AajKaDin: 15 दिसम्बर 2025, धर्मज्ञान के लिए उत्तम धनु संक्रांति...

AajKaDin: 15 दिसम्बर 2025, धर्मज्ञान के लिए उत्तम धनु संक्रांति...

प्रेषित समय :21:49:47 PM / Sun, Dec 14th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, बॉलीवुड एस्ट्रो एडवाइजर (व्हाट्सएप- 8875863494)
* धनु संक्रान्ति - 16 दिसम्बर 2025, मंगलवार
* धनु संक्रान्ति पुण्य काल - 07:12 एएम से 12:31 पीएम
* धनु संक्रांति से मकर संक्रांति तक का समय धर्मज्ञान के लिए उत्तम समय है.
* इस काल में भौतिक सुख के बजाय आध्यात्मिक ज्ञान पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए.
* धनु संक्रान्ति चार राशियों.... कर्क, तुला, कुंभ और मीन के लिए शुभ होती है,
* धनु संक्रान्ति के कारण.... वस्तुओं की लागत बढ़ेगी.
* अनाज भण्डारण में वृद्धि होगी.
* लोगों को स्वास्थ्य लाभ होगा.
* विभिन्न राष्ट्रों के मध्य संबंध मधुर होंगे!

हर काम सफल करे सफला एकादशी....
* सफला एकादशी - 15 दिसम्बर 2025, सोमवार
* पारण का समय - 07:12 एएम से 09:20 एएम (16 दिसम्बर 2025)
* पारण के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - 11:57 पीएम
* एकादशी तिथि प्रारम्भ - 14 दिसम्बर 2025 को 06:49 पीएम बजे
* एकादशी तिथि समाप्त - 15 दिसम्बर 2025 को 09:19 पीएम बजे

दैनिक चौघड़िया - 15 दिसम्बर 2025
* दिन का चौघड़िया
अमृत - 07:12 से 08:31
काल - 08:31 से 09:51
शुभ - 09:51 से 11:11
रोग - 11:11 से 12:30
उद्वेग - 12:30 से 01:50
चर - 01:50 से 03:10
लाभ - 03:10 से 04:29
अमृत - 04:29 से 05:49
* रात्रि का चौघड़िया
चर - 05:49 से 07:30
रोग - 07:30 से 09:10
काल - 09:10 से 10:50
लाभ - 10:50 से 12:31
उद्वेग - 12:31 से 02:11
शुभ - 02:11 से 03:51
अमृत - 03:51 से 05:32
चर - 05:32 से 07:12 
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, विभिन्न पंचांगों, धर्मग्रथों से साभार ली गई है, स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-