच का गठन कर मामले की सुनवाई सुनिश्चित की जा सके. याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि एयरलाइन का यह कुप्रबंधन यात्रियों के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मिले मौलिक अधिकारों का सीधा उल्लंघन है.

इंडिगो का परिचालन लगातार चौथे दिन भी बुरी तरह बाधित है. शुक्रवार को एयरलाइन ने 1000 से ज्यादा उड़ानें रद्द कर दी थीं, जिसका असर आज भी दिखाई दे रहा है. इस वजह से न केवल हजारों यात्री फंस गए हैं, बल्कि अन्य एयरलाइंस के किराए आसमान छूने लगे हैं और ट्रेनों में भी अचानक भीड़ बढ़ गई है. विमानन नियामक डीजीसीए ने शुक्रवार को इंडिगो को परिचालन सामान्य करने के लिए कुछ रियायतें दी थीं और संकट के कारणों की जांच के लिए चार सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन भी किया है, लेकिन यात्रियों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है.

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में इंडिगो प्रबंधन पर पायलटों के नए ड्यूटी नियमों की गलत योजना बनाने का आरोप लगाया गया है. याचिका में मांग की गई है कि प्रभावित यात्रियों के लिए वैकल्पिक यात्रा की व्यवस्था की जाए और उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए. अब पूरे देश की निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं कि क्या अदालत इस मामले में कोई कड़ा आदेश जारी करती है, जिससे परेशान यात्रियों को फौरी राहत मिल सके.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-