मुंबई. मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के करीब विस्फोटकों से भरी स्कॉर्पियो कार के मामले में शिवसेना ने जांच एजेंसी एनआईए और केंद्र सरकार पर हमला बोला है. मुंबई पुलिस के एपीआई सचिन वाजे की गिरफ्तारी पर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा है कि वाजे को गिरफ्तार करना महाराष्ट्र पुलिस का अपमान है. लेकिन सच जल्द ही सामने आएगा.
शिवसेना ने लिखा है कि एनआईए को यह नहीं होने देना था. उसने वाजे को गिरफ्तार करके महाराष्ट्र पुलिस दल का अपमान किया है. यह सब सुनियोजित ढंग से किया जा रहा है. वाझे को गिरफ्तार करके दिखाया, इसकी खुशी जो मना रहे हैं, वे राज्य की स्वायत्तता पर आघात कर रहे हैं. शिवसेना ने कहा कि सत्य जल्द ही बाहर आएगा, ऐसी अपेक्षा है.
शिवसेना ने सामना में लिखा कि सरकार ने एनआईए को जांच की जिम्मेदारी सौंप दी. इसकी इतनी जल्दी जरूरत नहीं थी. लेकिन महाराष्ट्र के किसी मामले में टांग अड़ाने का मौका मिले तो केंद्र की जांच एजेंसियां भला पीछे क्यों रहें? बीस जिलेटिन की छड़ें और कार मालिक की संदिग्ध मौत की जांच एनआईए ने अपने हाथ में लेकर तुरंत वाजे को गिरफ्तार करने का कर्तव्य पूरा कर दिखाया. वाजे की गिरफ्तारी के बाद बीजेपी को जो आनंद मिला है, उसका वर्णन करने में शब्द कम पड़ जाएंगे.
शिवसेना ने आगे कहा कि बीस जिलेटिन छड़ों के मामले में वाजे को केंद्रीय जांच एजेंसी ने गिरफ्तार किया है. वाजे की गिरफ्तारी कानूनी या गैरकानूनी, इस चर्चा का अब कोई अर्थ नहीं है. विपक्ष की सरकारों को अस्थिर या बदनाम करने के लिए किसी भी स्तर पर जाना, फर्जी मामले निर्माण करना, राज्य सरकार के अधिकारों पर अतिक्रमण करना, ऐसे प्रकार बेझिझक चल रहे हैं.
शिवसेना ने कहा कि महाराष्ट्र में कहीं कुछ खटका तो केंद्रीय एजेंसियां तुरंत महाराष्ट्र में दौड़ आती हैं. अब तो लगता है कि केंद्र सरकार की यह नीति ही बन गई है. अंबानी अपने देश की एक ऊंची हस्ती हैं. उनकी सुरक्षा में किसी प्रकार की कमी होनी ही नहीं चाहिए. इसीलिए उनके घर के परिसर में मिली बीस जिलेटिन की छड़ें और उसके बाद हुई मनसुख हिरेन की मौत, ये दोनों मामले गंभीर हैं. लेकिन इस मामले की जांच मुंबई पुलिस नहीं कर पाएगी, यह केंद्र सरकार परस्पर कैसे निधाज़्रित कर सकती है?
शिवसेना ने कहा कि वाजे से कोई गलती हुई होगी और 20 जिलेटिन छड़ों के मामले में वे अपराधी होंगे तो उन पर नियमानुसार कार्रवाई करने में मुंबई पुलिस और आतंकवादी निरोधी दस्ता सक्षम था. लेकिन केंद्रीय जांच दस्ते को यह नहीं होने देना था. उसने वाजे को गिरफ्तार करके महाराष्ट्र पुलिस दल का अपमान किया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मुंबई: पुलिस अधिकारी सचिन वजे का विवादों के बीच ट्रांसफर, विधानसभा के बाहर बीजेपी का प्रदर्शन
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