पटना. बिहार के खगडिय़ा में अचंभित कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसने पुलिस, न्याय व्यवस्था और पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है. जिस युवक को चार महीने पहले मरा हुआ मानकर उसके पिता ने हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई थी, वही युवक अचानक मानसी थाना में जिंदा पहुंच गया. इस खुलासे के बाद न सिर्फ पुलिस की जांच पर सवाल उठे हैं, बल्कि उन तीन लोगों की किस्मत भी कटघरे में आ गई है, जो हत्या के आरोप में जेल भेजे जा चुके हैं.
यह पूरा मामला मानसी थाना क्षेत्र का है. यूपी के बाराबंकी का मूल निवासी और फिलहाल सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर थाना क्षेत्र के कचौत गांव का रहने वाला मो. छोटू खगडिय़ा में मोटरसाइकिल गैरेज चलाता था. चार महीने पहले बाइक मरम्मत को लेकर कुछ स्थानीय लोगों से उसका विवाद हो गया था. विवाद इतना बढ़ा कि आरोपितों ने छोटू को बेरहमी से पीटकर अधमरा कर दिया. घटना के बाद मारपीट करने वाले लोगों को लगा कि छोटू की मौत हो चुकी है. घबराहट में उन्होंने उसे नदी किनारे फेंक दिया और मौके से फरार हो गए.
पिता ने मर्डर की दर्ज कराई थी एफआईआर
उधर जब छोटू घर नहीं लौटा, तो उसके पिता ने उसे मृत मान लिया. उन्होंने मानसी थाना में तीन लोगों के खिलाफ हत्या और शव फेंकने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करा दी. मामला गंभीर था. पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया और न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. चार महीने तक पूरा मामला एक मर्डर केस की तरह चलता रहा. पुलिस केस डायरी आगे बढ़ती रही, गवाहों के बयान हुए और आरोपी जेल में सड़ते रहे.
छोटू मरा नहीं था, वह नोएडा भाग गया था
इस कहानी में सबसे बड़ा ट्विस्ट तब आया, जब पुलिस को छोटू के मोबाइल फोन से लोकेशन का सुराग मिला. पता चला कि जिस युवक को मृत मान लिया गया था, वह दरअसल उसी रात किसी तरह जान बचाकर भाग गया था. छोटू सीधे नोएडा पहुंच गया, जहां वह मजदूरी करके अपना जीवन चला रहा था. चार महीने तक वह डर, सदमे और अनजान हालातों में बाहर रहा. उसे यह भी नहीं पता था कि उसके नाम पर हत्या का मुकदमा दर्ज हो चुका है और तीन लोग जेल भेजे जा चुके हैं.
मोबाइल ट्रैकिंग से खुला राज, थाने बुलाया गया छोटू
जब पुलिस ने तकनीकी जांच के दौरान छोटू का मोबाइल ट्रैक किया, तब सच सामने आया. पुलिस ने संपर्क किया और किसी तरह उसे थाने बुलाया गया. शनिवार 6 दिसम्बर को जैसे ही छोटू मानसी थाना पहुंचा, वहां मौजूद पुलिसकर्मी और परिजन सभी अवाक रह गए. जिस युवक को मृत मानकर हत्या का मामला चल रहा था, वह जिंदा, अपने पैरों पर चलता हुआ थाने पहुंच चुका था.
कोर्ट में दर्ज हुआ बयान
मानसी थानाध्यक्ष दीपक कुमार ने बताया कि छोटू का न्यायिक बयान कोर्ट में दर्ज करा लिया गया है. उसके बयान के बाद अब हत्या की धारा पूरी तरह सवालों के घेरे में आ गई है. जिन तीन लोगों को हत्या का आरोपी बनाकर जेल भेजा गया था, अब उनके खिलाफ केस की दिशा बदलने की तैयारी की जा रही है. पुलिस का कहना है कि अब पूरे मामले की नए सिरे से जांच होगी.
अब पिता पर भी दर्ज होगी एफआई
इस पूरे घटनाक्रम के बाद पुलिस ने बड़ा संकेत भी दे दिया है. मानसी थानाध्यक्ष के अनुसार, छोटू के पिता के खिलाफ भी पुलिस को गुमराह करने, झूठी सूचना देने और गलत तरीके से हत्या का मामला दर्ज कराने के आरोप में नई प्राथमिकी दर्ज की जाएगी. हालांकि यह भी जांच का विषय है कि पिता ने जानबूझकर गलत स्नढ्ढक्र कराई या वह खुद बेटे को मृत मान बैठा था.
जेल में बंद तीन लोगों की बढ़ी मुश्किल
इस खुलासे के बाद सबसे गंभीर सवाल उन तीन आरोपितों को लेकर खड़े हो गए हैं, जो हत्या के आरोप में चार महीने से जेल में बंद हैं. अगर जांच में यह साबित हो गया कि छोटू को मरा हुआ समझने की ग़लती हुई थी और उसने खुद भागकर जान बचाई थी, तो यह मामला गलत गिरफ्तारी और झूठे मुकदमे में बदल सकता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

