सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2026 में बदला उत्तर लिखने का तरीका, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के छात्रों के लिए नई व्यवस्था

सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2026 में बदला उत्तर लिखने का तरीका, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के छात्रों के लिए नई व्यवस्था

प्रेषित समय :20:39:56 PM / Sun, Dec 14th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद ने वर्ष 2026 की बोर्ड परीक्षा से पहले 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए एक अहम बदलाव की घोषणा कर दी है, जिसने छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों सभी का ध्यान खींचा है। सीबीएसई ने विज्ञान और सामाजिक विज्ञान विषयों में उत्तर पुस्तिका के फॉर्मेट और उत्तर लिखने के पैटर्न को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। बोर्ड का साफ कहना है कि अब केवल सही उत्तर लिखना ही पर्याप्त नहीं होगा, बल्कि सही जगह और सही तरीके से उत्तर लिखना भी उतना ही जरूरी होगा। बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे लाखों छात्रों के लिए यह बदलाव बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि थोड़ी सी लापरवाही सीधे अंकों पर असर डाल सकती है।

सीबीएसई के अनुसार, यह फैसला मूल्यांकन प्रक्रिया को अधिक व्यवस्थित, पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाने के उद्देश्य से लिया गया है। बीते वर्षों में यह देखने में आया था कि कई छात्र प्रश्न का उत्तर गलत खंड या गलत स्थान पर लिख देते हैं। ऐसे में उत्तर पुस्तिका की जांच के दौरान परीक्षकों को कठिनाई होती थी और कई बार छात्रों के अंक भी कट जाते थे। इन समस्याओं को स्थायी रूप से दूर करने के लिए बोर्ड ने अब उत्तर पुस्तिका को अधिक संरचित और स्पष्ट फॉर्मेट में तैयार करने का निर्णय लिया है।

नई गाइडलाइन के तहत 10वीं कक्षा के विज्ञान विषय के प्रश्नपत्र को तीन अलग-अलग खंडों में बांटा गया है। जीवविज्ञान के प्रश्नों के उत्तर केवल खंड ‘क’ में, रसायन विज्ञान के उत्तर खंड ‘ख’ में और भौतिक विज्ञान के उत्तर खंड ‘ग’ में ही लिखने होंगे। यदि कोई छात्र इन विषयों के उत्तर निर्धारित खंड के अलावा किसी अन्य स्थान पर लिखता है, तो उसके अंक काट लिए जाएंगे। बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस नियम में किसी प्रकार की छूट नहीं दी जाएगी।

इसी तरह सामाजिक विज्ञान विषय में भी बड़ा बदलाव किया गया है। इतिहास, भूगोल, राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र—चारों विषयों के लिए उत्तर पुस्तिका में अलग-अलग खंड तय किए गए हैं। इतिहास के उत्तर एक खंड में, भूगोल के दूसरे में, राजनीति विज्ञान के तीसरे में और अर्थशास्त्र के उत्तर चौथे खंड में लिखने होंगे। छात्रों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे सही विषय का उत्तर उसी के लिए निर्धारित खंड में लिखें, अन्यथा सही उत्तर होने के बावजूद अंक कट सकते हैं।

सीबीएसई ने बहुविकल्पीय प्रश्नों यानी एमसीक्यू और अन्य ऑब्जेक्टिव प्रश्नों को लेकर भी नई व्यवस्था लागू की है। अब उत्तर पुस्तिका में इन प्रश्नों के लिए विशेष बॉक्स या तय फॉर्मेट दिया जाएगा। छात्रों को अपने उत्तर केवल इन्हीं बॉक्स में भरने होंगे। मनमाने ढंग से टिक लगाने या बॉक्स के बाहर उत्तर लिखने की अनुमति नहीं होगी। बोर्ड की नई गाइडलाइन केवल “क्या लिखना है” तक सीमित नहीं है, बल्कि “कहां और कैसे लिखना है” पर भी विशेष जोर देती है।

बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि परीक्षा के दौरान की जाने वाली छोटी-छोटी गलतियां कई बार छात्रों को भारी पड़ जाती हैं। गलत जगह पर उत्तर लिखने से न सिर्फ परीक्षक को परेशानी होती है, बल्कि मूल्यांकन में भ्रम की स्थिति भी बनती है। नई व्यवस्था के जरिए इन सभी चुनौतियों को कम करने का प्रयास किया गया है, ताकि हर छात्र के उत्तर का सही और निष्पक्ष मूल्यांकन हो सके।

री-वैलुएशन और री-चेकिंग को लेकर भी सीबीएसई ने इस बार बेहद सख्त रुख अपनाया है। बोर्ड ने साफ शब्दों में कहा है कि यदि किसी छात्र ने उत्तर गलत स्थान पर लिखा है, तो री-चेकिंग या री-वैलुएशन के दौरान भी उस गलती को सुधारा नहीं जाएगा। यानी अगर उत्तर सही है लेकिन गलत खंड या गलत बॉक्स में लिखा गया है, तो उसके अंक नहीं दिए जाएंगे। बोर्ड का मानना है कि इससे छात्रों में अनुशासन आएगा और वे परीक्षा के निर्देशों को गंभीरता से लेंगे।

इस बदलाव के बाद शिक्षकों की भूमिका भी और महत्वपूर्ण हो गई है। सीबीएसई ने स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे प्री-बोर्ड परीक्षाओं और नियमित टेस्ट के दौरान छात्रों को नए फॉर्मेट के अनुसार उत्तर लिखने का अभ्यास कराएं। स्कूलों से कहा गया है कि वे छात्रों को केवल पाठ्यक्रम ही न पढ़ाएं, बल्कि उत्तर पुस्तिका भरने की सही तकनीक भी सिखाएं, ताकि परीक्षा के दिन किसी तरह की भ्रम की स्थिति न बने।

शिक्षाविदों का मानना है कि यह बदलाव शुरुआत में छात्रों के लिए चुनौतीपूर्ण जरूर हो सकता है, लेकिन लंबे समय में यह परीक्षा प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाएगा। छात्रों को अब अपनी तैयारी के साथ-साथ उत्तर लिखने की रणनीति पर भी ध्यान देना होगा। समय प्रबंधन, प्रश्नों को समझकर सही खंड में उत्तर लिखना और एमसीक्यू बॉक्स को सावधानी से भरना—ये सभी बातें अब परीक्षा में सफलता के लिए जरूरी होंगी।

फरवरी 2026 में 10वीं की बोर्ड परीक्षा देने जा रहे छात्रों के लिए यह समय बेहद अहम है। विशेषज्ञों की सलाह है कि छात्र अभी से नए फॉर्मेट के अनुसार अभ्यास शुरू कर दें। मॉडल पेपर और सैंपल आंसर शीट की मदद से यह समझना जरूरी है कि किस विषय का उत्तर कहां और कैसे लिखना है। नियमित अभ्यास से न केवल आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि परीक्षा के दौरान होने वाली गलतियों से भी बचा जा सकेगा।

सीबीएसई का यह कदम परीक्षा प्रणाली में अनुशासन और पारदर्शिता लाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है। अब बोर्ड परीक्षा केवल ज्ञान की नहीं, बल्कि सटीकता और नियमों के पालन की भी परीक्षा होगी। जो छात्र समय रहते इस नई व्यवस्था को समझकर अपनी तैयारी को ढाल लेंगे, उनके लिए बोर्ड परीक्षा का रास्ता अपेक्षाकृत आसान हो सकता है।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-