AajKaDin: 17 दिसम्बर 2025, बुधवार के दिन प्रदोष व्रत करने सर्व कामना सिद्धि होती है!

AajKaDin: 17 दिसम्बर 2025, बुधवार के दिन प्रदोष व्रत करने सर्व कामना सिद्धि होती है!

प्रेषित समय :22:00:16 PM / Tue, Dec 16th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, बॉलीवुड एस्ट्रो एडवाइजर (व्हाट्सएप- 8875863494)
* बुध प्रदोष व्रत -   17 दिसम्बर 2025
* प्रदोष पूजा मुहूर्त -  05:50 पीएम से 08:31 पीएम

* शिवकृपा प्राप्त करने के लिए हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी पर प्रदोष व्रत किया जाता है.
* भोलेनाथ जब प्रसन्न होते हैं तो समस्त दोष समाप्त कर परम प्रसन्नता, परम सुख प्रदान करते हैं!
* प्रदोष व्रत-पूजा बहुत ही सरल है क्योंकि भोलेनाथ एकमात्र देव हैं जो पवित्र मन से की गई पूजा से ही प्रसन्न हो जाते हैं.
* शिवोपासना में दुर्लभ मंत्र और कीमती पूजा सामग्री की जरूरत नहीं है, सच्चे मन से... जाप करें और शिवलिंग पर सर्वसुलभ पवित्र जल चढ़ाएं.  
* सुख का अहसास कराता है- शांत मन और दुख का कारण है- अशांत मन, शिवोपासना से तुरंत मानसिक शांति प्राप्त होती है.
* प्रदोष व्रत में दिनभर निराहार रहकर सायंकाल पवित्र स्नान करने के बाद श्वेत वस्त्रों में शांत मन से भगवान शिव का पूजन किया जाता है.
* जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, प्रदोष व्रत को करने से हर प्रकार के दोष मिट जाते  है.
* इस व्रत के प्रमुख देवता शिव हैं इसलिए उनके साथ-साथ शिव परिवार की आराधना विशेष फलदायी मानी जाती है.
विभिन्न दिनों के प्रदोष व्रत का अलग-अलग महत्व और प्रभाव होता है....
* बुधवार के दिन यह व्रत करने सर्व कामना सिद्धि होती है.
* बृहस्पतिवार के प्रदोष व्रत से शत्रुओं का नाश होता है.
* शुक्रवार प्रदोष व्रत से सौभाग्य की वृद्धि होती है.
* शनिवार प्रदोष व्रत से संतान सुख की प्राप्ति होती है.
* रविवार के दिन प्रदोष व्रत हमेशा स्वस्थ रखता है.
* सोमवार के दिन प्रदोष व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
* मंगलवार को प्रदोष व्रत रखने से ऋण-रोग से मुक्ति मिलती है.
* संपूर्ण वर्ष प्रदोष व्रत संपूर्ण सुख प्रदान करता है.
दैनिक चौघड़िया - 17 दिसम्बर 2025
* दिन का चौघड़िया
लाभ - 07:13 से 08:32
अमृत - 08:32 से 09:52
काल - 09:52 से 11:12
शुभ - 11:12 से 12:31
रोग - 12:31 से 01:51
उद्वेग - 01:51 से 03:11
चर - 03:11 से 04:30
लाभ - 04:30 से 05:50
* रात्रि का चौघड़िया
उद्वेग - 05:50 से 07:30
शुभ - 07:30 से 09:11
अमृत - 09:11 से 10:51
चर - 10:51 से 12:32
रोग - 12:32 से 02:12
काल - 02:12 से 03:52
लाभ - 03:52 से 05:33
उद्वेग - 05:33 से 07:13
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, विभिन्न पंचांगों, धर्मग्रथों से साभार ली गई है, स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-