समुद्र में अब चीन सबसे ताकतवर, अमेरिकी नौसेना से आगे निकला

समुद्र में अब चीन सबसे ताकतवर, अमेरिकी नौसेना से आगे निकला

प्रेषित समय :11:50:12 AM / Sun, Mar 7th, 2021

नई दिल्ली. अमेरिका को पीछे छोड़कर चीन दुनिया की सबसे बड़ी नौसैन्य ताकत बन गया है। अभी चीनी नौसेना में जितने युद्धपोत और पनडुब्बियां शामिल हैं, उतनी तो अमेरिका के पास भी नहीं है। हालांकि, इतने हथियारों के बावजूद उनकी युद्धक क्षमता दुनिया के कई देशों से कम है। एक अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कुछ साल पहले अपनी नौसेना को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनाने का संकल्प लिया था।

साल 2018 में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी ने दक्षिण चीन सागर में अपनी सामरिक ताकत का प्रदर्शन किया था। इसमें एक साथ 48 युद्धपोत, दर्जनों लड़ाकू विमान और 10,000 से अधिक नौसैनिक शामिल हुए थे। यूएस ऑफिस ऑफ नेवल इंटेलीजेंस के मुताबिक, 2020 तक समुद्र में चीन ने 360 से ज्यादा युद्धपोतों की तैनाती कर चुका है, जो उसे सबसे ताकतवर समुद्री ताकत बनाता है। अमेरिकन नेवी का ये खुलासा पूरी दुनिया के लिए खतरे की घंटी से कम नहीं है। क्योंकि, चीन जिस तरीके से रक्षा क्षेत्र में खर्च कर रहा है और उसकी विस्तारवादी नीति आने वाले वक्त में विश्व को युद्ध में धकेल सकती है। यूएस नेवल वार कॉलेज में चीन मेरीटाइम स्टडीज बढ़ाने वाले एंड्रयू इरिक्शन ने लिखा है कि चीन ने नेवल शिपयार्ड को सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि जो भी जहाज बनेगा वो सबसे अच्छा बनना चाहिए।

चीन पहले से ही जहाज निर्माण की कला में पारंगत था। साल 2015 में चीनी नौसेना ने अपनी ताकत को अमेरिकी नौसेना के बराबर करने के लिए व्यापक मुहिम चलाई थी। चीन को आगे देख अमेरिकी नेवी आने वाले वक्त में अपने युद्धपोतों की संख्या 297 से 355 के बीच करने की योजना में जुट गया है।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

भारतीय बंदरगाहों को निशाना बना रहे हैं चीनी हैकर्स, अमेरिकी कंपनी का बड़ा खुलासा

चीन के निशाने पर भारत की वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां, हैकर्स ने की फार्मूला चुराने की कोशिश

कैलाश मानसरोवर की यात्रा इस साल भी होनी मुश्किल, अब चीन पर निर्भरता होगी कम

देश की पावर ग्रिड चीनी हैकर्स के निशाने पर, अमेरिकी रिपोर्ट में हुआ खुलासा

मरु महोत्सव: 2021, कुलधरा में होगा प्राचीन विरासतों का दिग्दर्शन

चीनी विदेश मंत्री से जयशंकर ने की बात, हुई मॉस्को समझौते को लागू करने पर चर्चा

Leave a Reply