नई दिल्ली. प्याज की मांग व आपूर्ति में लगातार बढ़ते अंतर की वजह से खुदरा बाजार की कीमतों में उतार-चढ़ाव पर काबू पाने के लिए सरकार ने प्याज का बफर स्टॉक बढ़ाकर दोगुना करने का फैसला किया है. केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्रालय की सचिव लीना नंदन ने बताया कि महंगाई जैसे विषय को लेकर सरकार बहुत संवेदनशील है, जिसके लिए चालू वर्ष में प्याज का बफर स्टॉक दो लाख टन किया जाएगा. प्याज की मांग देश के सभी हिस्सों में है, जबकि इसकी खेती सीमित क्षेत्रों में ही होती है. प्याज के भंडारण को लेकर भी कई तरह की चुनौतियां हैं. इनसे निपटने की तैयारी की जा रही है.
उपभोक्ता मंत्रालय के कामकाज का ब्योरा देने के बाद पूछे सवालों के जवाब में नंदन ने बताया कि प्याज की सरकारी खरीद के लिए केंद्रीय सहकारी एजेंसी को नामित किया गया है. भंडारण का दायित्व केंद्रीय वेयरहाउसिग कॉरपोरेशन (सीडब्ल्यूसी) के साथ निजी क्षेत्र की कंपनियां करेंगी. प्याज जैसी जल्दी खराब होने वाली फसल का भंडारण काफी चुनौतीपूर्ण होता है. इसके लिए विशेष कोल्ड स्टोरेज बनाए जाते हैं. इस क्षेत्र में निजी निवेश की सख्त जरूरत है. इस बाबत विशेष प्रोत्साहन योजना तैयार की गई है.
2019-20 में पहली बार 50 हजार टन प्याज का बफर स्टॉक बनाया गया था. 2020-21 के लिए एक लाख टन का प्याज का बफर स्टॉक बनाया गया. इस साल प्याज की पैदावार पिछले साल के मुकाबले बहुत अधिक नहीं होने का अनुमान है. हाल ही में जारी हार्टिकल्चर फसलों की पैदावार के पहले अग्रिम अनुमान के मुताबिक, रबी सीजन 2020-21 में प्याज का कुल उत्पादन 2.63 करोड़ टन होने का अनुमान है, जो 2019-20 में 2.61 करोड़ टन था. जिस बाजार में प्याज की मांग में साल दर साल इजाफा हो रहा है. इसके चलते कीमतें थम नहीं रही हैं. सरकारी बफर स्टॉक के माध्यम से जिस बाजार के असंतुलन को रोकने में मदद मिलेगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-केन्द्र सरकार की तैयारी, कर्मचारियों की नौकरी 1 अप्रैल से सप्ताह में 4 दिन और 12 घंटे
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