राहु के दुष्प्रभाव से बचने के लिए नियमित रूप से मैडिटेशन करना चाहिए क्योंकि राहु हमारे मन को अशांत और व्याकुल बनाता है और मैडिटेशन से मन शांत होता है.
अगर राहु कि वजह से कोई रोग आ गया है या आने वाला है तो आप अस्पताल जाइए और मरीजों को फल और दवाईयां आदि से मदद करें.
राहु के दुस्प्रभाव से बचने के लिए पांच सुखे नारियल लेकर उनको सफ़ेद धागे में पिरो कर माला बना लें और मंगलवार रात को सिरहाने रखकर सोएं और बुधवार शाम को सूर्यास्त के समय जल प्रवाह कर दें और बिना पिछे मुडकर देखें घर आ जाएं.
राहु के दुष्प्रभाव से बचने के लिए चाय पत्ती को लेकर दोनों हाथों की हथेलियों से आधे घंटे तक मसलें. इस चायपत्ती को सूर्यास्त के समय किसी सफाई कर्मचारी को दान कर दें.
राहु के दुष्प्रभाव से बचने के लिए देसी दारू का दान करें लेकिन स्वयं सेवन न करें.
काली उड़द 300 ग्राम साबुत काले बकरे को खिलाएं.
18 मुली बुधवार को किसी हरिजन को दान दें या किसी मन्दिर में दान करें.हरे पत्ते गाय को खिलाएं.
राहु की शीशे की (लीड की) मुर्ति बनवा कर एक ही दिन में राहु के 72000 मंत्रों का जाप करके मुर्ति को उसी दिन कपड़े सहित पानी में बहा दें.
चांडाल दोष में राहु के 72000 और बृहस्पति के 76000 जाप कराएं. बृहस्पति की स्वर्ण कि मुर्ति बनवा कर जाप के बाद 41 दिन पुजा पाठ करने के बाद गले में धारण करें.
बुधवार और शनिवार को घर के बाथरूम श्री राम जय राम जय जय राम करते हुए अच्छी तरह साफ सुथरा करें.
तम्बाकू का दान किसी सफाई कर्मचारी को करें.
राहु के दुष्प्रभाव से बचने हेतु घर में रामायण का पाठ नित्य प्रति करें.
कुंडली के सभी भावों पर सूर्य और शनि युति का प्रभाव
कुंडली के दसवें भाव में गुरु ग्रह शुभ हो तो व्यक्ति ऊंचा पद प्राप्त कर सकता
जन्म कुंडली में यदि चंद्रमा दूसरे या आठवे भाव में हो, तो पसीना अधिक आता
सूर्य-शुक्र की युति जन्मकुंडली में हो तो कानों में सोने की बालियां पहनें