​शिक्षा मंत्री दिलावर ने शिक्षक संघ प्रदेश शैक्षिक सम्मेलन का उद्घाटन किया: बोले- छात्र हित सर्वोपरि रखते हुए कार्य करे शिक्षक

​शिक्षा मंत्री दिलावर ने शिक्षक संघ प्रदेश शैक्षिक सम्मेलन का उद्घाटन किया: बोले- छात्र हित सर्वोपरि रखते हुए कार्य करे शिक्षक

प्रेषित समय :20:58:31 PM / Fri, Dec 19th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

*राष्ट्र निर्माण की साधना में निरंतर कर्मशील शिक्षक संघ राष्ट्रीय के कार्यकर्ता - शिक्षा मंत्री दिलावर

*शिक्षकों के पास शिक्षा और बालकों के अलावा कोई कार्य न हो तब भारत श्रेष्ठ बनेगा - उत्तम स्वामी महाराज

*भारत माता का भविष्य शिक्षकों के हाथों में - उत्तम स्वामी महाराज

*प्रदेश भर से हजारों की संख्या में पहुंचे शिक्षक

बांसवाड़ा - बांसवाड़ा शहर के लियो इंटरनेशनल स्कूल में शुक्रवार को राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के दो दिवसीय प्रदेश शैक्षिक सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। सत्र का उद्घाटन शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने किया।

प्रदेश महामंत्री महेंद्र कुमार लखारा ने बताया कि दो दिवसीय इस आयोजन के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेशचन्द्र पुष्करणा ने की। मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री राजस्थान सरकार मदन दिलावर रहे। आयोजन में महामंडलेश्वर उत्तम स्वामी महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ। मुख्य वक्ता अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री महेंद्र कपूर तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यवाह शंकरलाल माली तथा सम्मेलन संयोजक डॉ ऋषिन चौबीसा रहे।

मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के कार्यकर्ता हमेशा राष्ट्र के प्रति समर्पित रहते है। संगठन के कार्यकर्ता महर्षि वशिष्ठ, रामकृष्ण परमहंस, समर्थ गुरु रामदास की परंपरा का निर्वाह करते हुए स्वामी विवेकानंद, शिवाजी जैसे नागरिक तैयार कर रहे है। शिक्षक संघ राष्ट्रीय के कार्यकर्ता राष्ट्र भावना से ओतप्रोत छात्रों का हित समक्ष रखकर राष्ट्र निर्माण की साधना में निरंतर कर्मशील है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल के नेतृत्व में पहली बार शिक्षा के मंदिर विद्यालयों में दीपोत्सव मनाया गया। हम सौभाग्यशाली है कि इस वर्ष हम भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्मशताब्दी वर्ष, वंदे मातरम् का 150 वीं वर्षगांठ, रानी अब्बक्का चौटा का 500 वां जन्मशताब्दी वर्ष तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शताब्दी वर्ष मना रहे हैं। उन्होंने शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा की गई मांगों पर अपनी बात रखते हुए कहा कि सभी मांगों पर मानवीय दृष्टि रखते हुए शीघ्र निस्तारण किया जाएगा।

मुख्य वक्ता अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री महेंद्र कपूर ने अपने संबोधन मे शिक्षकों से आह्वान किया कि आपका कोई भी विद्यार्थी अभावों में न रहे ये दायित्व आपका है। शिक्षक के नाते हम कार्य करते है इसलिए हमारा दायित्व है कि युग की मांग अनुसार राष्ट्रधर्म का बोध होना चाहिए। शिक्षक कभी याचक नहीं हो सकता।

महामंडलेश्वर उत्तम स्वामी महाराज ने अपने आशीर्वचन में शिक्षकों को राष्ट्र निर्माता बताते हुए उन्हें सिर्फ शिक्षा देने का ही कार्य दिया जाए अन्य कार्यों से उन्हें मुक्त करने की बात कही। उन्होंने शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन करने पर बल दिया। बच्चों को दिए संस्कार जीवन भर उसके जीवन में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

साध्य की प्राप्ति के लिए साधन अच्छा होना आवश्यक है।

प्रदेश अध्यक्ष रमेशचन्द्र पुष्करणा ने कहा राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय प्रदेश का पहला संगठन है जो राष्ट्र के लिए जीने वाले लोगों का समूह है। उन्होंने शिक्षकों की प्रमुख समस्याओं को रखते हुए कहा कि तृतीय वेतन श्रृंखला सहित शिक्षकों के सभी संवर्गों के शीघ्र स्थानान्तरण किए जाए। शिक्षकों के समस्त संवर्गों (यथा-जिला शिक्षा अधिकारी प्रधानाचार्य, व्याख्याता, द्वितीय एवं तृतीय वेतन श्रृंखला, पूर्व प्राथमिक शिक्षक (NTT), शा०शि०, पुस्तकालयाध्यक्ष, प्रयोगशाला सहायक, प्रबोधक) की पदौन्नतियाँ 30 अप्रैल 2026 तक सुनिश्चित की जाए ।

प्रबोधकों एवं 2005 के पश्चात् RPSC से नियुक्त शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर कर प्रारम्भिक वेतन 11170 रु. के स्थान पर 12900 रु. किया जाए। इसके लिए वित्त विभाग की अधिसूचना 01 जुलाई 2013 के स्थान पर 01 जनवरी 2006 से लागू की जाए।

प्रदेश में कार्यरत समस्त संविदा कार्मिकों का नियमितीकरण शीघ्र किया जाए। शिक्षक संघों की गिरदावरी कराकर राष्ट्रहित में कार्य करने वाले संगठन को मान्यता दी जाए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के पाँच वर्ष पूरे होने पर उसके क्रियान्वयन, जमीनी स्थिति और सामने आई बाधाओं का व्यापक आकलन किया जाए।

शिक्षकों में आत्म स्वाभिमान व गौरव का भाव स्थापित करने के लिए स्पष्ट व पारदर्शी स्थानान्तरण नीति लागू की जाए। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के हाल के निर्णय में शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) को लेकर लाखों शिक्षकों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। संगठन 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों की सेवा एवं पदोन्नति की सुरक्षा हेतु तत्काल उचित कार्यवाही की मांग करता है। स्टाफिंग पैटर्न की प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण कर आवश्यकतानुसार पदों की स्वीकृति की जाए। इसके अन्तर्गत प्राथमिक विद्यालयों में प्रत्येक कक्षानुसार एवं उच्चतर विद्यालयों में प्रत्येक विषयानुसार शिक्षक नियुक्त हो तथा उमावि में में हेड टीचर का पद स्वीकृत कर लेवल-2 (सामाजिक विज्ञान वाणिज्य) शिक्षकों को पदौन्नति दी जावे।

संस्कृत शिक्षा विभाग में अभूतपूर्व कार्य करते हुए ऐतिहासिक पदौन्नतियों ,स्थानान्तरण के लिए सरकार का धन्यवाद ।

शिक्षकों को समस्त गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त किया जाए।

शिक्षा विभाग का वार्षिक कैलेण्डर बनाकर निःशुल्क पाठ्यपुस्तक वितरण, शिक्षक प्रशिक्षण, स्कूल ग्रान्ट राशि, खेल सामग्री वितरण, यात्रा भत्ता बजट आदि जारी किये जाए ।

शिक्षकों को तीन चयनित वेतनमान (9-18-27) के स्थान पर चार चयनित वेतनमान (8-16-24-32) दिये जाए ।

कंप्यूटर अनुदेशकों का पद्‌नाम परिवर्तित कर इनकी पदोन्नति का मार्ग प्रशस्त करे ।

TSP से Non-TSP एवं Non-TSP से TSP क्षेत्र में स्थानान्तरण के इच्छुक शिक्षकों का उनके गृह जिलों में पदस्थापन बिना वरिष्ठता विलोपन के किया जाए।

शाला दर्पण सहित ऑनलाइन कार्य हेतु पोर्टल की सर्वर क्षमता में वृद्धि की जाए। (सर्वर पर ऑफलाइन डेटाफीडिंग एवं डाटा सिंक का विकल्प देकर पोर्टल को सुगम बनाया जाये)।

राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता वृद्धि एवं विद्यालयों में मूलभूत सुविधाओं हेतु राज्य जीडीपी का 06% शिक्षा पर खर्च किया जाए।

 बजट घोषणा अनुसार एक लाख टेबलेट पीसी का वितरण शीघ्र किया जावे।

राज्य में नवगठित जिलों में कार्यरत शिक्षकों का पदस्थापन विकल्प पत्र भरवाकर इच्छित जिले में किया जावें ।

द्वितीय वेतन श्रृंखला से प्रथम वेतन श्रृंखला में पदोन्नति से वंचित शिक्षकों को उपप्रधानाचार्य पद पर पदौन्नति दी जावें।

संचालन प्रदेश उपाध्यक्ष सुषमा विश्नोई ने किया तथा आभार सम्मेलन के सह संयोजक दिनेश मईडा ने माना।

उद्घाटन सत्र से पूर्व दो दिवसीय शैक्षिक सम्मेलन का ध्वजारोहण किया गया तत्पश्चात आयोजित स्व जयदेव पाठक स्मृति व्याख्यानमाला में वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय कार्यकारिणी सदस्य हनुमान सिंह राठौड़ ने स्व जयदेव पाठक के कृतित्व और व्यक्तित्व के माध्यम से शिक्षकों को पूर्ण निष्ठा के साथ कार्य करने का आग्रह किया। 

इस आयोजन में प्रदेश भर के समस्त जिलों से हजारों की संख्या में शिक्षक पहुंचे।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा,  20 दिसम्बर 2025 को मुख्य अतिथि के रूप में इस आयोजन में भाग लेगे।

संरक्षक प्रहलाद शर्मा, बजरंग प्रसाद मजेजी, उमराव, संपत सिंह, कैलाश सुथार, अमरजीत सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष संभाग बांसवाड़ा देवीलाल पाटीदार, दिलीप पाठक,आशीष उपाध्याय,प्रवीण जैन, कमल सिंह सोलंकी, जनक भट्ट,जयदीप पाटीदार ,रमेशचन्द्र पाटीदार,रितेश ठाकुर, शंकरलाल कटारा, बलवंत बामणिया, दिलीप सिंह चौहान, सुदर्शन सिंह, देवीलाल निनामा, गोपाल मीणा, मोहनलाल शर्मा, शंकरलाल भगोरा, अशोक मईडा, सरदार सिंह कटारा, भगवतीलाल खांट, पृथ्वीपाल सिंह, सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-