नई दिल्ली.दिल्ली से उत्तर प्रदेश और बिहार की ओर यात्रा करने की योजना बना रहे यात्रियों के लिए आज एक महत्वपूर्ण और तनावपूर्ण अलर्ट सोशल मीडिया पर तेज़ी से ट्रेंड कर रहा है. परिचालन (ऑपरेशनल) कारणों का हवाला देते हुए भारतीय रेलवे ने आज, 14 दिसंबर 2025, को दिल्ली क्षेत्र से यूपी और बिहार जाने वाली कुछ प्रमुख रेलगाड़ियों को रद्द कर दिया है. यह अचानक लिया गया निर्णय उन हज़ारों यात्रियों के लिए बड़ी परेशानी का सबब बन गया है, जो इस सप्ताहांत या आगामी दिनों में अपने गंतव्यों तक पहुँचने की उम्मीद कर रहे थे.
रेलवे के आधिकारिक सूत्रों ने पुष्टि की है कि यह रद्दीकरण मुख्य रूप से ट्रैक रखरखाव, सुरक्षा जाँचों को प्राथमिकता देने, या पिछले दिनों घने कोहरे के कारण हुई देरी से उत्पन्न हुए 'रैक समायोजन' की चुनौतियों के कारण किया गया है. जब कोई रेलगाड़ी अपने आरंभिक स्टेशन पर विलंब से पहुँचती है, तो उसे अगले स्टेशन के लिए समय पर तैयार करना मुश्किल हो जाता है, जिससे परिचालन सुचारू रखने के लिए कुछ सेवाओं को रद्द करना आवश्यक हो जाता है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर यात्री लगातार इस रद्दीकरण की सूची साझा कर रहे हैं और अपनी निराशा व्यक्त कर रहे हैं. कई यात्रियों ने बताया है कि उन्हें अंतिम समय में रद्दीकरण की सूचना मिली, जिससे उनके लिए वैकल्पिक यात्रा व्यवस्था करना बेहद मुश्किल हो गया है. विशेष रूप से, वे परिवार जो शादी-विवाह या अन्य आवश्यक कार्यों के लिए यात्रा कर रहे थे, वे सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं.
रद्द की गई प्रमुख रेलगाड़ियों में शामिल हैं (यह एक आंशिक सूची है जो सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही है):
श्रमजीवी एक्सप्रेस (दिल्ली-पटना)
कैफियात एक्सप्रेस (दिल्ली-आजमगढ़)
बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस (दिल्ली-दरभंगा)
स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस (दिल्ली-जयनगर)
यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे स्टेशन पर निकलने से पहले या अपनी यात्रा की योजना को अंतिम रूप देने से पहले, रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट, रेल मदद ऐप, या 139 हेल्पलाइन के माध्यम से अपनी रेलगाड़ी की वर्तमान स्थिति की जाँच अवश्य करें. जिन यात्रियों के टिकट रद्द हो गए हैं, उन्हें टिकट रद्द करने पर नियमानुसार पूरा पैसा वापस मिलेगा.
इस रद्दीकरण ने एक बार फिर लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों को मौसम और परिचालन संबंधी अनिश्चितताओं के बीच फँसा दिया है. यह स्थिति दिखाती है कि भारतीय रेलवे को अपने नेटवर्क को अधिक लचीला और ऐसी अप्रत्याशित बाधाओं के प्रति कम संवेदनशील बनाने के लिए और अधिक निवेश की आवश्यकता है. फिलहाल, यात्रियों की उत्सुकता इस बात पर टिकी है कि यह रद्दीकरण की अवधि कितनी लंबी चलेगी और क्या उनके आरक्षित टिकट का पैसा उन्हें बिना किसी परेशानी के वापस मिल जाएगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

