भारतीय सेना ने जवानों को इंस्टाग्राम इस्तेमाल की सीमित अनुमति दी पोस्ट पर प्रतिक्रिया पर पूरी पाबंदी

भारतीय सेना ने जवानों को इंस्टाग्राम इस्तेमाल की सीमित अनुमति दी पोस्ट पर प्रतिक्रिया पर पूरी पाबंदी

प्रेषित समय :22:32:08 PM / Thu, Dec 25th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. भारतीय सेना ने हाल ही में अपनी सोशल मीडिया नीति में अहम बदलाव किया है, जिसके तहत अब सैनिक और अधिकारी Instagram का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन केवल देखने और मॉनिटर करने के उद्देश्य से. पोस्ट करना, लाइक करना या कमेंट करना अभी भी सख्त मना है. यह नीति सेना मुख्यालय द्वारा डायरेक्टरेट जनरल ऑफ मिलिट्री इंटेलिजेंस (DGMI) शाखा के माध्यम से जारी की गई है और इसे तुरंत लागू किया गया है.

इस नई नीति के तहत, सैनिक Instagram पर केवल passive participation यानी सिर्फ सामग्री देखने और जानकारी हासिल करने तक सीमित रहेंगे. कोई भी सैनिक किसी पोस्ट पर सक्रिय रूप से प्रतिक्रिया नहीं कर सकता, लेकिन अगर उन्हें फर्जी या भ्रामक सामग्री दिखाई देती है, तो वे इसे वरिष्ठ अधिकारियों तक रिपोर्ट कर सकते हैं. इस निर्देश का उद्देश्य सैनिकों को डिजिटल प्लेटफॉर्म की गतिविधियों से अवगत कराना और उन्हें सोशल मीडिया की दुनिया में सावधान बनाए रखना है, ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े किसी भी खतरे को रोका जा सके.

सेना ने स्पष्ट किया है कि इस नई सुविधा के बावजूद अन्य सोशल मीडिया नियम और निर्देश लागू रहेंगे. सैनिकों को VPN, टोरेंट वेबसाइट, क्रैक्ड सॉफ्टवेयर और एनोनीम वेब प्रॉक्सी का इस्तेमाल करने की मनाही है, क्योंकि ये सुरक्षा और गोपनीयता के लिहाज से गंभीर जोखिम पैदा कर सकते हैं. डिजिटल सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम सैनिकों को सोशल मीडिया की जानकारी हासिल करने की अनुमति देता है, लेकिन किसी भी तरह के व्यक्तिगत या संवेदनशील डेटा को साझा करने से रोकता है.

जानकारी के अनुसार, 2019 तक भारतीय सेना के जवान किसी भी सोशल मीडिया ग्रुप का हिस्सा नहीं बन सकते थे. सोशल मीडिया के दुरुपयोग और सुरक्षा खतरों के कई मामलों के बाद, 2020 में सेना ने 89 मोबाइल एप्लिकेशन हटाने का निर्देश दिया था, जिसमें Facebook और Instagram भी शामिल थे. इसके बाद भी कुछ प्लेटफॉर्म जैसे Facebook, YouTube, X, LinkedIn, Quora, Telegram और WhatsApp का इस्तेमाल सख्त निगरानी के तहत अनुमति दी गई थी. इस बार Instagram पर सिर्फ passive access की अनुमति दी गई है, जिससे सैनिक डिजिटल दुनिया की गतिविधियों को समझ सकें, लेकिन किसी भी तरह की सक्रिय भागीदारी या प्रतिक्रिया नहीं कर सकते.

विशेषज्ञों का कहना है कि यह नीति सैनिकों को सोशल मीडिया के खतरों से बचाते हुए उन्हें आवश्यक डिजिटल जागरूकता प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. Instagram और अन्य प्लेटफॉर्म पर passive participation की अनुमति सैनिकों को फर्जी और भ्रामक खबरों पर नजर रखने और उन्हें वरिष्ठ अधिकारियों तक रिपोर्ट करने का अवसर देगी. यह कदम सेना की डिजिटल खुफिया क्षमता को बढ़ाने में भी सहायक होगा.

सोशल मीडिया विशेषज्ञों के अनुसार, यह नीति सैनिकों को केवल सूचना जुटाने और निगरानी करने की अनुमति देती है, जिससे उनका ध्यान और ऊर्जा ऑपरेशनल जिम्मेदारियों पर केंद्रित रह सकेगी. सोशल मीडिया पर सक्रिय भागीदारी या किसी पोस्ट को शेयर करने से सैनिकों की गोपनीयता और सुरक्षा पर खतरा हो सकता है. इसलिए सेना ने यह कदम सुरक्षा और निगरानी दोनों को ध्यान में रखकर उठाया है.

इस नीति से यह भी स्पष्ट हो गया है कि सेना सोशल मीडिया को पूरी तरह से प्रतिबंधित रखने की बजाय नियंत्रित और monitored तरीके से इस्तेमाल करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है. जवान अब Instagram पर सार्वजनिक या निजी पोस्ट को देख सकते हैं, लेकिन किसी भी तरह का लाइक, कमेंट या शेयर करना सख्त मना है.

यह फैसला इस समय और भी महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें और misinformation तेजी से फैल रही हैं. सेना की यह नीति जवानों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मौजूद फर्जी और भ्रामक सूचनाओं पर नजर रखने और उन्हें रोकने का अधिकार देती है. इस कदम से यह भी संकेत मिलता है कि भविष्य में सैनिकों को सोशल मीडिया के माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा, खुफिया निगरानी और डिजिटल जागरूकता बढ़ाने का अवसर मिलेगा.

सोशल मीडिया पर सैनिकों के लिए passive access की अनुमति से यह उम्मीद जताई जा रही है कि जवान डिजिटल दुनिया से जुड़े रहकर महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर सकेंगे, लेकिन किसी भी संवेदनशील सामग्री या ऑपरेशनल डेटा को साझा नहीं करेंगे. इससे यह सुनिश्चित होगा कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल सिर्फ सूचना हासिल करने और निगरानी करने के उद्देश्य से हो.

विशेषज्ञों का मानना है कि इस नीति से सैनिकों की डिजिटल जागरूकता बढ़ेगी और सोशल मीडिया पर होने वाले गलत इस्तेमाल को रोका जा सकेगा. Instagram के अलावा अन्य प्लेटफॉर्म पर भी इसी तरह की monitored access की नीति लागू है, जिससे सैनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म की गतिविधियों से अवगत रह सकें, लेकिन किसी भी तरह की सक्रिय भागीदारी से बचें.

सेना सूत्रों का कहना है कि यह नीति जवानों को सोशल मीडिया की दुनिया से जोड़ती है, लेकिन उन्हें संभावित खतरों से दूर रखती है. केवल passive access की अनुमति देने से सेना को डिजिटल खुफिया जानकारी हासिल करने का फायदा मिलेगा, जबकि सोशल मीडिया पर किसी भी तरह के व्यक्तिगत या राजनीतिक विवाद में फंसने की संभावना कम होगी.

सैनिकों को Instagram और अन्य प्लेटफॉर्म पर केवल passive participation की अनुमति देने से उनकी गोपनीयता और सुरक्षा बनी रहेगी. सोशल मीडिया का इस्तेमाल सिर्फ सूचना प्राप्त करने और निगरानी के उद्देश्य से होगा. किसी भी पोस्ट पर लाइक, कमेंट या शेयर करना सख्त मना है.

यह कदम सेना की डिजिटल खुफिया क्षमता बढ़ाने, जवानों को सोशल मीडिया की गतिविधियों से अवगत कराने और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है. विशेषज्ञों के अनुसार, भविष्य में अगर डिजिटल खुफिया और सोशल मीडिया की जरूरत बढ़ती है, तो सेना और अन्य प्लेटफॉर्म पर भी इसी तरह की monitored access नीति लागू कर सकती है.

इस नीति से साफ है कि भारतीय सेना सोशल मीडिया को नियंत्रित और monitored तरीके से इस्तेमाल करना चाहती है. सैनिक अब Instagram और अन्य प्लेटफॉर्म पर सिर्फ passive observation कर सकते हैं, जबकि posting, commenting और liking पर प्रतिबंध जारी रहेगा. सभी नियम और सुरक्षा दिशानिर्देश अब भी लागू रहेंगे.

अंततः, भारतीय सेना ने सोशल मीडिया का इस्तेमाल नियंत्रित तरीके से करने का रास्ता अपनाया है. इस नीति से सैनिक डिजिटल दुनिया की जानकारी हासिल कर सकेंगे, फर्जी या भ्रामक सामग्री को रिपोर्ट कर सकेंगे, लेकिन किसी भी तरह की सक्रिय भागीदारी या इंटरैक्शन अभी भी प्रतिबंधित रहेगी. यह कदम सुरक्षा, गोपनीयता और राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखकर उठाया गया है.

इस बदलाव के साथ, सैनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म की दुनिया से जुड़े रहेंगे, लेकिन पूरी तरह सुरक्षित और नियंत्रित तरीके से. सोशल मीडिया के लाभ उठाने का अवसर उन्हें मिलेगा, लेकिन किसी भी तरह के डिजिटल रिस्क या गोपनीयता उल्लंघन को बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-