दुष्यंत स्मारक में गूँजी समय-चेतना की प्रतिध्वनि: 'GLITCH IN THE SPACE TIME' पर पुस्तक चर्चा

दुष्यंत स्मारक में गूँजी समय-चेतना की प्रतिध्वनि:

प्रेषित समय :20:45:33 PM / Tue, Dec 9th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

भोपाल.दुष्यंत कुमार स्मारक पांडुलिपि संग्रहालय की शांत, साहित्य-सुगंधित वादियों में उस शाम एक विशेष आत्मीयता घुली हुई थी। आशा पारस फॉर पीस एंड हार्मनी फाउंडेशन, भारत द्वारा प्रकाशित सुप्रसिद्ध कवयित्री एवं चिकित्सक डॉ. वीणा सिन्हा की काव्य कृति “GLITCH IN THE SPACE TIME” पर केंद्रित पुस्तक चर्चा एवं कविता-पाठ का आयोजन मानो संवेदना और विचारों का एक मधुर संगम बन गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व कुलपति प्रो. आशा शुक्ला ने की, जिनकी गरिमामयी उपस्थिति और सूक्ष्म साहित्यिक दृष्टि ने पुस्तक की वैचारिक परतों को आत्मीय अंदाज़ में खोलते हुए कविता के भीतर छिपे समय, अंतरिक्ष और अनुभूति के स्पंदनों को समझने की सुंदर राह दिखाई।

मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रतिष्ठित कवि राग तेलंग ने अपनी विशिष्ट अभिव्यक्ति के साथ पुस्तक की विषय-वस्तु, भाषा और आधुनिक चेतना पर मनस्वी विचार रखे। वक्ता नीलिमा रंजन ने भी अपनी सहज और संवेदनशील दृष्टि से पुस्तक के अंतरंग आयामों पर प्रकाश डाला।

डॉ. विशाखा राजुरकर द्वारा डॉ. वीणा सिन्हा के साथ किया गया प्रश्नोत्तर संवाद अत्यंत रोचक रहा,जिसमें लेखन की प्रेरणाओं से लेकर कविताओं की भावभूमि तक अनेक बिंदु उल्लासपूर्ण और आत्मीयता से उभरते गए।

इसके बाद युवा कवियों—राहुल शर्मा, भास्कर इंद्रकांती, फ़ौजिया ख़ान और सूर्यांसू सक्सेना ने पुस्तक से चुनी हुई कविताओं का भावपूर्ण पाठ किया। उनकी वाणी में डॉ. वीणा सिन्हा की कविताओं का सौंदर्य उजाला बनकर बिखर रहा था, जिसे उपस्थित सभी साहित्य-प्रेमियों ने गहराई से महसूस किया।

कार्यक्रम का आत्मीय स्वागत वक्तव्य करुणा राजुरकर ने प्रस्तुत किया, जबकि आभार ज्ञापन लव चावड़ीकर ने कृतज्ञता और विनम्रता से व्यक्त किया।

इस यादगार संध्या में भोपाल के वरिष्ठ रचनाकारों, साहित्यकारों, शिक्षाविदों, मीडिया प्रतिनिधियों तथा सैकड़ों साहित्य-प्रेमियों की उपस्थिति ने वातावरण को और भी ऊष्मामय बना दिया। भाव, विचार और रचनात्मकता के इस संगम ने शहर के सांस्कृतिक परिदृश्य में एक सुंदर स्मृति जोड़ दी।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-