नई दिल्ली. सरकारी बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव के खिलाफ यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस ने 15 मार्च से दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है. यूएफबीयू नौ बैंक यूनियनों का संयुक्त मंच है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने पेश आम बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव रखा है. सरकार ने अगले वित्त वर्ष में विनिवेश के जरिये बड़ी राशि जुटाने का प्रस्ताव किया है.
सरकार इससे पहले आईडीबीआई बैंक में अपनी अधिकांश की हिस्सेदारी भारतीय जीवन बीमा निगम को बेच चुकी है. पिछले चार साल में सार्वजनिक क्षेत्र के 14 बैंकों का विलय किया जा चुका है.
आल इंडिया बैंक एम्पलायीज एसोसियेसन के महासचिव सी. एच. वेंकटचलम ने एक वक्तव्य में कहा कि 4, 9 और 10 मार्च को मुख्य श्रम आयुक्त के साथ हुई समाधान बैठक में कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला. इसलिये 15 और 16 मार्च को लगातार दो दिन हड़ताल का फैसला किया गया है. बैंकों के करीब 10 लाख कर्मचारी और अधिकारी इसमें भाग लेंगे.
भारतीय स्टेट बैंक सहित ज्यादातर बैंक अपने ग्राहकों को इस बारे में सूचित कर चुके हैं. बैंकों ने हालांकि यह भी कहा है कि वह बैंक शाखाओं में कामकाज को सामान्य बनाये रखने के लिये हर संभव प्रयास कर रहे हैं.
हड़ताल में यूनाइटेड फ्रंट और बैंक यूनियंस में ऑल इंडिया बैंक एम्पलायीज एसोसियेसन, ऑल इंडिया बैंक ऑफीसर्स कन्फेडरेशन, नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ बैंक एम्पलायीज, ऑल इंडिया बैंक ऑफीसर्स एसोसियेसन, और बैंक एम्पलायीज कन्फेडरेशन ऑफ इंडिया शामिल हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-आर्डिनेंस फैक्ट्रियों के निजीकरण पर सरकार का अडिय़ल रुख, एआईडीईएफ ने कहा वादाखिलाफी कर रही केेंद्र
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