महाशिवरात्रि मुहूर्त ज्ञान:
चतुर्दशी आरंभ 11 मार्च 2021:- दिन में 2 बजकर 10 मिनट
चतुर्दशी समाप्त 12 मार्च:- दिन में 02 बजकर 42 मिनट
निशीथ काल 11 मार्च मध्य रात्रि के बाद 12 बजकर 25 मिनट से 1 बजकर 12 मिनट तक.
शिवयोग 11 मार्च सुबह 07 बजकर 56 मिनट तक,
सिद्ध योग 07 बजकर 56 मिनट से अगले दिन 8 बजकर 25 मिनट तक
धनिष्ठा नक्षत्र रात 9 बजकर 13 मिनट तक उपरांत शतभिषा नक्षत्र
पंचक आरंभ 11 मार्च सुबह 9 बजकर 04 मिनट से
महाशिवरात्रि पर पूजा का समय गृहस्थ और साधकों के लिए
महाशिवरात्रि के अवसर पर तंत्र, मंत्र साधना, तांत्रिक पूजा, रुद्राभिषेक करने के लिए रात्रि 12 बजकर 25 मिनट से 1 बजकर 12 मिनट तक का समय श्रेष्ठ रहेगा.
सामान्य गृहस्थ को शुभ और मनोकामना पूर्ति के लिए सुबह और संध्या काल में शिव की आराधना करनी चाहिए.
2 बजककर 10 मिनट से चतुर्दशी लग जाने से दोपहर बाद शिवजी की पूजा का विशेष महत्व रहेगा.
देवों के देव महादेव के ऊपर सिर्फ जल और बेलपत्र ही नहीं, इसके अतिरिक्त बहुत सारे द्रव चढ़ाए जाते हैं, जिन से अलग-अलग फल प्राप्त होते हैं और मनुष्य की कामनाएं पूरी होती हैं, महाशिवरात्रि पर भगवान शिव और मां गौरी की पूरे विधि विधान से पूजा कीजिए और अपने जीवन को सफल और संतुष्ट बनाइए !!
श्लोक :-
जलेन वृष्टिमाप्नोति व्याधिशांत्यै कुशोदकै.
दध्ना च पशुकामाय श्रिया इक्षुरसेन वै..
मध्वाज्येन धनार्थी स्यान्मुमुक्षुस्तीर्थवारिणा.
पुत्रार्थी पुत्रमाप्नोति पयसा चाभिषेचनात..
बन्ध्या वा काकबंध्या वा मृतवत्सा यांगना.
जवरप्रकोपशांत्यर्थम् जलधारा शिवप्रिया..
घृतधारा शिवे कार्या यावन्मन्त्रसहस्त्रकम्.
तदा वंशस्यविस्तारो जायते नात्र संशय:..
प्रमेह रोग शांत्यर्थम् प्राप्नुयात मान्सेप्सितम.
केवलं दुग्धधारा च वदा कार्या विशेषत:..
शर्करा मिश्रिता तत्र यदा बुद्धिर्जडा भवेत्.
श्रेष्ठा बुद्धिर्भवेत्तस्य कृपया शङ्करस्य च!!
सार्षपेनैव तैलेन शत्रुनाशो भवेदिह!
पापक्षयार्थी मधुना निर्व्याधि: सर्पिषा तथा..
जीवनार्थी तू पयसा श्रीकामीक्षुरसेन वै.
पुत्रार्थी शर्करायास्तु रसेनार्चेतिछवं तथा..
महलिंगाभिषेकेन सुप्रीत: शंकरो मुदा.
कुर्याद्विधानं रुद्राणां यजुर्वेद्विनिर्मितम्.
*- जल से रुद्राभिषेक करने पर वृष्टि होती है.
- कुशा जल से अभिषेक करने पर रोग व दु:ख से छुटकारा मिलता है.
- दही से अभिषेक करने पर पशु, भवन तथा वाहन की प्राप्ति होती है.
- गन्ने के रस से अभिषेक करने पर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है.
- मधुयुक्त जल से अभिषेक करने पर धनवृद्धि होती है.
- तीर्थ जल से अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है.
- इत्र मिले जल से अभिषेक करने से रोग नष्ट होते हैं.
- दूध से अभिषेक करने से पुत्र प्राप्ति होगी. प्रमेह रोग की शांति तथा मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
- गंगा जल से अभिषेक करने से ज्वर ठीक हो जाता है.
- दूध-शर्करा मिश्रित अभिषेक करने से सद्बुद्धि की प्राप्ति होती है.
- घी से अभिषेक करने से वंश विस्तार होता है.
- सरसों के तेल से अभिषेक करने से रोग तथा शत्रुओं का नाश होता है.
- शुद्ध शहद से रुद्राभिषेक करने से पाप क्षय होते हैं.
इसके अलावा
1. शिवलिंग पर कच्चे चावल चढ़ाने से धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है.
2. तिल चढ़ाने से समस्त पापों का नाश होता है.
3. शिवलिंग पर जौ चढ़ाने से लंबे समय से चली रही परेशानी दूर होती है.
4. शिवलिंग पर गेहूं चढ़ाने से सुयोग्य पुत्र की प्राप्ति होती है.
5. शिवलिंग पर जल चढ़ाने से परिवार के किसी सदस्य का तेज बुखार कम हो जाने की मान्यता है.
6. शिवलिंग पर दूध में चीनी मिलाकर चढ़ाने से बच्चों का मस्तिष्क तेज होता है.
7. शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाने से सभी सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है.
8. शिवलिंग पर गंगा जल चढ़ाने से मनुष्य को भौतिक सुखों के साथ-साथ मोक्ष की प्राप्ति भी होती है.
9. शिवलिंग पर शहद अर्पित करना करने से टीबी या मधुमेह की समस्या में राहत मिलती है.
10. शिवलिंग पर गाय के दूध से बना शुद्ध देसी घी चढ़ाने से शारीरिक दुर्बलता से मुक्ति मिलती है.
11. शिवलिंग पर आंकड़े के फूल चढ़ाने से सांसारिक बाधाओं से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
12. शिवलिंग पर शमी के पेड़ के पत्तों को चढ़ाने से सभी तरह के दु:खों से मुक्ति प्राप्त होती है.
13. भगवान शिव के ऊपर नाग नागिन का जोड़ा चढ़ाने से कालसर्प योग से मिलने वाली परेशानियों का अंत होता है, यह जोड़ा सोना, चांदी, तांबा अपनी यथाशक्ति अनुसार चढ़ा सकते हैं !!
किसी भी प्रकार की समस्या समाधान के लिए आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) जी से सीधे संपर्क करें - 9131366453
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-शिवरात्रि पर करें इन 8 में से कोई 1 उपाय, दूर हो सकती है परेशानी
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