यूथ कांग्रेस अध्यक्ष पर लगे गंभीर आरोपों ने जबलपुर की सियासत में भूचाल ला दिया

यूथ कांग्रेस अध्यक्ष पर लगे गंभीर आरोपों ने जबलपुर की सियासत में भूचाल ला दिया

प्रेषित समय :19:35:10 PM / Tue, Dec 9th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जबलपुर की युवा राजनीति में इन दिनों एक बड़ा भूचाल आया हुआ है, जिसने कांग्रेस संगठन के भीतर ही पारदर्शिता और नैतिकता के सवालों को खड़ा कर दिया है। यूथ कांग्रेस के वर्तमान अध्यक्ष पर यह गंभीर आरोप लगा है कि उन्होंने हाल ही में हुए संगठनात्मक चुनाव लड़ने के लिए फर्जी और मनगढ़ंत दस्तावेज़ों का इस्तेमाल किया। यह मामला शहर के राजनीतिक गलियारों में इस कदर चर्चा में है कि हर कोई जानना चाहता है कि आरोपों के पीछे का सच क्या है और क्या पार्टी नेतृत्व इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई करेगा। लोगों की उत्सुकता इसलिए भी चरम पर है क्योंकि शिकायतकर्ता ने केवल आरोप लगाकर हवा में बात नहीं की है, बल्कि उन्होंने अपनी बात को साबित करने के लिए ठोस प्रमाण पेश करने का दावा किया है।

इस पूरे विवाद की जड़ यूथ कांग्रेस के आंतरिक चुनावों में है, जो संगठन में युवा नेतृत्व के चयन के लिए आयोजित किए गए थे। चुनाव प्रक्रिया में उम्मीदवार की आयु सीमा और शैक्षणिक योग्यता को लेकर सख्त नियम होते हैं। शिकायतकर्ता, जिसने कथित तौर पर इस चुनाव में हिस्सा लिया था या चुनाव परिणामों से असंतुष्ट था, ने दावा किया है कि वर्तमान अध्यक्ष ने अपनी योग्यता और आयु सिद्ध करने के लिए जो दस्तावेज़ जमा किए, वे पूरी तरह से फर्जी हैं। आरोपों के अनुसार, इन दस्तावेज़ों में जन्म तिथि (Date of Birth)शैक्षणिक अंकतालिकाओं या अन्य पहचान प्रमाणों में स्पष्ट विसंगतियां (discrepancies) मौजूद हैं। शिकायतकर्ता का कहना है कि यह एक सुनियोजित धोखाधड़ी है, जिसका उद्देश्य नियम विरुद्ध तरीके से संगठन के महत्वपूर्ण पद पर काबिज होना था।

सोशल मीडिया और स्थानीय मीडिया में यह खबर तेजी से फैली है कि शिकायतकर्ता ने बाकायदा प्रमाणों की फोटोकॉपी मीडियाकर्मियों को दिखाई है, जिसमें एक ही व्यक्ति की दो अलग-अलग जन्म तिथियां या दो अलग-अलग शैक्षणिक योग्यताएं दर्ज हैं। इस तरह के 'सबूतों' का सामने आना ही इस मामले की गंभीरता को कई गुना बढ़ा देता है। आम जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं में इस बात को लेकर भारी जिज्ञासा है कि अगर ये दस्तावेज़ वास्तव में फर्जी हैं, तो यह सब संगठनात्मक जांच प्रक्रिया की कमजोरियों को उजागर करता है। हर कोई यह जानना चाहता है कि क्या पार्टी के अंदर उच्च स्तर पर इन दस्तावेजों की जांच में जानबूझकर चूक की गई या अध्यक्ष ने बड़े स्तर पर धांधली को अंजाम दिया।

इस मामले पर यूथ कांग्रेस अध्यक्ष ने तुरंत पलटवार किया है और इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि ये आरोप दुर्भावनापूर्ण हैं और उन्हें राजनीतिक रूप से कमजोर करने की साजिश है। अध्यक्ष ने कहा कि उनके सभी दस्तावेज़ पूरी तरह से वैध हैं और वह संगठन के नियमों के तहत चुनाव जीतकर आए हैं। उन्होंने कहा कि वह पार्टी की किसी भी आंतरिक या बाहरी जांच के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उनका यह आत्मविश्वासपूर्ण खंडन भी लोगों के बीच जिज्ञासा बनाए हुए है कि आखिर सच किस ओर है—क्या यह विरोधी गुट की रणनीति है या फिर प्रमाणों में सचमुच दम है?

इस पूरे घटनाक्रम ने कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के लिए एक धर्मसंकट पैदा कर दिया है। एक तरफ जहां उन्हें अपने युवा नेता का समर्थन करना है, वहीं दूसरी ओर उन्हें संगठन में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने का संदेश भी देना है। शिकायतकर्ता ने सीधे तौर पर कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण (CEC) से मामले की गहन जांच की मांग की है। अब सबकी निगाहें इसी बात पर टिकी हैं कि केंद्रीय नेतृत्व इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है। यदि जांच में आरोप सही पाए जाते हैं, तो न केवल यूथ कांग्रेस अध्यक्ष को पद से हटाया जा सकता है, बल्कि संगठनात्मक कार्रवाई के अलावा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तलवार भी लटक सकती है।

जबलपुर में युवा राजनीति के भविष्य पर इस विवाद का गहरा असर पड़ना तय है। कार्यकर्ताओं में यह डर है कि अगर संगठन के भीतर ही धोखाधड़ी हो रही है, तो वे कैसे विश्वसनीय नेतृत्व पर भरोसा कर पाएंगे। स्थानीय सियासी विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह के आरोप कांग्रेस की छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं, विशेषकर तब जब पार्टी अगले चुनावों की तैयारी में जुटी है। यूथ कांग्रेस, जिसे पार्टी का भविष्य माना जाता है, के शीर्ष पद पर लगे ये दाग बताते हैं कि राजनीति में शुचिता का मुद्दा आज भी कितना बड़ा है। लोगों की उत्कंठा इस बात को जानने के लिए बनी हुई है कि इस मामले में किसकी जीत होती है—आरोप लगाने वाले की, जो न्याय की मांग कर रहा है, या आरोपी नेता की, जो अपनी बेगुनाही का दावा कर रहा है। यह फैसला जल्द ही संगठन और कानून के गलियारों से सामने आएगा।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-