सर्दियों का मौसम आते ही देश के कई पर्वतीय इलाके मानो बर्फ की सफेद चादर में ढल जाते हैं. जहां हवा की ठंडक, पहाड़ों की नीरवता और आसमान से गिरती बर्फ की फुहारें किसी जादुई दुनिया की अनुभूति कराती हैं. दिसंबर का महीना तो खास तौर पर पहाड़ प्रेमियों के दिल में अलग ही उत्साह भर देता है. लेकिन इस उत्साह के बीच एक परेशानी भी हर साल दोहराई जाती है—भीड़ की. मनाली और शिमला जैसे लोकप्रिय शहरों में दिसंबर-जanuary की छुट्टियों के दौरान इतनी भीड़ उमड़ती है कि शांति की चाह में निकला पर्यटक ट्रैफिक जाम, होटल की कमी और भीड़भाड़ से परेशान होकर रह जाता है. ऐसे समय में नेचर लवर्स अब उन कम-भीड़ वाले हिल स्टेशनों की तलाश में हैं जहाँ सर्दियों की खूबसूरती तो मिले ही, लेकिन बिना भागदौड़ और शोरगुल के.
हाल के समय में सोशल मीडिया पर कई ट्रैवलर्स ऐसे शांत विकल्पों की चर्चा कर रहे हैं, जहाँ दिसंबर के महीने में पहुंचकर आप महसूस कर सकें कि असल सर्दियां कैसी होती हैं. यहां सिर्फ मौसम नहीं बदलता बल्कि दिल का माहौल भी बदल जाता है—क्योंकि इन जगहों की हवा में ही एक सुकून है.
चोपता
इन विकल्पों में से पहला नाम आता है उत्तराखंड के चोपता का, जिसे ‘भारत का मिनी स्विट्जरलैंड’ कहा जाता है. चोपता की वादियों में सर्दियों में जो बर्फ जमती है, वह कांच की तरह चमकती है और सुबह की हल्की धूप में ऐसा लगता है जैसे पूरा मैदान सोने जैसी रोशनी से भर गया हो. यहां की शांति का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सुबह-सुबह आप सिर्फ अपनी सांसों की आवाज़ सुन सकते हैं. ट्रेकिंग पसंद करने वालों के लिए तो तुंगनाथ और चंद्रशिला का रास्ता इस मौसम में बेहद रोमांचक हो जाता है. कम भीड़ और साफ आसमान के नीचे तारों को इतनी निकटता से देखना किसी सपने जैसा लगता है.
तीर्थन वैली
दूसरी ओर हिमाचल प्रदेश की तीर्थन वैली भी शांत हिल स्टेशनों में तेजी से लोकप्रिय हो रही है. यह वह जगह है जहाँ प्रकृति अपने सबसे सरल और सबसे खूबसूरत रूप में दिखाई देती है. यहां नदी के किनारे बसे छोटे-छोटे होमस्टे, जंगलों में घूमते बादल और पहाड़ों की गोद में बैठकर चाय की चुस्की लेना—इन सबमें एक अलग ही सुकून है जो मनाली और शिमला की भीड़ में शायद कहीं खो जाता है. तीर्थन वैली खासकर उन यात्रियों के लिए बेहतरीन है जो बिना किसी व्यवधान के प्रकृति के करीब रहना चाहते हैं, वाइल्डलाइफ ट्रेल्स का अनुभव लेना चाहते हैं या बस कुछ दिन खुद के साथ समय बिताना चाहते हैं.
औली
औली भी दिसंबर के दिनों में एक शानदार विकल्प बनकर उभरा है. उत्तराखंड का यह छोटा सा हिल स्टेशन सर्दियों में एक सफेद मैदान की तरह दिखाई देता है जहां हर तरफ बर्फ की मोटी परतें ढकी रहती हैं. औली के ग्लेशियर और यहां के पहाड़ों का बदलता रंग—कभी हल्का नीला, कभी सुनहरी धूप वाला—दिसंबर का महीना खास बनाता है. रोमांच पसंद करने वाले यात्री यहां स्कीइंग का मजा लेते हैं और कई लोग केबल कार से ऊपर उठकर नीलकंठ की तरफ फैले भव्य हिमालय को निहारते हैं. जो लोग मनाली जैसी भीड़ से बचना चाहते हैं, उनके लिए औली का शांत माहौल किसी परफेक्ट विंटर हॉलिडे जैसा है.
बीर बिलिंग
दिसंबर के मौसम में हिमाचल का बीर बिलिंग भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बन रहा है. यह जगह पैराग्लाइडिंग के लिए विश्व प्रसिद्ध है और सर्दियों में यहां का आसमान बादलों से मुक्त, बिल्कुल साफ और ऊंची उड़ान के लिए अनुकूल रहता है. यहां के कैफे, तिब्बती संस्कृति से भरी गलियां और पहाड़ों के बीच काम करने वाले वर्क-फ्रॉम-हिल्स ट्रैवलर्स बीर बिलिंग को एक नया रूप देते हैं. कई लोग यहां सिर्फ उड़ान भरने के लिए नहीं आते, बल्कि शांत वातावरण में किताबें पढ़ने, ध्यान लगाने और हल्की धूप में पैर फैलाकर बैठने के लिए भी पहुंचते हैं.
कनाताल
उत्तराखंड का कनाताल भी दिसंबर में बेहद खास जगह बन जाता है. यह एक ऐसा हिल स्टेशन है जो भीड़भाड़ से पूरी तरह दूर रहता है. यहां के जंगलों के बीच चलने पर ऐसा लगता है मानो समय रुक गया हो. आसमान में शाम की लालिमा धीरे-धीरे बढ़ती है और घाटियां एक अनोखी नीली रोशनी में रंग जाती हैं. दिसंबर की रातें तो कनाताल में और भी जादुई हो जाती हैं—ठंडी हवा, आसमान में लाखों तारे और दूर से आती हल्की-सी घंटियों की आवाज़. यहां के कैंपसाइट और छोटे-छोटे रिसॉर्ट्स सर्दियों की छुट्टियों को यादगार बनाने के लिए परफेक्ट हैं.
सर्दियों की यात्रा सिर्फ एक छुट्टी नहीं होती, यह अक्सर एक अनुभव बन जाती है—एक ऐसा अनुभव जो हमें याद दिलाता है कि प्रकृति अपनी सादगी में भी कितनी सुंदर है. इस समय जब लोग मनाली और शिमला जैसे स्थानों में बढ़ती भीड़ से परेशान हो रहे हैं, वहीं चोपता, तीर्थन वैली, औली, बीर बिलिंग और कनाताल जैसे हिल स्टेशन यात्रियों को एक नई दिशा दे रहे हैं. ऐसी दिशा जहाँ शांति भी है, बर्फ भी है, रोमांच भी है और प्रकृति की शुद्ध खुशबू भी.
दिसंबर की यात्रा हमेशा दिल में बस जाती है—और जब जगह शांत हो, भीड़ कम हो और प्रकृति अपने पूरे रंग में हो, तो यह अनुभव और भी गहरा हो जाता है. अगर इस बार आप ठंड का मजा किसी नए अंदाज में लेना चाहते हैं, तो मनाली-शिमला की भीड़ से इतर इन शांत और खूबसूरत हिल स्टेशनों का सफर आपकी यात्रा की परिभाषा बदल सकता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

