जबलपुर में भू-माफियाओं ने बेच दी पांच हजार वर्गफीट सीलिंग की जमीन, कलेक्ट्रेट से हो गई रजिस्ट्री, अधिकारी पहुंचे, कार्यवाही नदारद, देखें वीडियो

जबलपुर में भू-माफियाओं ने बेच दी पांच हजार वर्गफीट सीलिंग की जमीन, कलेक्ट्रेट से हो गई रजिस्ट्री, अधिकारी पहुंचे, कार्यवाही नदारद, देखें वीडियो


पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर में भूमाफियाओं पर की जा रही कार्यवाही भी अब सवालों के घेरे में आ गई है, ऐसा ही एक मामला गढ़ा की गजरथ नगर कालोनी का सामने आया है, यहां पर भूमाफियाओं ने पांच वर्गफीट सीलिंग की जमीन को करोड़ों रुपए में बेच दिया. इस बात की शिकायत मिलने पर दो माह पहले अधिकारी गए, जिन्होने जांच कर काबिज लोगों को यह जानकारी तो दे दी कि सीलिंग की जमीन है लेकिन आज तक भूमाफियाओं पर कोई कार्यवाही नही की गई, जिसे देखते हुए अब यही चर्चा है कि जबलपुर में भूमाफियाओं पर कार्यवाही भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है.

बताया जाता है कि गढ़ा के गजरथ नगर कालोनी क्षेत्र में सीलिंग की करीब पांच हजार वर्ग फीट जमीन के अलावा शासकीय जमीन पर क्षेत्र के भूमाफियाओं ने कब्जा कर स्वयं का बताते हुए लोगों को लाखों रुपए में बेच दिया. करीब चार साल से बेची जा रही इस जमीन को लोगों ने सही समझकर मकानों का निर्माण कर लिया, यहां तक परिवारों के साथ रहने लगे, यहां पर मकान खरीदकर रह रहे लोगों के उस वक्त पैरों से जमीन खिसक गई जब उन्हे यह जानकारी लगी कि उक्त जमीन सीलिंग है, जिसे भूमाफियाओं ने मिलकर बेचा है. दो माह पहले एसडीएम गोरखपुर मणीन्द्रसिंह ने मौके पर पहुंचे लोगों को यह जानकारी दी कि उक्त जमीन शासन है, जिसे धोखाधड़ी करते हुए बेचा है, एसडीएम सहित अन्य अधिकारियों ने भूमाफियाओं पर कार्यवाही करने की बात तो कही लेकिन उसके बाद सारा मामला फाइलों में दफन हो गया, वहीं लाखों रुपए के प्लाट खरीदकर मकान बनाकर रह रहे लोगों में दहशत है कि कहीं उनके मकानों न तोड़ दिए जाए क्योकिं  उन्होने जीवन भर की पूंजी लगाकर प्लाट खरीदकर मकान का निर्माण किया है, ऐसे में यदि कार्यवाही होती है वे सड़क पर आ जाएगें.

दो माह बाद भी कोई कार्यवाही नहीं-

खासबात तो यह है कि दो माह पहले जिला प्रशासन के अधिकारी पहुंचे थे,  जिन्होने भूमाफियाओं पर कार्यवाही किए जाने की बात तो कहीं लेकिन आज दो माह बीतने के बाद भी कोई कार्यवाही नही की गई, इस दौरान अन्य भूमाफियाओं पर जरुर कार्यवाही हो गई. जिससे यह बात तो साफ हो गई है कि भूमाफियाओं के खिलाफ चल रही मुहिम भी अधिकारियों की मनमर्जी के हिसाब से चल रही है.

इन भूमाफियाओं के नाम सामने आए है-

मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान बताया था कि सीलिंग की जमीन को बेचने में विक्की ठाकुर, रिंकू पांडेय, भवानी चौधरी, पारस दुबे, प्रशांत ठाकुर, विकल खटीक, रंजीत ठाकुर सहित अन्य भूमाफियाओं के नाम सामने आए है, जिनपर जल्द ही प्रशासन कार्यवाही की जाएगी. दो माह पहले एसडीएम द्वारा कार्यवाही की बात कही गई लेकिन आज तक कोई कार्यवाही न की जाना सवालों के घेरे में है.

मुख्यमंत्री की मुहिम पर ऐसे चल रही कार्यवाही-

जबलपुर में इस मामले के सामने आने के बाद यह बात तो साफ हो गई है कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा भूमाफियाओं, मिलावटखोरों के खिलाफ मुहिम चलाकर कार्यवाही किए जाने के आदेश पर भी अधिकारी अपने फायदे देख रहे है, चर्चा में यह बात भी सामने आई है कि जबलपुर में कार्यवाही के नाम पर नोटिस दिए जाने का खेल चल रहा है.

11 लाख रुपए तक के प्लाट खरीदे-

पीडि़तों ने बताया कि उन्हे भूमाफियाओं ने यही जानकारी दी थी कि जमीन में किसी तरह का कोई विवाद नहीं है, जिसपर उन्होने आठ सौ प्रति वर्गफीट के हिसाब से जमीन खरीदी रही, करीब 11 लाख रुपए प्लाट खर्च करने में खरीदे है, किसी ने नौ लाख रुपए में प्लाट खरीदा है अब कहा जा रहा है कि उक्त जमीन सीलिंग की है.

कार्यवाही क्या हुई फाइल देखी जा सकती है-

इस संबंध में जब एसडीएम गोरखपुर से बात की गई तो उनका जबाव भी बेतुका था कार्यवाही होने की बात को दरकिनार रखते हुए कहा गया कि आफिस में फाइल रखी है देखा जा सकता है कि मामले में क्या हुआ, कुल मिलाकर इस तरह से कार्यवाही अधिकारियों की मनमानी की बलि चढ़ गई है. 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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