जबलपुर. हिन्द मजदूर सभा (एचएमएस) के राष्ट्रीय महासचिव कॉमरेड हरभजन सिंह सिद्धू ने केंद्र सरकार को ललकारते हुए चेतावनी दी है कि वह रेलवे-डिफेंस के निजीकरण भूलकर भी नहीं करें, यह आग से खेलना होगा. कॉमरेड सिद्धू जबलपुर में रेलवे व डिफेंस यूनियंस के साथ मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय प्रांगण स्थित उमंग सामुदायिक भवन में रेल डिफेंस, कोयला, एमईएस तथा विभिन्न विभागों की संगठित असंगठित क्षेत्रों की विभिन्न यूनियनों की संयुक्त सभा को संबोधित कर रहे थे.
सभा में हरभजन सिंह सिद्धू राष्ट्रीय महासचिव हिंद मजदूर सभा, एसएन पाठक राष्ट्रीय अध्यक्ष ऑल इंडिया डिफेंस एम्पलाइज फेडरेशन, नाथूलाल पांडे अध्यक्ष कोयला यूनियन, नवीन लिटोरिया मंडलसचिव वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन, नेम सिंह प्रदेश सचिव एमएमएस, बीएन शुक्ला मंडल अध्यक्ष वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन, आरएन शर्मा ने शिरकत की.
मुख्य वक्ता हरभजन सिंह ने किसान आंदोलन, लेबर कोड, वेज कोड, निजीकरण, निगमीकरण, ठेकेदारी, ट्रेड यूनियन आंदोलन इत्यादि सहित सभी मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए सभी कर्मचारियों को एकजुट रहते हुए आंदोलन में शामिल होकर संघर्ष करने का संदेश दिया. मंच संचालन पुष्पेंद्र सिंह ने किया शरद बोरकर, कुशल राणा, राकेश जयसवाल, रोहित यादव, रितेश बेन, मोहनलाल, अमरीश सिंह, नितेश सिंह, वीरेंद्र साहू, शिवेंद्र रजक, मनीष यादव, सिंटू सिंह, रोमेश मिश्रा, जरनैल सिंह, कुमार संजय, राजा पांडे इत्यादि ने अतिथियों का पुष्प हार, शॉल तथा स्मृति चिन्ह से स्वागत किया.
कार्यक्रम के वक्ता एआईडीईएफ अध्यक्ष एसएन पाठक ने ट्रेड यूनियन आंदोलन में कर्मचारियों को बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया. नाथूलाल पांडे ने सभी विभागों के संयुक्त आंदोलन पर जोर दिया.
रेलवे के निजीकरण पर केेंद्र सरकार का ज्यादा जोर
इस मौके पर डबलूसीआरईयू के मंडल अध्यक्ष बीएन शुक्ला ने कहा कि केंद्र सरकार का इस समय पूरा जोर रेलवे के निजीकरण पर है. देखा जाए तो 50 फीसदी निजीकरण तो वह पीपीपी माडल या अन्य तरीके कर ही चुकी है, यह आने वाले समय में रेल कर्मचारियों के साथ-साथ इसका दुष्प्रभाव आम जनता को भी भुगतना होगा. श्री शुक्ला ने कहा कि कोरोना काल में जब देशव्यापी कफ्र्यू के दौरान सभी क्षेत्र, चाहे ट्रांसपोर्टर्स हों या सड़क मार्ग बंद था, उस दौरान लाखों मजदूरों को अपने गंतव्य तक पहुंचाने के लिए रेलवे के कर्मठ कर्मचारियों ने अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए सेवा दी, साथ ही घरों तक जरूरी सामग्री पहुंचाने के लिए मालगाडिय़ों का संचालन किया. यह इसी बात से समझा जा सकता है कि हर विषम परिस्थितियों का कर्मठता से मुकाबला करने में सरकारी क्षेत्र ही सक्षम है, निजी क्षेत्रों पर भरोसा नहीं किया जा सकता. श्री शुक्ला ने कहा कि सरकार रेलवे में आईएएस अफसरों व निजी कंपनियों के सीईओ को प्रमुख पदों पर बैठाने की योजना बना रही है, ताकि यह अफसर निजीकरण को बढ़ावा देने के लिए मनमुताबिक काम कर सकें.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जबलपुर हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, विवाहित बेटियों को भी मिलेगी अनुकंपा नियुक्ति
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